कांग्रेस सांसदों के साथ हाथरस जाएंगे राहुल गांधी, बोले- दुनिया की कोई भी ताकत मुझे दुखी परिवार से मिलने से रोक नहीं सकती
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट किया है कि इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ उप्र सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं. किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए.
हाथरस. उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड (Hathras Gangrape and Murder) को लेकर सियासत गरमाई हुई है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) दूसरी बार हाथरस जाने की तैयारी में हैं. पता चला है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को हाथरस में कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले की पीड़िता के परिवार से मिलने जाएगा. इससे पहले गुरुवार को राहुल और कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को गौतम बुद्ध नगर में रोक दिया गया था. उस दौरान राहुल और प्रियंका सहित 203 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी हुई थी. अब राहुल गांधी एक बार फिर हाथरस जाने की तैयारी में हैं.
उधर राहुल गांधी के हाथरस दौरे को लेकर एक बार फिर से डीएनडी पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं. डीएनडी को पूरी तरीक़े से बैरिकेड्स लगाकर ब्लॉक कर दिया गया है. आवागमन सुचारु रूप से चलता रहे और आने जाने वाले वाहनों को और लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए ट्रैफ़िक के अधिकारी और पुलिसकर्मी भी डीएनडी पर तैनात किए गए हैं.
सरकार और पुलिस का व्यवहार स्वीकार नहीं
शनिवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें इस दुखी परिवार से मिलने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती.’’ राहुल ने आगे लिखा, ‘‘इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ उप्र सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं. किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए.’’
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष नजरबंद
उधर राहुल के हाथरस जाने से पहले यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के हाउस अरेस्ट की खबरें आ रही हैं. यूपी कांग्रेस के प्रमुख अजय कुमार लल्लू ने कहा, ‘मुझे घर में नजरबंद कर दिया गया है. राज्य सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है? वह किससे बचना चाहती है? आज उत्तर प्रदेश में महिलाएं असुरक्षित हैं. राज्य में अराजकता है.’
मीडिया को पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति
वहीं दूसरी तरफ मीडिया को हाथरस मामले के पीड़ित के गांव में प्रवेश करने की अनुमति दे दी गई है. सदर एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने कहा कि ‘गांव में एसआईटी की जांच पूरी हो चुकी है, ऐसे में मीडिया पर प्रतिबंध हटा दिया गया है. 5 से अधिक मीडियाकर्मियों को अब इकट्ठा होने की अनुमति है.’
हाथरस सदर एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने पीड़ित परिवार के उन दावों का खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि अधिकारियों द्वारा फोन छीन लिए गए थे. सदर एसडीएम ने कहा, ‘परिवार के सदस्यों के फोन हटाने या उन्हें उनको घरों में कैद करने के बारे में सभी आरोप बिल्कुल निराधार हैं.’
हाथरस के DM प्रवीण कुमार के जयपुर वाले घर के बाहर लोगों ने फेंका कूड़ा
नई दिल्ली. हाथरस गैंगरेप (Hathras Gangrape) को लेकर पुलिस की अब तक की कार्रवाई को देखने के बाद पूरे देश में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. लोगों के बीच घटना के बाद पीड़ित परिवार को पुलिस और प्रशासन की ओर से दी जा रही कथित धमकी को लेकर काफी नाराजगी है. हाल ही में हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार का एक वीडियो वायल हुआ है, जिसमें वह पीड़ित परिवार को धमकाते हुए दिखाई दे रहे हैं. डीएम के इस रवैये से नाराज कुछ लोगों ने शुक्रवार को जयपुर स्थित उनके आवास के बाहर कचरा फेंक दिया.
उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की के साथ गैंगरेप की घटना के बाद एक ओर जहां राजनीतिक दल उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर लगातार हमलावर हैं. वहीं अब सोशल मीडिया पर भी पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. योगी सरकार की ओर से शुक्रवार को इस मामले में कार्रवाई करते हुए भले ही SP-DSP समेत 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिया गया हो लेकिन जिलाधिकारी पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इस बात से नाराज कुछ लोगों ने शुक्रवार को जिलाधिकारी प्रवीण कुमार के जयपुर स्थित मकान के बाहर कूड़ा डाल दिया.
वैशालीनगर के पुलिस उपाधीक्षक राय सिंह बेनीवाल ने बताया कि घटना की तहकीकात की जा रही है और उपद्रवियों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं. पुलिस के मुताबिक अभी तक नहीं है कि यहां वैशाली नगर इलाके में हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट प्रवीण कुमार के घर पर कौन मौजूद था.
गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव की रहने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था. लड़की को रीढ़ की हड्डी में चोट और जीभ कटने की वजह से पहले उसे अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. उसके बाद उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल लाया गया था, जहां मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई थी.
Hathras Case: गांव में अभी सिर्फ मीडिया को परमिशन, मां बोलीं- सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में चले मामला
हाथसर/ नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस (Hathras News) में मीडिया पर लगी रोक को हटा लिया गया है. इस बाबत जॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने जानकारी दी. बता दें प्रशासन ने हाथरस में कथित रेप पीड़िता के गांव में मीडिया के जाने पर रोक लगा रखी थी. इससे पहले प्रशासन का तर्क था कि अगर मीडिया को अनुमति दी जाएगी तो स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की जांच में बाधा पहुंच सकती है. जॉइंट मजिस्ट्रेट मीणा ने बताया कि ‘मीडिया कर्मियों को गांव में जाने की अनुमति दे दी गई है.’ उन्होंने कहा कि ‘गांव में एसआईटी की जाँच पूरी हो चुकी है, ऐसे में मीडिया पर प्रतिबंध हटा दिया गया है. 5 से अधिक मीडियाकर्मियों को अब इकट्ठा होने की अनुमति है.’
पीड़िता के गांव में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मंडलों की आमदरफ्त पर जॉइंट मजिस्ट्रेट ने कहा कि ‘अभी केवल मीडिया को अनुमति है. जब प्रतिनिधिमंडल को अनुमति देने के आदेश आएंगे, तो हम सभी को बताएंगे.’ उन्होंने कहा कि ‘परिवार के सदस्यों के फोन छीनने या उन्हें घरों में कैद करने के बारे में सभी आरोप बिल्कुल निराधार हैं.’
हमारा नहीं DM-SP का हो नार्को टेस्ट- परिजन
वहीं राज्य सरकार द्वारा नार्को टेस्ट कराए जाने के आदेश पर पीड़िता के परिजनों ने कहा कि डीएम और एसपी को नार्को टेस्ट कराना चाहिए क्योंकि वे झूठ बोल रहे हैं. पीड़िता की भाभी ने कहा कि ‘हमारे परिवार से किसी भी राजनीतिक नेता ने फोन पर बात नहीं की. उन्होंने कहा, ‘राजनेता सिर्फ राजनीति करना चाहते हैं, मुझे नहीं लगता कि वे किसी नेक इरादे के लिए यहां आ रहे हैं.’
इसके साथ ही पीड़िता की मां ने कहा कि यूपी प्रशासन ने मुझे अपनी बेटी का शव नहीं दिया. पीड़िता की मां ने कहा, ‘मैं भीख मांगती रही. हम सीबीआई जांच नहीं चाहते.’ उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में मामला चले.