निखिल गुप्ता का शूटर निकला अंडरकवर एजेंट:पन्नू की हत्या की साजिश कैसे खुली; अमेरिकी आरोपों की सिलसिलेवार कहानी

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अमेरिका ने अपनी जमीन पर एक साजिश के पर्दाफाश का दावा किया है। जिसके तार भारत से जुड़ते हैं। अमेरिकी अदालत में पेश दस्तावेजों के मुताबिक भारत सरकार के एक कर्मचारी ने निखिल गुप्ता नाम के शख्स को एक अमेरिकी नागरिक पन्नू की हत्या के निर्देश दिए। निखिल ने 83 लाख रुपए में एक हिटमैन को हायर किया। हालांकि, प्लानिंग सफल होने से पहले ही निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी हो गई।

अमेरिका का दावा है कि निखिल की हिटलिस्ट में पन्नू के साथ कम से कम 4 लोग थे। अमेरिका ने टॉप लेवल पर ये मुद्दा उठाया है। भारत की प्रतिक्रिया है कि वो इन आरोपों को गंभीरता से ले रहा है और 18 नवंबर को ही एक उच्च स्तरीय जांच समिति बना दी है।

अमेरिकी दावों के आधार पर इसमें शामिल किरदारों और इस पूरे घटनाक्रम को सिलसिलेवार तरीके से जानेंगे…

रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्य टारगेट भारतीय मूल का अमेरिकी-कैनेडियन नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू था। ये अलग खालिस्तान की मांग करता है और भारत में आतंकी घोषित है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्य टारगेट भारतीय मूल का अमेरिकी-कैनेडियन नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू था। ये अलग खालिस्तान की मांग करता है और भारत में आतंकी घोषित है।

अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने मैनहटन कोर्ट में एक अभियोग दायर किया है। इसके मुताबिक, कहानी के 5 प्रमुख किरदार हैं…

1. CC-1: अमेरिका के मुताबिक मुख्य साजिशकर्ता

  • अमेरिका में दायर केस के अनुसार CC-1 एक भारतीय सीक्रेट एजेंट है। जो फील्ड ऑफिसर है। ये इंडिया में ही दिल्ली से ऑपरेट करता है। ये सरकारी सिक्योरिटी मैनेजमेंट और इंटेलिजेंस के काम में शामिल है। पहले ये केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में रह चुका है। यह अच्छी तरह से ट्रेंड है, जिसे हथियार चलाने और युद्ध नीति की ट्रेनिंग मिली हुई है।
  • केस डायरी के अनुसार, CC-1 ने ही पूरी साजिश रची। CC-1 का नाम क्या है, इसका अमेरिका ने खुलासा नहीं किया है।

2. निखिल गुप्ता: पूरी साजिश को अंजाम देने की जिम्मेदारी

  • चार्जशीट के मुताबिक CC-1 ने अपने काम के लिए निखिल गुप्ता को चुना। निखिल एक 52 वर्षीय भारतीय नागरिक है। उस पर ड्रग्स और हथियारों की स्मगलिंग के आरोप हैं। CC-1 ने निखिल से वादा किया कि भारत में उसके केस दबा दिए जाएंगे, बदले में उसे इस साजिश को अंजाम देना होगा।

3. CS: अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट का सोर्स

  • निखिल गुप्ता ने इस काम के लिए अमेरिका में किसी अपराधी की तलाश शुरू कर दी। उसकी मुलाकात न्यूयॉर्क में एक शख्स से हुई। अमेरिकी चार्जशीट में उसका कोड नेम CS लिखा है।
  • निखिल जिस CS के संपर्क में आया, वो अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट का एक क्रेडिबल सोर्स निकला। जो खुफिया तरीके से अमेरिकी प्रशासन के लिए काम करता था। CS ने ही अमेरिकी अधिकारियों तक पूरी खबर पहुंचा दी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स CS को क्रेडिबल सोर्स के तौर पर डिकोड कर रही हैं।

4. UC: हिटमैन, जो अमेरिका खुफिया विभाग का अंडरकवर एजेंट निकला

  • CS ने पन्नू के मर्डर के लिए निखिल गुप्ता को एक हिटमैन से मिलवाया। ये हिटमैन अमेरिकी खुफिया विभाग में एक अंडर कवर एजेंट था, जो शूटर होने का दिखावा कर रहा था।
  • चार्जशीट के मुताबिक इसी एजेंट ने निखिल गुप्ता की सभी गतिविधियों और बातचीत को रिकॉर्ड किया। सबूत जुटाने के लिए एडवांस पैसे भी लिए। इसी के आधार पर पूरा केस बनाया गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स UC को अंडर कवर के तौर पर डिकोड कर रही हैं।

5. गुरपतवंत सिंह पन्नूः खालिस्तानी आतंकी, जिसकी हत्या की साजिश की बात

  • गुरपतवंत सिंह पन्नू मूलरूप से पंजाब के खानकोट का रहने वाला है। वो फिलहाल अमेरिका में रहता है और सिख फॉर जस्टिस नाम का संगठन चलाता है। उसके पास अमेरिका और कनाडा दोनों देशों की नागरिकता है।
  • भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया। सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा था।
  • पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साजिश का यही मुख्य टारगेट था। हालांकि, अमेरिकी चार्जशीट में इसका जिक्र नहीं है।
पन्नू अमेरिकन और कनाडा का नागरिक है। वह कनाडा से खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन करवाता है और भारत में खालिस्तान के हिमायती को फाइनेंशियली सपोर्ट करता है। फोटो में कनाडा में भारत विरोधी प्रदर्शन करते कनाडा में रहने वाले सिख।
पन्नू अमेरिकन और कनाडा का नागरिक है। वह कनाडा से खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन करवाता है और भारत में खालिस्तान के हिमायती को फाइनेंशियली सपोर्ट करता है। फोटो में कनाडा में भारत विरोधी प्रदर्शन करते कनाडा में रहने वाले सिख।

2 महीने की टाइमलाइनः प्लानिंग से गिरफ्तारी तक

मई 2023: भारतीय ऑफिसर CC-1 ने निखिल गुप्ता से एक एन्क्रिप्टेड एप्लिकेशन के जरिए मोबाइल से बात की। इसमें भारत में एक केस को खारिज कराने के बदले पन्नू की हत्या कराने का अरेजमेंट कराने के लिए कहा गया। इस पर गुप्ता तैयार हो जाता है।

6 मई 2023: भारतीय ऑफिसर ने गुप्ता को एक नंबर से मैसेज भेजा और कहा कि ये उसका नंबर है, इसे CC-1 नाम से सेव कर ले। थोड़ी देर बाद CC-1 ने मैसेज किया कि हमें अपने टारगेट्स को हिट करना चाहिए, जिनमें से एक न्यूयॉर्क और दूसरा कैलिफोर्निया में है। गुप्ता कहता है मैं सब देख लूंगा।

12 मई 2023: CC-1 गुप्ता को ये बताता है कि मैं भारत में तुम्हारा केस देख लूंगा। अब तुम्हें कोई गुजरात पुलिस से फोन करके परेशान नहीं करेगा।

29 मई 2023: गुप्ता केस खत्म होने के आश्वासन के बाद CC-1 के बताए व्यक्ति की हत्या करने की तैयारी करता है। वह CS से फोन करके पूछता है कि क्या वह किसी ऐसे व्यक्ति को जानता है जो अमेरिका में कॉन्ट्रैक्ट किलिंग करता हो।

निखिल गुप्ता उसे बताता है कि जिसे मारना है वो न्यूयॉर्क का एक वकील है, जो कभी न्यूयॉर्क तो कभी दूसरे शहर में रहता है।

इसके बाद गुप्ता CS और UC के साथ वीडियो कॉल पर बात करता है। गुप्ता बताता है कि जिसकी हत्या करना है वो एक वकील है। उससे कानूनी सलाह लेने का बहाना करके मिला जा सकता है और उसे किसी सुनसान जगह पर ले जाकर मारा जा सकता है। इसके बाद CS पन्नू की डिटेल और पेमेंट की बात करता है।

ये पन्नू की 2014 की तस्वीर है जब उसने सिख फॉर जस्टिस नाम की संस्था बनाई थी। इस संस्था का उद्देश्य खालिस्तान की स्थापना करना था।
ये पन्नू की 2014 की तस्वीर है जब उसने सिख फॉर जस्टिस नाम की संस्था बनाई थी। इस संस्था का उद्देश्य खालिस्तान की स्थापना करना था।

29 मई 2023: पन्नू की हत्या के लिए करीब 83 लाख रुपए की डील हुई थी। डील होने के बाद भारतीय अधिकारी CC-1 ने गुप्ता को पन्नू के न्यूयॉर्क वाले घर का पता, उसका फोन नंबर और उसकी दिनचर्या से जुड़ी पूरी जानकारी दी। चार्जशीट में पन्नू की हत्या के लिए एडवांस पेमेंट करने का भी जिक्र है।

3 जून 2023 : निखिल गुप्ता CS को ऑडियो मैसेज भेजता है और कहता है कि उसका साथी (UC) जल्द से जल्द हत्या कर दे। वह कहता है कि भाई तुम ज्यादा टाइम मत लो और इनको जल्दी से हटाओ…खत्म कर दो इनको।

4 जून 2023: निखिल गुप्ता फिर CS को मोटिवेट करता है कि ये काम तुमने जल्दी निपटा लिया तो तुम्हें बॉस (CC-1) से मिलवाया जाएगा। इस दौरान गुप्ता ने 15 हजार डॉलर की व्यवस्था की और उसे कैश में मैनहटन में एडवांस पेमेंट किया। CS के सहयोगी UC ने पीड़ित की एक तस्वीर भेजी और कहा कि यदि 25 हजार डॉलर एडवांस मिल जाएं तो वह तुरंत पन्नू की हत्या कर देगा।

11 जून 2023: पन्नू की सर्विलांस की तस्वीरें देखने के बाद CC-I ने गुप्ता से कहा है कि ये होपफुल है, हमारे पास आज का ही समय है। अगर हम आज नहीं कर पाए तो हमें ये काम 24 तारीख के बाद करना होगा। 21 से 23 जून तक मोदी अमेरिका की यात्रा पर थे।

14 जून 2023: गुप्ता ने CS को मैसेज किया कि हमें कनाडा में भी एक अच्छी टीम की जरूरत है।

18 जून 2023: कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर नकाबपोश बंदूकधारियों ने पन्नू के साथी खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी।

19 जून 2023: गुप्ता ने ऑडियो कॉल पर UC को बताया कि निज्जर भी हमारा टारगेट था। अभी हमारे कई और टारगेट हैं। गुप्ता ने कहा कि हम ये काम कनाडा के व्यक्ति से ही कराना चाहते थे, इसलिए ये काम वहीं किसी से करा लिया।

18 जून को पन्नू के साथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी। अमेरिका का आरोप पत्र के अनुसार निज्जर की हत्या भी CC-1 ने ही करवाई थी।
18 जून को पन्नू के साथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी। अमेरिका का आरोप पत्र के अनुसार निज्जर की हत्या भी CC-1 ने ही करवाई थी।

20 जून 2023: CC-1 गुप्ता को पन्नू के बारे में एक आर्टिकल भेजता है और कहता है कि ये अब हमारा मेन टारगेट है। गुप्ता CS को फोन पर कहता है कि 29 जून तक हमें चार काम पूरे करने है। यानी पन्नू और कनाडा में तीन और।

25 जून 2023: UC ने गुप्ता को पन्नू के घर और पड़ोस की तस्वीरें भेजीं। गुप्ता इन्हें CC-1 को भेज देता है।

26 जून 2023: CC-1 जवाब देता है। ये शानदार है। अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण हाेंगे।

पन्नू घर या ऑफिस में होगा। उस पर नजर रखी जाए।

29 जून 2023: गुप्ता UC को बताता है कि पन्नू अपने घर आ गया है। आज जब वह बाहर आएगा तो उसकी हत्या करना है।

30 जून 2023: निखिल गुप्ता भारत से चेक गणराज्य जाता है और अमेरिका की रिक्वेस्ट पर उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है।

नोट: अमेरिका के अभियोग पत्र में गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम कहीं नहीं है। उसका नाम विक्टिम के तौर पर लिया है, लेकिन जो उसके बारे में जानकारी है वह पन्नू होने की पुष्टि करती है।

ये मामला सरकारों के बीच कैसे आया?

इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार मामला एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश का था। हत्या की साजिश का आरोप भारत में बैठे अधिकारी पर था। इस कारण अमेरिकी अफसरों ने ये बात अपने आला अफसरों को बताई। भारत के सामने पहली बार ये मामला 5-6 अगस्त को सऊदी अरब के जेद्दा में उठा था। जब रूस-यूक्रेन मामले बैठक हो रही थी।

उस समय अमेरिकी NSA जैक सुलिवन ने भारत के NSA अजित डोभाल से अलग से इस हत्या की साजिश पर बात की थी। डोभाल ने सुलिवन से दो टूक कहा था कि ऐसे बात नहीं बनेगी। भारत इस पर तभी जांच कर सकता है, जब कोई सबूत और डिटेल हो। अगर ये सब नहीं है तो ये सब बकवास है।

जेद्दा में अमेरिकी NSA जैक सुलिवन ने भारत के NSA अजित डोभाल इस मामले की जानकारी दी थी, लेकिन डोभाल ने कहा था कि इस पर और सबूत चाहिए।
जेद्दा में अमेरिकी NSA जैक सुलिवन ने भारत के NSA अजित डोभाल इस मामले की जानकारी दी थी, लेकिन डोभाल ने कहा था कि इस पर और सबूत चाहिए।

इसके एक सप्ताह बाद जब भारत आजादी की सालगिरह मना रहा था। CIA निदेशक विलियन जे बर्न्स भारत आए। बर्न्स ने NSA डोभाल, रॉ प्रमुख रवि सिन्हा सहित कई आला अफसरों से बात की और उनके पास जो सबूत थे वो शेयर किए। भारत की ओर से फिर यही जवाब दिया गया कि ये बहुत सेंसटिव मामला है ऑफिशियल एक्शन से पहले इस पर और ठोस सबूत होना चाहिए।

इस बीच खालिस्तान अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में लगातार कनाडा के ऑफिशियल भारत के संपर्क में थे, लेकिन भारत उन्हें एंटरटेन नहीं कर रहा था। इसके बाद इसी साल अक्टूबर में अमेरिकी इंटेलिजेंस के चीफ एवरिल हेन्स ठोस सबूतों के साथ भारत आए और भारतीय अफसरों को बताया कि वो अभियोग तैयार कर रहे हैं।

इसके बाद अमेरिका ने इस मामले को सार्वजनिक कर दिया। जब भारत को वो दस्तावेज मिले तो भारत ने इस पर गंभीरता से जांच करने का फैसला किया। 18 नवंबर को भारत ने हाई लेवल इनवेस्टिगेशन पैनल बनाया।

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