सोमवार से ऑफिस में भी होगा वैक्सीनेशन, जानिए किन लोगों को लगेगी वैक्सीन और क्या होगी इसकी प्रोसेस?

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नई दिल्ली। देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच वैक्सीनेशन भी रफ्तार पकड़ने लगा है। देश में हर दिन औसतन 30 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। फिलहाल देश में 45 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को टीका लगाया जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार ने 11 अप्रैल से सरकारी और निजी दफ्तरों में भी वैक्सीन लगाने को मंजूरी दे दी है। केंद्र ने इसके लिए राज्यों से तैयारी करने को कहा है। चूंकि 11 अप्रैल को रविवार है और उस दिन दफ्तरों में अवकाश रहता है, इसलिए वैक्सीनेशन सोमवार से शुरू होगा।

वर्कप्लेस पर लगने वाले वैक्सीनेशन कैंप में किन लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी? क्या हर सरकारी और प्राइवेट ऑफिस में ये कैंप लगेंगे? ऑफिस के किन कर्मचारियों को वैक्सीन लगेगी? ऑफिस में कौन-सी वैक्सीन लगाई जाएगी? जिन लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है, क्या वो दूसरा डोज ऑफिस में ही लगवा सकते हैं? आइये जानते हैं…

क्या सभी सरकारी और निजी ऑफिस में वैक्सीन लगेगी?

नहीं। ऐसे ऑफिस जहां कम से कम 100 ऐसे कर्मचारी होंगे जो वैक्सीन लगवाने के पात्र और इच्छुक होंगे, वैक्सीन वहीं लगेगी। इसके साथ ही ऐसे हर ऑफिस के आसपास सरकारी या निजी टीकाकरण केंद्र भी होना चाहिए ताकि किसी आपातकालीन स्थिति में वहां से मदद ली जा सके। ऑफिस के टीकाकरण केंद्रों को इन सरकारी या निजी टीकाकरण केंद्र के साथ लिंक किया जाएगा। सरकारी ऑफिस को सरकारी टीकाकरण केंद्र और प्राइवेट ऑफिस को प्राइवेट टीकाकरण केंद्र के साथ लिंक किया जाएगा।

कितने लोग वैक्सीन लगवाने के पात्र हैं, ये कैसे पता चलेगा?

फिलहाल 45 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। यही नियम ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों पर भी लागू होगा। अगर आपका जन्म 1 जनवरी 1977 के पहले हुआ है तो आप वैक्सीन लगवाने के पात्र हैं। यानी अगर किसी ऑफिस में 100 कर्मचारियों की उम्र 45 साल या उससे ज्यादा है तो वहां वैक्सीन कैंप लगाया जा सकता है। एक और बात, किसी भी ऑफिस में कर्मचारियों के अलावा अन्य किसी को टीका नहीं लगाया जाएगा। यानी कर्मचारियों के माता-पिता या घर के किसी अन्य सदस्य को वैक्सीन नहीं लगेगी।

मेरे ऑफिस में कैंप लगना है और मैं वैक्सीन लगवाना चाहता हूं तो मुझे क्या करना होगा?

अगर आप 45 साल या उससे ज्यादा उम्र के हैं तो आपको को-विन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसे आप खुद भी कर सकते हैं। या फिर इसके लिए ऑफिस द्वारा चुने गए नोडल अधिकारी की मदद ले सकते हैं।

वैक्सीन का एक डोज पहले ही ले लिया तो क्या दूसरा डोज ऑफिस में ले सकते हैं?

यदि ऑफिस के किसी कर्मचारी ने पहले से वैक्सीन का एक डोज ले लिया तो उन्हें भी वैक्सीन लगाई जा सकेगी बशर्ते पहले वाला डोज और ऑफिस में दिया जाने वाला डोज एक ही हो। उदाहरण के लिए अगर आपने पहला डोज कोवैक्सिन का लिया है और आपके ऑफिस में भी कोवैक्सिन का डोज ही दिया जा रहा है तो आप दूसरा डोज ऑफिस में लगे कैंप में ले सकते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो आपको दूसरा डोज भी बाहर से ही लगवाना पड़ेगा।

मैंने सरकारी अस्पताल से पहली डोज लगवाई है, प्राइवेट कर्मचारी हूं, क्या मुझे वैक्सीन के लिए पैसे देने होंगे?

सरकारी अस्पताल में जब आपने वैक्सीन लगवाई थी तो वो फ्री में लगी थी, लेकिन प्राइवेट ऑफिस में वैक्सीन डोज के लिए आपको 250 रुपए देने होंगे। इसी तरह अगर किसी सरकारी कर्मचारी ने प्राइवेट अस्पताल में 250 रुपए देकर वैक्सीन का पहला डोज लगवाया है तो उसे अपने ऑफिस में वैक्सीन का दूसरा डोज फ्री में लगेगा।

सरकार के इस फैसले का टीकाकरण अभियान पर क्या असर पड़ेगा?

टीकाकरण एक्सपर्ट डॉक्टर चंद्रकांत लहारिया का कहना है कि इससे वैक्सीनेशन को रफ्तार मिलेगी। इसमें सरकार और लोग दोनों का ही फायदा है। लोगों को वैक्सीनेशन के लिए दूसरी जगह नहीं जाना होगा। चूंकि ये लोग नौकरीपेशा हैं इसलिए इनके पास समय की दिक्कत रहती है। ऐसे में ऑफिस में ही वैक्सीन मिल जाने से आसानी होगी। टीकाकरण केंद्रों पर भीड़ की वजह से जो लोग वैक्सीन लेने में झिझक रहे थे, उन लोगों के लिए ये राहतभरा फैसला है, लेकिन यहां पर्याप्त सावधानी बरतने की भी जरूरत है। वैक्सीनेशन के लिए जरूरी कोल्ड चेन जैसे सभी पहलुओं का ध्यान भी रखा जाना चाहिए।

ऑफिस को कैंप लगाने के लिए क्या करना होगा?

  • ऑफिस के एक सीनियर कर्मचारी को नोडल अधिकारी बनाना होगा। उनका काम जिला स्वास्थ्य अधिकारी या नजदीकी टीकाकरण केंद्र से बातचीत कर वैक्सीनेशन की पूरी व्यवस्था करना होगा।
  • नोडल अधिकारी को कंपनी की पूरी जानकारी के साथ को-विन पोर्टल पर कर्मचारी का रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद संबंधित अधिकारी वैक्सीनेशन की व्यवस्था कराएंगे।

ऑफिस में इसके लिए क्या-क्या व्यवस्था करनी होगी?

ऑफिस में इसके लिए 3 अलग-अलग कमरे बनाने होंगे। पहले कमरा वेटिंग, दूसरा वैक्सीनेशन और तीसरा निगरानी के लिए होगा। इसके लिए अस्थायी व्यवस्था भी की जा सकती है या ऑफिस में पहले से मौजूद जगह का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क जैसे सभी जरूरी नियमों का पालन भी करना होगा।

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