2019 के अंत में ही दुनिया में फैल गया था कोरोना, अब इंसानी शरीर के हिसाब से बदल रहा रूप

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) के जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट (Genetics Institute) के वैज्ञानिकों को एक स्टडी में नए कोरोना वायरस SARS-CoV-2 के करीब 200 नए जेनेटिक म्यूटेशन मिले हैं. जिस पर रिसर्चरों का कहना है कि यह दिखाता है कि यह लोगों में फैलने के साथ ही बदल भी रहा है.

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लंदन. वैज्ञानिकों (Scientist) ने बुधवार को बताया कि COVID-19 से संक्रमित 7500 से ज्यादा लोगों के नमूनों के आनुवांशिक विश्लेषण (genetic analysis) से पता चला है कि नया कोरोना वायरस (Novel Coronavirus) पिछले साल के अंत में तेजी से फैला था और यह अपने इंसानी होस्ट (human hosts) के अनुसार खुद में बदलाव कर रहा है.

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) के जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट (Genetics Institute) के वैज्ञानिकों को एक स्टडी में नए कोरोना वायरस SARS-CoV-2 के करीब 200 नए जेनेटिक म्यूटेशन (genetic mutations) मिले हैं. जिस पर रिसर्चरों का कहना है कि यह दिखाता है कि यह लोगों में फैलने के साथ ही बदल भी रहा है.

‘नहीं कह सकते वायरस पहले के मुकाबले अधिक खतरनाक और संक्रामक हुआ’

UCL के प्रोफेरस फ्रेंकोइस बालोक्स, जो रिसर्च (result) का सह-नेतृत्व कर रहे हैं, ने बताया, ‘नतीजों में पता चला है कि SARS-CoV-2 की वैश्विक आनुवांशिक विविधता (अलग-अलग तरह के वायरस), दुनिया में इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए सभी देशों में देखी गई है. जिससे पता चलता है कि वायरस अपने प्रसार की शुरुआत में ही पूरी दुनिया में फैल गया था.’

बालोक्स ने कहा, “सभी वायरसों में प्राकृतिक तरीके से उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) होता है. यूं तो म्यूटेशन कोई बुरी बात नहीं है और SARS-CoV-2 में उम्मीद से तेज या धीमी गति से म्यूटेशन (mutation) हो रहा है, यह बताने का भी कोई तरीका नहीं है.” उन्होंने यह भी कहा, “अब तक हम यह भी नहीं कह सकते कि SARS-CoV-2 पहले के मुकाबले और खतरनाक या संक्रामक हो रहा है या नहीं.”

2019 में सामने आने के साथ ही दुनिया भर में तेजी से फैल गया था कोरोना
रॉयटर्स की एक सूची के मुताबिक, 36 लाख 80 हजार से ज्यादा लोग पूरी दुनिया में नए कोरोना वायरस (Novel Coronavirus) से संक्रमित हो चुके हैं और इससे 2 लाख 56 हजार लोगों की मौत हो गई है. दिसंबर 2019 में पहली बार चीन में मामलों की पहचान के बाद से 210 से अधिक देशों और क्षेत्रों में संक्रमण की सूचना मिल चुकी है.

बालोक्स ने बताया कि UCL टीम के नतीजे, बुधवार को इंफेक्शन, जेनेटिक्स और इवॉल्यूशन जर्नल (Journal) में बुधवार को छपे थे. जो बताते हैं कि 2019 के अंत में सामने आया और तेजी से दुनिया भर में फैल गया.

नए म्यूटेंट और 2019 के अंत में सामने आए वायरस के पुरखे एक ही
यह स्टडी (Study) इसकी उत्पत्ति के सटीक बिंदु या स्थान की पुष्टि नहीं कर सकी है.

बालोक्स की टीम ने दुनिया भर के 7500 से ज्यादा संक्रामक रोगियों के जीन की जांच की. उनके परिणाम इस बात को और पुख्ता करते हैं कि इन SARS-CoV-2 वायरस और 2019 के आखिरी में सामने आए उस वायरस के पुरखे एक ही हैं, जो अपने होस्ट जानवरों (Host Animal) से निकलकर लोगों में गया था.

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