COVID-19: उत्तर प्रदेश के 5 जिलों के 20 पुलिसकर्मी संक्रमित

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 5 जिलों के 20 पुलिसकर्मी (Policemen) कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमित हो गए हैं. ये 20 पुलिसकर्मी मुरादाबाद (Moradabad), कानपुर सिटी (Kanpur City), बिजनौर (Bijnor), वाराणसी (Varanasi) और आगरा (Agra) से हैं. उन्हें प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

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लखनऊ. दुनिया भर में कोविड-19 (COVID-19) का कहर बढ़ता जा रहा है. उत्तर में भी कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. हालत यह हो गई है कि कोरोना वारियर्स भी संक्रमण के शिकार होते जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 5 जिलों के 20 पुलिसकर्मी (Policemen) कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमित हो गए हैं. ये 20 पुलिसकर्मी मुरादाबाद (Moradabad), कानपुर सिटी (Kanpur City), बिजनौर (Bijnor), वाराणसी (Varanasi) और आगरा (Agra) से हैं. उन्हें प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

2000 के करीब पहुंची यूपी में संक्रमितों की संख्या

उत्तर प्रदेश में सोमवार को (COVID-19) से संक्रमित मरीजों की संख्या 2000 के करीब पहुंच गई है. प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को बताया कि अभी तक प्रदेश में कुल संक्रमित मरीज 1955 हैं. इनमें एक्टिव मरीज (Active Patients) की संख्या 1589 है. जबकि प्रदेश में अब तक 59 जिलों में संक्रमण फैला है. उन्होंने बताया कि एक नया जिला झांसी जुड़ा है. 9 ज़िलों में अभी कोई एक्टिव संक्रमित मरीज नहीं है. प्रमुख सचिव ने बताया कि 335 मरीज अब डिस्चार्ज हो चुके हैं. वही प्रदेश में अब तक इस वायरस के संक्रमण से 31 लोगों की मौत हुई है. कुल 1784 मरीज आइसोलेशन और 11363 मरीज क्‍वारंटाइन सेंटर में भर्ती हैं.

इलाजरत एक भी मरीज वेंटिलेटर पर नहीं
उन्होंने बताया कि अस्पताल में इलाजरत किसी भी मरीज को वेंटिलेटर पर नहीं रखा गया है. भर्ती मरीजों में से 15 को ऑक्सीजन दी जा रही है और सभी की हालत स्थिर है. अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मेडिकल इन्फेक्शन रोकने के लिए जनपद स्तर पर समिति बनायी जा रही है. आदेश जारी कर दिया गया है. शाम तक समिति का गठन हो जाएगा, जो अपर मुख्य चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में काम करेगी.

संक्रमण को छिपाने की आवश्यकता नहीं
अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि संक्रमण को छिपाने की आवश्यकता नहीं है. अगर सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ और बुखार के लक्षण आ रहे हों तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर जांच करायें. प्रमुख सचिव ने कहा, ‘अगर समय से पता चल जाए तो किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं होती. ऐसा देखने में आया है कि जहां तबियत ज्यादा खराब हुई या मौत हुई, वहां या तो व्यक्ति को पहले से कोई गंभीर बीमारी थी या फिर देर से अस्पताल आये.’ उन्होंने कहा कि इसी वजह से आवश्यक है कि जैसे ही लक्षण आयें, तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर सलाह लें. कोरोना वायरस संक्रमण की जांच और चिकित्सा सरकार की ओर से नि:शुल्क करायी जा रही है.

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