WHO की चेतावनी- सर्दियों में बढ़ेगा कोरोना का कहर, मृत्यु दर में भी होगा इजाफा
Latest update on Coronavirus: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बार फिर आने वाली सर्दियों को लेकर चेतावनी जारी करते हुए कहा है की यूरोप (Europe) समेत ऐसे देश जहां ज्यादा सर्दी होती है उन्हें सतर्क रहने की ज़रूरत है. संगठन के मुताबिक सर्दियों में न सिर्फ कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के मामले बढ़ेंगे बल्कि इससे होने वालीं मौतों में भी इजाफा देखा जाएगा.
लंदन. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि आने वाली सर्दियों में यूरोप (Europe) समेत दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना (Covid-19) का कहर बढ़ जाएगा. संगठन ने कहा कि इस दौरान अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी और मृत्यु दर में भी इजाफा होगा. यूरोप में डब्ल्यूएचओ के रीजनल डाइरेक्टर हेनरी क्लग ने कहा, ‘सर्दियों में युवा लोग बुजुर्ग आबादी के ज्यादा करीब होंगे हम गैरजरूरी भविष्यवाणी नहीं करना चाहते, लेकिन इसकी निश्चित रूप से आशंका है. इस दौरान ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती होंगे और मृत्युदर बढ़ जाएगी.’
If we open economies, we need to open schools🖍️📚📝 @WHO_Europe and 🇮🇹@robersperanza co-chairing virtual meeting with all 53 Member States on 31 August to develop a framework for safe schools in #COVID times while protecting communities. Watch this space: https://t.co/jiY56BjpMI
— Hans Kluge (@hans_kluge) August 28, 2020
हेनरी क्लग ने आने वाले महीनों में तीन मुख्य कारणों पर फोकस करने के लिए कहा है. इनमें स्कूलों का फिर से खुलना, सर्दी-जुकाम का मौसम और सर्दियों के दौरान बुजुर्गों की ज्यादा मौत शामिल हैं. इन वजहों से संक्रमण के घातक होने का खतरा है. उन्होंने कहा कि दुनिया के देशों को उनकी इस चेतावनी के मुताबिक अभी से तैयारियां करनी चाहिए. अमेरिका में स्कूल और कॉलेज खोलने के चलते कई जगह संक्रमण फैलने का मामला सामने आया है. बता दें कि मिसिसीपी के एक स्कूल में 4000 बच्चों और 600 टीचरों को क्वारंटीन करना पड़ा है.
हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा के नियम बदलेंगे
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि उसने एक कमेटी बनाई है जो हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा करने के नियम बदलेगी. कोरोना महामारी के बाद डब्ल्यूएचओ पर दुनिया को देरी से जानकारी देने के आरोप लगते रहे हैं. डब्ल्यूएचओ ने 30 जनवरी को कोरोना के चलते हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की थी. उसका दावा है कि इस दौरान चीन में केवल 100 मामले थे. अब डब्ल्यूएचओ ने अपने नियमों की समीक्षा की एक कमेटी बनाई है. जिससे देखा जाएगा कि क्या नियमों में कोई बदलाव किया जाना चाहिए?
साउथ कोरिया: डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द
उधर दक्षिण कोरिया में मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. यही वजह है कि यहां सभी डॉक्टरों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं और उन्हें काम पर लौटने को कहा गया है. खास बात यह है कि इन सबके बावजूद देश के डॉक्टर तीन दिन की हड़ताल पर जाने पर अड़े हैं. दूसरी तरफ सरकार ने कहा है कि वो समय रहते हालात पर काबू पाना चाहती है, इसके लिए सख्त कदम उठाने पर भी विचार किया जा सकता है.
मिस्र में कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बाद पहली बार शुक्रवार को देश की बड़ी मस्जिदों के दरवाज़े आम लोगों के लिए खोले गए.महामारी के कारण देश की सभी मस्जिदें मार्च के महीने से ही बंद थी और अब पहली इन्हें बार खोला गया है.मस्जिदों के खुलने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने मस्जिदों में आकर जुमे की नमाज़ अदा की.
इस दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन किया और मास्क लगाए रखा.लोगों से कहा गया था कि नमाज़ पढ़ने के लिए वो अपनी चादरें डिसइन्फेक्ट कर के साथ लाएं. लोगों को नमाज़ पढ़ने के लिए दस मिनट का वक्त दिया गया.काहिरा में मौजूद अल-अज़हर मस्जिद के सुपरवाइज़र अब्दुल मुनीम फौद ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मस्जिद अब और बंद नहीं होगी.उन्होंने कहा “हम ऐसे दौर में हैं जहां हमें ज़रूरत है कि अल्लाह हमारी प्रार्थना सुने. लोग इस मुश्किल वक्त के ख़त्म होने की प्रार्थना कर रहे हैं.”