अयोध्या. राम मंदिर (Ram Temple) निर्माण से पहले अब रामलला को नए अस्थाई फाइबर के बुलेट प्रूफ मंदिर (Bullet Proof Temple) में शिफ्ट करने के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं. रविवार देर शाम दिल्ली से लाया जा रहा अस्थाई बुलेट प्रूफ मंदिर अयोध्या पहुंच चुका है. इस मंदिर में अनेक भौतिक सुख-सुविधाओं होंगी. सूत्रों की मानें तो रामलला को गर्मी से बचाने के लिए इसमें 2 एसी भी लगाए जाएंगे. इस मंदिर में 24 मार्च तक चबूतरा तैयार कराया जाएगा. इस पर 25 मार्च को रामलला को विराजमान कराया जाएगा, जहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राम लला की प्रथम आरती करेंगे.
पानी और अग्नि से सुरक्षित है फाइबर का मंदिर
1992 के बाद अब फाइबर का सुख-सुविधायुक्त मंदिर रामलला को मिलने जा रहा है. इसके लिए रामलला के प्रधान पुजारी भी प्रसन्न हैं. अब तक रामलला टेंट के मंदिर में विराजमान थे, जहां पर सर्दी, गर्मी और बरसात तीनों ही मौसम में समस्याएं होती थीं. रामलला के पास गर्मी से बचने के लिए भी इंतजाम नहीं थे. फाइबर का नया मंदिर, पानी और अग्नि से पूर्ण रूप से सुरक्षित है. रामलला का नया मंदिर बुलेट प्रूफ होगा.
अब रामलला को नहीं होगी किसी भी तरह की समस्या
रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि 27 वर्षों से रामलला टेंट में विराजमान हैं. रामलला का फाइबर का मंदिर आ गया है. इसमें जल्द से जल्द रामलला को शिफ्ट कर दिया जायगा. फाइबर का मंदिर बहुत ही बेहतर है. उसमें रामलला के लिए जरूरत की सारी सुख-सुविधाएं होंगी. अब रामलला को अब किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी. रामलला तिरपाल में रहकर के तमाम कठिनाइयों को 27 वर्षों से झेल रहे थे. अब रामलला का कष्ट जल्दी खत्म होगा. रामलला फाइबर के नए सुविधा युक्त मंदिर में विराजमान होंगे. रामलला को अस्थाई रूप से विराजमान कराने के बाद रामलला के गर्भ गृह पर जमीन के समतलीकरण का कार्य शुरू कराया जाएगा.
‘इस बार रामलला जन्मोत्सव की खुशियां देखने लायक होंगी’
आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि, माना जा रहा है कि जल्द ही राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन के समतलीकरण का कार्य भी शुरू हो जाएगा. रामजन्म भूमि पर फैसला आने के बाद राम भक्तों में खुशी की लहर थी और इस बार रामलला के जन्म उत्सव की खुशियां भी अयोध्या में देखने लायक होगी. नया ट्रस्ट रामभक्तों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले पहले ही ले चुका है, जिसमें रामलला का करीब से दर्शन और श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन के लिए कम चलना पड़े, ये दो निर्णय प्रमुख हैं. अब ट्रस्ट रामलला को नए मंदिर में विराजमान कराने के साथ ही मंदिर निर्माण का कार्य भी जल्द शुरू कर सकता है.