राजा मान सिंह, जिन्होंने CM के हेलीकॉप्टर में जीप से मारी थी टक्कर, 24 घंटे में हो गया था एनकाउंटर, एनकाउंटर के दोषी सभी 11 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद
किले पर झंडा लगाने से गुस्साए राजा मान सिंह ने सीएम के हेलीकॉप्टर को ही जीप से टक्कर मार क्षतिग्रस्त कर दिया था. राजा मान सिंह हत्याकांड: मथुरा (Mathura) कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद मान सिंह के बेटी दीपा ने कहा कि देर से ही सही, लेकिन न्याय मिला. वहीं, दूसरे पक्ष के वकील ने हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है.
मथुरा. राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर स्टेट के राजा मान सिंह (Maan Singh) के 35 साल पहले हुए फर्जी एनकाउंटर (Fake Encounter) मामले में मथुरा के जिला एवं सत्र न्यायलय ने बुधवार को सजा का ऐलान कर दिया. कोर्ट ने सभी दोषी 11 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पुलिस एनकाउंटर में राजा मानसिंह सहित 3 की मौत हुई थी. कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा के अनुसार, धारा 148 में 2 वर्ष का कारावास और 1 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया गया है. धारा 302, 149 में आजीवन कारावास और 10 हज़ार जुर्माना लगाया गया है.
अदालत के फैसले पर राजा मानसिंह के परिजनों ने खुशी जाहिर की है. राजा मान सिंह की बेटी दीपा ने इस दौरान कहा कि न्याय देर से ही मिला पर मिला. वहीं, आरोपी पक्ष के वकील ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.
मंगलवार को किए गए दोषी करार
दरअसल, मंगलवार को जिला जज साधना रानी ठाकुर ने फैसला सुनाते हुए 11 पुलिसकर्मियों को आईपीसी की धारा 148, 149 और 302 के तहत दोषी पाया था. तत्कालीन सीओ कान सिंह भाटी और एसओ वीरेंद्र सिंह सहित 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया गया. वहीं अदालत ने जेडी में हेरफेर के आरोपी 3 पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया.
बहुचर्चित राजा मान सिंह (Raja Man Singh Death Case) व दो अन्य लोगों की हत्या के मामले में 11 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया. पुलिसकर्मियों ने राजा मान सिंह का एनकाउंटर (Raja Man Singh Encounter) कर दिया था. राजस्थान पुलिस से जुड़े इस मामले की यूपी के मथुरा की एक अदालत ने करीब 35 साल बाद फैसला किया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामला इस कोर्ट को ट्रांसफर किया था. अब अदालत इस नतीजे पर पहुंची कि पुलिसकर्मियों ने जानबूझकर एनकाउंटर में राजा मान सिंह की जान ले ली थी. दोषियों को बुधवार को सजा सुनाई जाएगी. इस मामले की चर्चा पूरे देश में रही थी.
राजा मान सिंह ने CM के हेलीकॉप्टर में मार दी थी कार की टक्कर
ये पूरा विवाद एक घटना से जुड़ा है. भरतपुर रियासत के राजा मान सिंह ने 20 फरवरी 1985 को राजस्थान के तत्कालीन सीएम शिवचरण माथुर के हेलीकॉप्टर को जीप की टक्कर से तहस-नहस कर दिया था. दरअसल हुआ ये था कि 1985 में राजस्थान विधानसभा चुनाव हो रहे थे. राजस्थान के डीग क्षेत्र से राजा मानसिंह निर्दलीय प्रत्याशी थे. इस बीच एक कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में सीएम शिवचरण माथुर की जनसभा 20 फरवरी, 1985 को होनी थी. इस सभा के समर्थन में किसी ने राजा मान सिंह के किले पर झंडा लगा दिया. इसे लेकर विवाद हुआ और राजा ने विवाद के बाद गुस्से में उसी दिन ही जनसभा के बीच सीएम के खड़े हेलीकॉप्टर में कार से जोरदार टक्कर मार दी. इससे हेलीकॉप्टर क्षतिग्रस्त हो गया था.
अगले ही दिन राजा मान सिंह का पुलिस ने कर दिया था एनकाउंटर
कार से हेलीकॉप्टर में टक्कर मारने की घटना ने सभी को हिला दिया. इस घटना के अगले ही दिन 21 फरवरी, 1985 को राजा मान सिंह को पकड़ा और उनका एनकाउंटर कर दिया गया. राजा मान सिंह के दामाद विजय सिंह ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में था. इसकी जांच सीबीआई ने की थी. सुप्रीम कोर्ट ने ये मामला राजस्थान से मथुरा में ट्रांसफर कर दिया था. इस कोर्ट ने अब एनकाउंटर करने वाले 11 पुलिस कर्मियों को दोषी पाया है
21 फरवरी, 1985 को भरतपुर के राजा मान सिंह और दो अन्य लोगों की भरतपुर में पुलिस ने गोली मारकर हत्या की थी. इस मामले में तत्कालीन सीओ कान सिंह भाटी, एसएचओ वीरेंद्र सिंह और अन्य को नामजद किया गया था. पुलिस ने मुठभेड़ की रिपोर्ट दर्ज की थी. लेकिन घटना की सीबीआई जांच हुई तब केस का आरोप पत्र सीबीआई ने जयपुर न्यायालय में दाखिल किया. इसके बाद साल 1990 से मथुरा कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई चल रही थी।
राजा मान सिंह ने राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर का हेलीकॉप्टर जीप से टक्कर मारकर तोड़ दिया था. चुनावी माहौल के बीच मंच भी तोड़ दिया गया था. इस मामले को लेकर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इसके एक दिन बाद 21 फरवरी 1985 को डीग विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय उम्मीदवार राजा मान सिंह अपनी जीप लेकर चुनाव प्रचार के लिए लाल कुंडा के चुनाव कार्यालय से डीग थाने के सामने से निकले थे.
उस समय पुलिस ने उन्हें घेर कर फायरिंग की थी, जिसमें राजा मान सिंह के अलावा सुमेर सिंह और हरी सिंह की मौत हो गई थी. इस वारदात के बाद डीग थाना के एसएसओ वीरेंद्र सिंह ने राजा मान सिंह के दामाद विजय सिंह सिरोही के खिलाफ 21 फरवरी को धारा 307 का मामला दर्ज कराया था.
विजय सिंह को उसी रात जमानत मिल गई और 22 फरवरी को राजा मान सिंह का दाह संस्कार महल के अंदर किया गया था. इसके बाद 23 फरवरी को विजय सिंह ने डीग थाने में राजा मान सिंह और दो अन्य की हत्या का मामला दर्ज कराया. इसमें सीओ कान सिंह भाटी, एसएचओ वीरेंद्र सिंह समेत 14 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया था.
इस हाई-प्रोफाइल केस को जांच के लिए सीबीआई के हवाले कर दिया गया था. मामले की सुनवाई राजस्थान के बाहर मथुरा के न्यायालय में कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था. तब से इस मामले में अब तक करीब 78 बार गवाही हुई और अब आखिरकार इस मामले में फैसला आने वाला है. हालांकि, अब तक तीन अभियुक्तों की मौत हो चुकी है और ज्यादातर की उम्र 80 के करीब है.