जानिए, श्रीकृष्ण की नगरी में किसने कहा, मृत रावण का पुतला जलाना धार्मिक आस्थाओं का अपमान करना है

लंकेश भक्त मंडल (lankesh bhakt mandal) का कहना है कि समाज का कुछ वर्ग महाराज रावण (Ravan) का पुतला दहन करके समाज के एक वर्ग का और उनकी धार्मिक आस्थाओं का अपमान करता है, जो अशोभनीय है.

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नई दिल्ली. श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में लंकेश भक्त मंडल (lankesh bhakt mandal) रावण के पुतला दहन का विरोध कर रहा है. मंडल के संयोजक एडवोकेट ओमवीर सारस्वत का कहना है, “हमें भगवान राम के आदर्शों का पालन करते हुए रावण (Ravan) का पुतला दहन नहीं करना चाहिए. भगवान राम (Lord Ram) ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए लंकेश से पूजन कराया था. तो फिर हमारा हिंदू समाज किस बुराई के कारण उनका हर साल पुतला दहन करता है.

हिंदू (Hindu) रीति-रिवाजों के अनुसार मृत व्यक्ति का पुतला दहन करना एक अपमान की श्रेणी में आता है. कानून भी इसकी इजाजत नहीं देता है और हमारे संविधान (Constitution) में भी किसी व्यक्ति की धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाना दंडनीय अपराध है. समाज का कुछ वर्ग महाराज दशानन का पुतला दहन करके समाज के एक वर्ग का और उनकी धार्मिक आस्थाओं का अपमान करता है, जो अशोभनीय है.”

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मथुरा के लंकेश भक्त मंडल ने रावण का पुतला जलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात भी कही थी.

मथुरा में यमुना किनारे होगी रावण की पूजा

ओमवीर ने कही थी एफआईआर दर्ज कराने की बात

मथुरा के रहने वाले एडवोकेट ओमवीर सारस्वत का कहना है कि हम लोग रावण महाराज के गौत्र से हैं. इसी आस्था के चलते हम उनकी पूजा करते हैं. वो एक महान ज्ञानी और तपस्वी थे. लेकिन कुछ लोग कुप्रथा के चलते हर साल रावण महाराज का पुतला दहन करते हैं. लेकिन पुतला दहन करने से क्या होता है और इसके पीछे मकसद क्या है, जब ऐसे लोगों से यह पूछो तो उनके पास कोई जवाब नहीं होता है. इसीलिए हमने एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय लिया था. लेकिन पुलिस-प्रशासन के दखल के बाद हमने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला वापस ले लिया है. लेकिन विरोध जारी रहेगा.

 

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