नहीं मान रहा नेपाल! सीमाई इलाकों में जगह-जगह बनाए हेलीपैड, नेपाली आर्मी बना रही 285 KM लंबी सड़क

बीते दिनों नेपाल ने मालपा के ठीक सामने घाटी बगड़ में एक हैलीपेड तैयार किया है. इस हैलीपेड में आए दिन नेपाली हैलीकॉप्टर सड़क निर्माण के लिए जरूरी सामान लाता है. साथ ही सुरक्षा बलों को भी हैलीकॉप्टर की मदद से ही बॉर्डर तक पहुंचाया जाता है.

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पिथौरागढ़. कभी भारत के सबसे करीब रहने वाला नेपाल लगता है अब पूरी तरह दूर हो गया है. लिपुलेख सड़क के उद्घाटन के बाद नेपाल ने एक के बाद एक भारत विरोधी कदम उठाएं हैं. नए राजनीतिक नक्शे को मंजूरी देने के साथ ही कई ऐसे मामले हैं जो ये दर्शा रहे हैं कि नेपाल अब भारत के हाथों से पूरी तरह फिसल गया है. लिपुलेख सड़क के उद्घाटन के बाद नेपाल ने सीतापुल के पास छांगरू में बीओपी खोल दी है. यही नहीं उत्तराखंड में बरहमदेव से तिंकर तक 285 किलोमीटर की सड़क भी बना रहा है.

जगह-जगह तैयार किए जा रहे हैं हैलीपेड

इस सड़क को बनाने का काम पहले नेपाल के लोक निर्माण विभाग के पास था. लेकिन अब ये जिम्मा नेपाली आर्मी ने अपने हाथों में ले लिया है. यही वजह है कि इन इलाकों तक जरूरी सामान पहुंचाने के लिए जगह-जगह हैलीपेड भी तैयार किए जा रहे हैं. इन हैलीपेड को सड़क निर्माण के साथ ही सुरक्षा बलों को बीओपी तक पहुंचाने तक के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

भारत के बॉर्डर इलाकों में भी नेपाल पूरी निगाह


बीते दिनों नेपाल ने मालपा के ठीक सामने घाटी बगड़ में एक हैलीपेड तैयार किया है. इस हैलीपेड में आए दिन नेपाली हैलीकॉप्टर सड़क निर्माण के लिए जरूरी सामान लाता है. साथ ही सुरक्षा बलों को भी हैलीकॉप्टर की मदद से ही बॉर्डर तक पहुंचाया जाता है. यही नहीं हैलीकॉप्टर की मदद से भारत के बॉर्डर इलाकों में भी नेपाल पूरी निगाह बनाए हुए है. छांगरू में बीओपी बनाने के बाद बीते दिनों नेपाल ने पहली बार तिंकर में भी सशस्त्र प्रहरी बल तैनात किए हैं. तिंकर नेपाल का अंतिम गांव तो है ही साथ ही ये इलाका चीन, नेपाल और भारत का ट्राई जंक्शन भी है. इस लिहाज से ये सुरक्षा के लिए खासा अहम है.
पूरी तरह अलर्ट मोड में भारतीय सुरक्षा एजेंसिया

हैलीकॉप्टर की मदद से नेपाली सुरक्षा बल गुंजी के ठीक सामने कौआ, कालापानी तक पहुंचे हैं. नेपाल की बॉर्डर में सक्रियता को देखते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसिया भी पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं. नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही सीमा सुरक्षा बल के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात किए गए हैं. जो नेपाल की सभी हरकतों पर निगाह बनाएं हुए हैं. इस इलाके में भारत को लेकर तो नेपाल मई से ही एक्टिव मोड पर था, लेकिन तिंकर ऐसा इलाका है, जहां पहली बार नेपाली सुरक्षा एजेंसिया पहुंची हैं. इस लिहाज से नेपाल ने पहली बार चीन सीमा पर भी अपने सुरक्षा बल तैनात किए हैं.

खुले बॉर्डर को रोड से भी जोड़ा जा रहा

नेपाल के बॉर्डर इलाके के एक सांसद ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि राजशाही के दौर में नेपाल सीमाओं को लेकर बेपरवाह बना रहा. लेकिन गणतंत्र होने पर नेपाली सरकार सीमाओं की सुरक्षा और अपनी जमीन को लेकर पूरी तरह गंभीर है. यही वजह है कि भारत से लगे हर इलाके पर सुरक्षा बल तैनात किए जा रहे हैं. साथ ही खुले बॉर्डर को रोड से भी जोड़ा जा रहा है. ताकि स्थानीय लोगों के साथ सुरक्षा एजेंसियों को भी आसानी हो.

नेपाल झूलाघाट से तिंकर तक 6 बीओपी बना चुका है

भारत के साथ उठे सीमा विवाद के बाद नेपाल झूलाघाट से तिंकर तक 6 बीओपी बना चुका है. यही नहीं सड़क और हैलीपेड बनाने के साथ ही पैदल रास्तों को भी ठीक किया जा रहा है. खासकर धारचूला से छांगरू तक के पैदल रास्ते पर नेपाल का खास जोर दिखाई दे रहा है. छांगरू तक सुरक्षा बलों को भले ही नेपाल हैलीकॉप्टर की मदद से पहुंचा रहा हो. लेकिन नेपाल के दार्चुला के लोगों को छांगरू जाने के लिए भारत के रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ता है.

नेपाल पूरी तरह भारत पर निर्भरता खत्म करना चाह रहा

भारत-नेपाल मामलों के जानकार प्रेम पुनेठा मानते हैं कि नेपाल पूरी तरह भारत पर निर्भरता खत्म करना चाह रहा है. इसीलिए बॉर्डर पर वो भी हर तरीके के सुविधाओं को जुटाने में लगा है. साथ ही पुनेठा बताते हैं कि चीन से नेपाल की बढ़ती करीबी उसे स्वाभाविक तौर पर भारत से दूर कर देगी. बीते दिनों चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने नेपाल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं के साथ वार्ता हुई थी. जिसके बाद ये माना जा रहा है कि नेपाल अब चीन के दिखाए रास्ते पर भी आगे बढ़ेगा. (रिपोर्ट -विजय उप्रेती)

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