इराक में अमेरिका ने आतंकी संगठन आईएस के ठिकानों पर 36,000 किलो बम गिराए

इराकी प्रधानमंत्री हैदर-अल-अबादी ने 2017 में आतंकी संगठन आईएस के खात्मे का दावा किया था रिपोर्ट के मुताबिक- आईएस ने इससे पहले ही देशभर में स्लीपर सेल बना दिए थे मंगलवार को अमेरिका-इराक की सेना ने आतंकियों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाया

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बगदाद. अमेरिका के लड़ाकू विमानों ने मंगलवार को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के ठिकाने पर 36,000 किलो बम गिराए। अमेरिका ने आधुनिक एफ-35 और एफ-15 लड़ाकू विमानों से बम गिराए। यह बम तिगड़ी नदी में मौजूद एक टापू (आईलैंड) पर गिराए गए। यह हमला इराकी सुरक्षाबलों और आईएस के खिलाफ अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन की तरफ से चलाए जा रहे सैन्य ऑपरेशन के तहत किया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक इस ऑपरेशन का मकसद आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के बड़े ठिकाने को नष्ट करना था। दरअसल, इराक के मोसुल में सीरिया और जजीरा रेगिस्तान इलाके के अलावा किर्कुक और मखमौर को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का गढ़ माना जाता है। कनस आईलैंड कयारा स्थित अमेरिका के ऑपरेटिंग बेस के पास ही मौजूद है।

इस्लामिक स्टेट ने देशभर में फैलाए स्लिपर सेल

अमेरिका-इराक के गठबंधन के मुताबिक इस क्षेत्र में सेनाओं ने दूसरी बार मैदानी स्तर पर इराकी स्पेशल ऑपरेशन चलाया। हालांकि इराकी प्रधानमंत्री हैदर-अल-अबादी ने 2017 में आईएस पर विजय प्राप्त करने और संगठन का खात्मा कर देने का दावा किया था। मगर इससे पहले ही आतंकी संगठन ने पूरे देश में स्लिपर सेल बना लिए थे। प्राथमिक तौर पर सीरिया बॉर्डर और किर्कुर क्षेत्र में इसके प्रमाण मिले थे।

हमने पहली बार एफ-35 एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया: इजरायल

एफ-35ए एयरक्राफ्ट अपने साथ 8,100 किलो जबकि एफ-15 अपने साथ 13,380 किलो हथियार लेकर चलता है। अमेरिका ने एफ-35 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल पिछले साल सितंबर में अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ चलाए गए अभियान में किया था। मई 2018 में इजरायली सेना ने दावा किया था कि एफ-35 एयरक्राफ्ट्स का इस्तेमाल कॉम्बेट ऑपरेशन में करने वाला वह पहला देश है।

 

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