Weather Update: यमुनानगर, सहारनपुर समेत इन इलाकों में दो घंटे में बारिश के साथ तूफान की चेतावनी
मौसम विभाग ने चेतावनी (Alert) जारी की है कि यमुनानगर, सहारनपुर, रुड़की, और नजीबाबाद में आने वाले दो घंटों में तेज हवाएं चलेंगी इसके साथ ही बारिश (rain) भी होगी.
नई दिल्ली. झुलसाने वाली गर्मी के बीच ही अब खबर है कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में आने वाले दो घंटों में तेज तूफान के साथ बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि यमुनानगर, सहारनपुर, रुड़की, और नजीबाबाद में आने वाले दो घंटों में तेज हवाएं चलेंगी इसके साथ ही बारिश भी होगी. साथ ही अमरोहा और मुरादाबाद के इलाकों में भी बारिश होने की संभावनाएं हैं. साथ ही विभाग ने ये भी कहा है कि बारिश का दौर कुछ समय के लिए ही होगा, लेकिन धूल भरी आंधी लोगों को परेशान कर सकती है.
कुछ राहत की संभावना
बारिश और तेज हवाओं के चलते लोगों को झुलसाने वाली गर्मी से कुछ राहत मिलने की संभावना जरूर है. हालांकि बारिश का दौर कितना लंबा चलेगा और इससे तापमान में कितनी गिरावट दर्ज होगी इस संबंध में मौसम विभाग ने फिलहाल कुछ नहीं कहा है. लेकिन माना जा रहा है कि बारिश के साथ ही तापमान में दो से तीन डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है.
Thunderstorm with light to moderate rain would occur over & adjoining areas of Yamunanagar, Saharanpur, Roorkee & Nazibabad during the next 2 hours. Light rain would occur in adjoining areas of Amroha and Muradabad during the next 2 hours: India Meteorological Department (IMD). pic.twitter.com/Hkica7ad85
— ANI (@ANI) May 27, 2020
यहां भी जताई थी संभावना
इससे पहले मौसम विभाग ने कहा था कि बुन्देलखंड और ब्रज क्षेत्र में मौसम शाम तक बदल सकता है. मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक मथुरा, आगरा, हाथरस, एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, कन्नौज, इटावा और औरैया में शामको आंधी और हल्की बारिश की संभावना है. बुन्देलखंड में जालौन, हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट में भी मौसम पदलने के आसार हैं.
लोकल वेदर फैक्टर के कारण बदलाव
इस बदलाव के साथ ही भीषण तपिश की मार झेल रहे इन जिलों को बड़ी राहत मिल सकती है. मौसम विभाग ने इस बदलाव के पीछे लोकल वेदर फैक्टर बताया है. हालांकि इन जिलों में 30 मई को बारिश की संभावना पहले से ही जताई गई है.
लखनऊ मौसम विज्ञान विभाग में 35 सालों तक मौसम विज्ञानी की सेवा दे चुके रिटायर्ड बीके मिश्रा ने बताया कि जून के महीने से पछुआ हवा की जगह पुरवाई हवा चलने लगती है. रूक-रूक कर प्री-मॉनसून बारिश भी हो जाती है. ऐसे में जून के महीने में तापमान मई के मुकाबले थोड़ा नीचे आ जाता है. हालांकि ह्यूमिडिटी बढ़ने के कारण उमस से बेचैनी जरूर होती है लेकिन, हीट वेब्स का संकट कम हो जाता है. ह्यूमिडिटी की वजह से हवा में मौजूद वाष्प गर्मी को सोख लेते हैं. इससे तापमान नीचे आ जाता है.