कोरोना को हराना है / मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ दूसरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की, कोरोना से निपटने के लिए नई रणनीति पर चर्चा हुई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले 20 मार्च को मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोरोना पर जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करने को कहा

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नई दिल्ली. देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को दूसरी बार सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहे। इससे पहले 20 मार्च को भी उन्होंने इसी तरह सभी राज्यों से कोरोना से निपटने की तैयारियों पर बात की थी। अब संक्रमितों की संख्या दो हजार के पार पहुंच गई है। ऐसे में प्रधानमंत्री ने अब तक केंद्र और राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए नई रणनीतियों पर भी बात की। इस बीच, केंद्र सरकार ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को खबरों की पुष्टि के लिए पोर्टल बनाने के निर्देश दिए हैं।

मोदी ने पहली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में संक्रमण रोकने में लोगों और स्थानीय प्रशासन के बीच तालमेल पर जोर दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्रियों के साथ राज्यों में ट्रेंड स्टाफ बढ़ाने और स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों को ट्रेनिंग देने के मुद्दे पर चर्चा की थी। बैठक में बीमारी के इलाज के लिए राज्यों में उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा की गई थी।

केंद्र ने कहा- राज्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करें

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने बुधवार को कहा कि सभी राज्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करें। अपने यहां खबरों की पुष्टि के लिए पोर्टल बनाएं। सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च को संक्रमण रोकने के लिए 21 दिनों के लॉकडाउन पर सुनवाई की थी। कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर कोरोनावायरस पर विशेषज्ञों की समिति का गठन करने और लोगों को संक्रमण के बारे में जानकारी देने के लिए पोर्टल बनाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने केंद्र को हर हाल में मजदूरों का पलायन रोकने, उनके खाने, रहने की जगह, पोषण, स्वास्थ्य की जरूरतों का ध्यान रखने के लिए कहा था।

मोदी ने मन की बात में लॉकडाउन के लिए माफी मांगी थी

29 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में देश से मुखातिब हुए थे। उन्होंने  कहा था कि आज दुनियाभर में कोरोना संकट की चर्चा है। ऐसे में दूसरी बातें करना उचित नहीं होगा। कुछ ऐसे फैसले लेने पड़े हैं, जिनसे गरीबों को परेशानी हुई। सभी लोगों से क्षमा मांगता हूं। मैं आप सबकी परेशानी को समझता हूं, लेकिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इसके सिवाय कोई चारा नहीं था। किसी का ऐसा करने का मन नहीं करता, लेकिन मुझे आपके परिवार को सुरक्षित रखना है। इसलिए दोबारा क्षमा मांगता हूं। 24 मार्च को मोदी ने देश के नाम संबोधन में 21 दिन (14 अप्रैल) तक पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान किया था।

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