फांसी का इंतजार कर रही शबनम रामपुर से बरेली जेल शिफ्ट की गई, 26 जनवरी को पुलिसवालों के साथ फोटो खिंचवाई थी

शबनम ने प्रेमी के साथ मिलकर माता-पिता समेत परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी थी

0 999,035

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के रामपुर जेल में बंद शबनम को अब राज्य के बरेली जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। फांसी का इंतजार कर रही शबनम के खिलाफ यह कार्रवाई जेल की महिला पुलिसकर्मियों के साथ तस्वीरें सामने आने के बाद की गई है। शबनम की यह तस्वीर सबसे पहले दैनिक भास्कर ने 24 फरवरी को प्रकाशित की थी। इनमें वह रामपुर जेल की महिला पुलिसकर्मियों के साथ दिख रही है। इस मामले में जेल प्रशासन ने दो बंदीरक्षकों को सस्पेंड भी कर दिया है। जिन्हें निलंबित किया गया है, वे हैं महिला सिपाही नाहिद बी और पुरुष सिपाही शुएब खान। दोनों पति-पत्नी हैं।

13 सालों से जेल में बंद शबनम की यह तस्वीरें जेल में इस साल 26 जनवरी के कार्यक्रम के बाद ली गई थी। अपने घर के 7 लोगों के कत्ल की दोषी शबनम भारत में फांसी पर चढ़ने वाली पहली महिला हो सकती है।
13 सालों से जेल में बंद शबनम की यह तस्वीरें जेल में इस साल 26 जनवरी के कार्यक्रम के बाद ली गई थी। अपने घर के 7 लोगों के कत्ल की दोषी शबनम भारत में फांसी पर चढ़ने वाली पहली महिला हो सकती है। अपने घर के सात लोगों के कत्ल की दोषी शबनम भारत में फांसी पर चढ़ने वाली पहली महिला हो सकती है। अमरोहा के बावनखेड़ी में 15 अप्रैल 2008 को शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस अहमद, उसकी पत्नी अंजुम, भतीजी राबिया और भाई राशिद के साथ ही अनीस के 10 महीने के बेटे अर्श की हत्या कर दी थी। सभी को पहले दवा देकर बेहोश किया गया और इसके बाद अर्श को छोड़कर बाकी को कुल्हाड़ी से काट दिया। अर्श को गला दबाकर मारा गया।

शबनम और सलीम को जुलाई 2010 में अमरोहा की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी सजा बरकरार रखी। राष्ट्रपति भी उनकी पहली दया याचिका को खारिज कर चुके हैं। शबनम की तरफ से दूसरी दया याचिका दायर की गई है।

13 सालों से जेल में बंद शबनम की ये तस्वीरें जेल में इस साल 26 जनवरी के कार्यक्रम के बाद ली गईं थीं। इन तस्वीरों में वह जेलरक्षकों के साथ हंसती हुई दिख रही है। तस्वीरों में शबनम के साथ जेल की दूसरी कैदी भी दिखाई दे रही हैं। शबनम जेल की जिंदगी में पूरी तरह ढल चुकी है, लेकिन जब से फांसी की खबर आई है, वह डरी-डरी और गुमसुम है। शबनम से मुलाकात करने वाले एक सूत्र ने बताया, ‘वह बावनखेड़ी गांव की अपने परिवार की संपत्ति की भी पूरी जानकारी रखती है।’

 

26 जनवरी को जेल में हुए कार्यक्रम के बाद शबनम ने बंदीरक्षकों के साथ कई तस्वीरें खिंचवाई थीं।
26 जनवरी को जेल में हुए कार्यक्रम के बाद शबनम ने बंदीरक्षकों के साथ कई तस्वीरें खिंचवाई थीं।

 

शबनम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव की रहने वाली है। हत्याकांड के बाद जांच में पता चला था कि शबनम प्रेग्नेंट थी, लेकिन परिवार वाले सलीम से उसकी शादी के लिए तैयार नहीं थे। इसी वजह से शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर पूरे परिवार की हत्या कर दी। जेल में रहने के दौरान शबनम ने 14 दिसंबर 2008 को बेटे को जन्म दिया था। बेटा जेल में उसके साथ ही रह रहा था। 15 जुलाई 2015 को वह जेल से बाहर आया।

इसके बाद शबनम ने बेटे को अपने कॉलेज फ्रेंड उस्मान सैफी के पास छोड़ दिया। शबनम ने उस्मान को बेटा सौंपने से पहले दो शर्तें भी रखी थीं। पहली यह कि उसके बेटे को कभी भी उसके गांव में न ले जाया जाए, क्योंकि वहां उसकी जान को खतरा है और दूसरी शर्त ये थी कि बेटे का नाम बदल दिया जाए।

Leave A Reply

Your email address will not be published.