राम जन्मभूमि में समतलीकरण के दौरान मिले मंदिर के अवशेष पर जिलानी बोले- सब पुरानी बातें हैं
गौरतलब है कि, राम जन्मभूमि में समतलीकरण के दौरान मंदिर (Temple) के अवशेष मिले हैं, जिसमें आमलक, कलश, पाषाण के खंभे, प्राचीन कुआं और चौखट शामिल हैं.
अयोध्या. उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में राम जन्मभूमि स्थल पर 11 मई से समतलीकरण का काम चल रहा है. रामलला विराजमान को वहां से हटाकर दूसरे अस्थाई मंदिर में शिफ्ट कर दिया गया है. अब इसके बाद समतलीकरण के साथ ही मंदिर निर्माण के कार्य में तेजी लाई जा रही है. उस स्थल के समतलीकरण के दौरान वहां से तमाम खंडित मूर्तियां और पिलर बरामद हो रहे हैं जिस पर वहां के लोगों का कहना है कि ये वही अवशेष हैं जो साबित करते हैं कि मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद बनाई गई थी. लोगों ने कहा कि ये मूर्तियां प्राचीन दौर की हैं इससे यह साबित होता है की मस्जिद से पहले वहां मंदिर था. वहीं, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी (Babri Masjid Action Committee) के संयोजक और वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया और कहा कि वहां से नया कुछ नहीं बरामद हो रहा है. ये सारी बातें जो कही जा रही हैं सब पुरानी हैं. इन सब बातों की रिपोर्ट एएसआई ने खुद कोर्ट को सौंपी है.
‘सभी पिलर बाबरी मस्जिद के’
उन्होंने कहा कि ये जो पिलर बरामद हो रहे हैं सब बाबरी मस्जिद के हैं और इस बात को एएसआई ने खुद लिख कर कोर्ट में दिया है कि उस पर तमाम तरह की नक्काशी बनी हुई थी जो मुगलकालीन इतिहास को बताती हैं. साथ ही साथ वहां से बरामद होने वाली खंडित मूर्तियों पर भी जिलानी ने कहा कि जहां पर राम जन्मभूमि के अलावा शंकर चबूतरा भी था जहां पीपल के पेड़ के नीचे स्थापित मूर्तियां रखी गई थी. जफरयाब जिलानी ने एक और सवाल करते हुए यह भी कहा कि मूर्तियों से यह साबित नहीं होता कि यह मूर्तियां मस्जिद निर्माण से पहले मंदिर में रखी गई थी. उन्होंने कहा कि 15वीं सदी में वहां पर मस्जिद का निर्माण हुआ था और ये मूर्तियां तब की है.
बीजेपी कर रही इस मसले पर राजनीति
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह सिर्फ इस मसले पर राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि हम खुद इस मलबे को मांग रहे थे हमें मालूम था कि इस पर राजनीति होगी इसीलिए हम चाहते थे कि बाबरी मस्जिद के मलबे को हमें सौंप दिया जाए जिससे उसकी बेअदबी ना हो. लेकिन बीजेपी अब इसी मलबे को राम मंदिर का बताकर राजनीति कर रही है. जिलानी ने कहा इस तरह की बातों को करने वालों को उस जगह पर जरूर जाना चाहिए और देखना चाहिए कि 2003 के बाद से वहां पर कोई भी खुदाई नहीं हुई है. लिहाजा इन टूटी हुई मूर्तियों को पुराना अवशेष कहा जाना गलत है.
समतलीकरण के दौरान क्या-क्या मिला
गौरतलब है कि, राम जन्मभूमि में समतलीकरण के दौरान मंदिर के अवशेष मिले हैं, जिसमें आमलक, कलश, पाषाण के खंभे, प्राचीन कुआं और चौखट शामिल हैं. 11 मई से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने समतलीकरण का कार्य शुरू कराया है. इस दौरान जेसीबी से खुदाई की जा रही है, जिसमें मंदिर के प्राचीन अवशेष मिले हैं. जबकि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से राम मंदिर निर्माण में देरी हो रही थी और इसी वजह से मंदिर में काम शुरू करवाया गया. अवशेषों के मिलने की पुष्टि श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने ही की है. रामजन्मभूमि में चल रहे समतलीकरण कार्य को लेकर ट्रस्ट ने कार्यों का विवरण दिया. जिसमें ट्रस्ट ने बताया कि कोरोनावायरस लॉक डाउन को लेकर जारी निर्देशों के अनुसार रामजन्मभूमि परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मंदिर निर्माण के संबंधित कार्य किए जा रहे हैं. जिसमें तीन जेसीबी मशीन एक क्रेन दो ट्रैक्टर व 10 मजदूर लगाए गए हैं. साथ ही चल रहे समतलीकरण कार्य के दौरान कुछ पुराने अवशेष प्राप्त हुए हैं जिसमें देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां पुष्प कलश अम्लक दोरजाम्ब आदि कलाकृतियां मेहराब के पत्थर, 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तंभ व 6 रेड सैंड स्टोन के स्तंभ और 5 फुट आकार के नक्काशीयुक्त शिवलिंग की आकृति प्राप्त हुआ है.