काबुल एयरपोर्ट पर 2 फिदायीन हमले:4 अमेरिकी सैनिकों समेत 40 लोगों की मौत, 120 से ज्यादा घायल; ISIS-K पर शक

कुछ घंटे पहले ही अमेरिकी दूतावास ने काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले को लेकर आदेश दिया था. उन्होंने कहा था, काबुल एयरपोर्ट को तुरंत छोड़कर चले जाएं. ‘काबुल एयरपोर्ट के ईस्ट, नॉर्थ गेट से अमेरिकी नागरिक जल्दी हट जाएं’.

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काबुल. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के ठीक सामने गुरुवार शाम दो फिदायीन हमले हुए। रूसी मीडिया के मुताबिक, इसमें 40 लोगों के मारे जाने और 120 से ज्यादा केघायल होने की खबर है। अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने बताया है कि मारे गए लोगों में चार अमेरिकी सैनिक शामिल हैं। काबुल एयरपोर्ट से तमाम फ्लाइट ऑपरेशन्स बंद कर दिए गए हैं। हमले का आरोप आतंकी संगठन ISIS के खुरासन ग्रुप पर लगाया जा रहा है।

मेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने बताया कि, गुरुवार को हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के अब्बे गेट पर पहला ब्लास्ट हुआ। इसके कुछ ही देर बाद एयरपोर्ट के नजदीक बने बैरन होटल के पास दूसरा धमाका हुआ।

बताया जा रहा है कि यहां ब्रिटेन के सैनिक ठहरे हुए थे। फॉक्स न्यूज के मुताबिक, अमेरिका ने इस हमले के लिए आतंकी संगठन ISIS को जिम्मेदार बताया है। काबुल एयरपोर्ट और उसके आस-पास के इलाकों में धमाके की वजह से अफरा-तफरी का माहौल है।

तालिबान ने भी आतंकी हमला बताया
तालिबान ने अब तक 15 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। इसमें महिलाएं और मासूम बच्चे भी शामिल हैं। 52 लोगों के घायल होने की जानकारी दी है। तालिबान ने इसे आतंकी हमला बताया है। एयरपोर्ट पर एक शख्स ने बताया कि उसकी गोद में ही उसके बच्चे की मौत हो गई।

एक अमेरिकी नागरिक की भी मौत
रूसी मीडिया स्पुतनिक ने 13 लोगों के मारे जाने का दावा किया है। वहीं फॉक्स न्यूज ने बताया कि विस्फोट में 4 अमेरिकी सैनिकों और एक नागरिक के भी मारे जाने की खबर है।

भास्कर के सूत्रों के मुताबिक, एयरपोर्ट के पास बैरन होटल के पास धमाका हुआ है, जबकि दूसरा धमाका एयरपोर्ट के अब्बे गेट के पास हुआ है। यहीं अमेरिकी सैनिक तैनात थे।

सभी विमानों को नाटो की सेना ने सुरक्षा घेरे में ले लिया
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने दोनों धमाकों की पुष्टि की है। सुरक्षा के लिए काबुल एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। सभी विमानों को नाटो की सेना ने सुरक्षा घेरे में ले लिया है। इससे पहले अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने भी काबुल एयरपोर्ट के गेट के बाहर हुए ब्लास्ट की पुष्टि की।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के सचिव जॉन किर्बी ने कहा, ‘काबुल एयरपोर्ट के गेट पर बड़ा धमाका हुआ है। अभी तक मरने वालों की पुष्टि नहीं हो सकी है। जानकारी मिलते ही उपलब्ध करवाएंगे।’

बाइडेन ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई
काबुल एयरपोर्ट पर दो धमाकों के फौरन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को इसकी जानकारी दी गई। CBS न्यूज ने व्हाइट हाउस के एक सूत्र के हवाले से कहा है कि राष्ट्रपति और उनकी नेशनल सिक्योरिटी टीम सिचुएशन रूम में मौजूद हैं और काबुल के ताजा हालात पर विचार कर रहे हैं। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भी इस मीटिंग में मौजूद हैं।

इसके अलावा ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल मार्क मिले भी राष्ट्रपति के साथ हैं। बाइडेन को कुछ देर बाद इजराइल के राष्ट्रपति नेफ्टाली बेनेट से भी मुलाकात करनी है। माना जा रहा है कि सिचुएशन रूम की मीटिंग में अफगानिस्तान पर कुछ बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

एयरपोर्ट पर लगातार हो रही है फायरिंग CNN के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को हमले की जानकारी दे दी गई है। एयरपोर्ट पर लगातार फायरिंग की भी सूचना मिल रही है। एक अधिकारी ने कहा कि इस घटना में कई अफगानी मारे गए हैं। कई घायल भी हैं। पेंटागन ने भी फिदायीन हमले की पुष्टि की है।

 

अफगानिस्तान पर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद वहां के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. इसी बीच राजधानी काबुल के हवाई अड्डे के बाहर धमाके की खबर है. हवाई अड्डे पर धमाके की खबर की पुष्टि पेंटागन ने की है. इस धमाके में कई लोगों के घायल होने की संभावना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह हमला काबुल स्थित बैरन होटल के पास हुआ जहां ब्रिटेन के सैनिक और पत्रकार ठहरे हुए हैं. इससे पहले, इटली के एक सैन्य विमान के काबुल एयरपोर्ट से उड़ने के बाद उस पर फायरिंग की गई थी. हालांकि, इस घटना में विमान को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा था.

कुछ घंटे पहले ही अमेरिकी दूतावास ने काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले को लेकर आदेश दिया था. उन्होंने कहा था, काबुल एयरपोर्ट को तुरंत छोड़कर चले जाएं. ‘काबुल एयरपोर्ट के ईस्ट, नॉर्थ गेट से अमेरिकी नागरिक जल्दी हट जाएं’. उन्होंने आगे कहा, अगले आदेश तक सुरक्षित स्थानों पर ही रहें अमेरिकी नागरिक एबेंसी. वहीं ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर जमा लाखो लोंगो को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा था.

बता दें कि तालिबान का काबुल पर कब्जा जमाने के बाद अमेरिका, इटली समेत कई देश अपने और वहां के नागरिकों को निकालने में जुटे हुए हैं. इसके लिए सेना के विमान का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. भारत भी अपने नागरिकों के अलावा हिंदू और सिख अफगान नागरिकों को भी निकालने में जुटा है. इस मिशन को ‘देवी शक्ति’ नाम दिया गया है.

तालिबान ने दी थी अमेरिका को चेतावनी
इससे पहले तालिबान ने अमेरिका को चेताया था कि 31 अगस्त तक वह किसी भी हाल में वह देश छोड़ दे। अमेरिका ने भी तय समय सीमा में देश से सेना हटाने की बात कही थी। हालांकि आज ही व्हाइट हाउस ने 31 के बाद भी जरूरत पड़ने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जाने का ऐलान किया था।

विस्फोट के बाद घायलों को ट्रॉली से अस्पताल पहुंचाया गया।
विस्फोट के बाद घायलों को ट्रॉली से अस्पताल पहुंचाया गया।

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने आज ही आतंकी हमले की आशंका जताई थी
काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। इस बीच अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने आज ही काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले का बड़ा खतरा बताते हुए अपने नागरिकों से कहा है कि फिलहाल काबुल एयरपोर्ट पर नहीं जाएं और जो लोग एयरपोर्ट के बाहर मौजूद हैं वहां से तुरंत हट जाएं।

काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा था कि जो अमेरिकी काबुल एयरपोर्ट के अब्बे गेट, ईस्ट गेट या नॉर्थ गेट पर मौजूद हैं, वे फौरन वहां से हट जाएं और अगले निर्देश का इंतजार करें। वहीं ब्रिटेन ने आशंका जताई थी कि ISIS काबुल एयरपोर्ट पर हमला कर सकता है।

घायलों को ट्रॉली में भरकर भागते लोग।
घायलों को ट्रॉली में भरकर भागते लोग।

तालिबान ने पाकिस्तान को बताया दूसरा घर, कश्मीर पर भारत को दी नसीहत
तालिबान ने पाकिस्तान से अपनी नजदीकियों की बात कबूल की है। तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तानी चैनल ARY न्यूज से बातचीत में कहा है कि पाकिस्तान उनके संगठन (तालिबान) के लिए दूसरे घर जैसा है। जबीउल्लाह ने ये भी कहा है कि अफगानिस्तान की सीमा पाकिस्तान से लगती है और धार्मिक आधार पर भी दोनों देशों के लोग एक-दूसरे से घुले-मिले हुए हैं। इसलिए हम पाकिस्तान से रिश्ते और मजबूत करना चाहते हैं।

जबीउल्लाह ने भारत के साथ भी अच्छे रिश्ते की बता कही है। उसने कहा कि हमारी बस ये इच्छा है कि भारत अफगानियों के हितों के हिसाब से ही अपनी नीतियां तय करे। तालिबान प्रवक्ता ने कश्मीर को लेकर भारत को सकारात्मक रुख अपनाने की नसीहत दी। उसने कहा कि दोनों देशों के हित एक-दूसरे से जुडे हुए हैं, इसलिए हर विवादित मसलों को उन्हें मिल बैठकर सुलझाना चाहिए।

एयरपोर्ट के नजदीक मौजूद एक व्यक्ति ने स्काई न्यूज को बताया कि हमलावर ने भीड़ के बीच में पहुंचकर खुद को उड़ा लिया। ऐसा लग रहा था जैसे वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने के लिए ही आया है। अमेरिकी मीडिया द गार्जियन के मुताबिक मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

एयरपोर्ट के पास हुआ ब्लास्ट इतना जोरदा था कि धमाके के बाद उठा धूल का गुबार कई किलोमीटर दूर से साफ नजर आ रहा था।
एयरपोर्ट के पास हुआ ब्लास्ट इतना जोरदा था कि धमाके के बाद उठा धूल का गुबार कई किलोमीटर दूर से साफ नजर आ रहा था।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के मुताबिक पहला ब्लास्ट हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर और दूसरा बैरन होटल के पास हुआ है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के मुताबिक पहला ब्लास्ट हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर और दूसरा बैरन होटल के पास हुआ है।
अमेरिकी मीडिया फॉक्स न्यूज का दावा है ये हमला आतंकी संगठन ISIS ने किया है। सुरक्षा के लिए काबुल एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
अमेरिकी मीडिया फॉक्स न्यूज का दावा है ये हमला आतंकी संगठन ISIS ने किया है। सुरक्षा के लिए काबुल एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
पेंटागन ने भी फिदायीन हमले की पुष्टि की है। अब तक तीन अमेरिकी सैनिकों के जख्मी होने की खबर है।
पेंटागन ने भी फिदायीन हमले की पुष्टि की है। अब तक तीन अमेरिकी सैनिकों के जख्मी होने की खबर है।
तालिबान ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि वह 31 अगस्त तक वह किसी भी हाल में काबुल एयरपोर्ट छोड़ दे।
तालिबान ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि वह 31 अगस्त तक वह किसी भी हाल में काबुल एयरपोर्ट छोड़ दे।
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने आज ही काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले का बड़ा खतरा बताते हुए अपने नागरिकों से कहा था।
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने आज ही काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले का बड़ा खतरा बताते हुए अपने नागरिकों से कहा था।
संभावना जताई जा रही है कि इस फिदायीन हमले के बाद लोगों को रेस्क्यू किए जाने का काम लंब समय तक रोका जा सकता है।
संभावना जताई जा रही है कि इस फिदायीन हमले के बाद लोगों को रेस्क्यू किए जाने का काम लंब समय तक रोका जा सकता है।

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