संघ का सोशल मीडिया:संघ के बड़े नेता ट्विटर पर PM समेत किसी नेता को फॉलो नहीं करते, संघ प्रमुख भागवत दो साल से ट्विटर पर, लेकिन एक भी ट्वीट नहीं
संघ प्रमुख समेत RSS की टॉप लीडरशिप के 6 लोग ट्विटर पर हैं, इनमें से 5 लोग सिर्फ 32 लोगों को ही फॉलो करते हैं
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा कानूनी सुरक्षा हटाए जाने के बाद ट्विटर चर्चा में है। लीगल शील्ड हटने के बाद यह लड़ाई भाजपा बनाम ट्विटर होती दिख रही है। यह मसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भाजपा के ज्यादातर नेता 2014 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। इसी बहाने देखते हैं कि भाजपा के थिंक टैंक RSS के बड़े पदाधिकारी सोशल मीडिया पर कितने सक्रिय हैं।
सोशल मीडिया पर RSS के नेता भाजपा के नेताओं की तरह सक्रिय नहीं हैं। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर संघ के बड़े नेताओं के अकाउंट ही नहीं हैं, लेकिन इसके कुछ बड़े पदाधिकारी ट्विटर पर जरूर हैं। बतौर संगठन RSS ने भी अपना ट्विटर अकाउंट बना रखा है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत भी ट्विटर पर पिछले दो साल से मौजूद हैं, लेकिन उन्होंने अपने अकाउंट से आज तक कोई ट्वीट नहीं किया है। वे RSS के हैंडल को छोड़कर किसी को फॉलो भी नहीं करते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी नहीं। जबकि भागवत के 2.26 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
इसी तरह RSS संगठन के ट्विवटर हैंडल को 2.3 मिलियन यानी 23 लाख लोग फॉलो करते हैं, लेकिन RSS का आधिकारिक ट्विटर हैंडल किसी को भी फॉलो नहीं करता है। संघ में नंबर दो सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले को ट्विवटर पर 53 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं, लेकिन वे किसी को भी फॉलो नहीं करते हैं। यहां तक कि RSS के ट्विटर अकाउंट को भी नहीं।
संघ के संगठन में संघ प्रमुख और सरकार्यवाह के बाद सह सरकार्यवाह का नंबर आता है। मौजूदा समय में पांच सह सरकार्यवाह हैं। ये हैं- मनमोहन वैद्य, कृष्ण गोपाल, अरुण कुमार, मुकुंद सीआर और राम दत्त चक्रधर। इनमें से चार ट्विटर पर हैं। राम दत्त चक्रधर ट्विटर पर नहीं हैं। यानी संघ प्रमुख समेत RSS की टॉप लीडरशिप के 6 लोग ट्विटर पर हैं। इनमें से 5 लोग महज 32 लोगों को ही फॉलो करते हैं। सभी एक-दूसरे को और संघ के ही कुछ और नेताओं को फॉलो करते हैं। कोई बड़ा नेता इनकी फॉलो लिस्ट में नहीं है। सिर्फ सह सरकार्यवाह मुकुंद सीआर अपवाद हैं। वे 932 लोगों को फॉलो करते हैं। जिनमें प्रधानमंत्री मोदी समेत भाजपा के कई बड़े नेता शामिल हैं।
फेसबुक, इंस्टाग्राम से संघ नेताओं की दूरी
सोशल मीडिया पर संघ की थोड़ी बहुत सक्रियता सिर्फ ट्विटर तक ही है। फेसबुक पर RSS का आधिकारिक पेज है, लेकिन किसी बड़े पदाधिकारी ने फेसबुक पर अकाउंट नहीं बना रखा है। फेसबुक पर संघ के पेज को 55,13,975 लोग फॉलो करते हैं, जबकि 54,76,251 ने इस पेज को लाइक किया है। हालांकि संघ का फेसबुक पेज भी बहुत सक्रिय नहीं है। इस पेज से अंतिम बार इस साल 12 जून को गुजरात के वरिष्ठ कार्यकर्ता अमृत भाई कडीवाला के निधन पर संघ प्रमुख मोहन भागवत की तरफ से श्रद्धांजलि पोस्ट की गई थी। इस पेज पर औसतन दस से पंद्रह दिनों के बीच कोई पोस्ट आती है।
इंस्टाग्राम पर RSS का अकाउंट है। इस अकाउंट से भी किसी को फॉलो नहीं किया जाता है। जबकि 1.98 लाख लोग RSS के इंस्टाग्राम अकाउंट को फॉलो करते हैं। संघ प्रमुख भागवत समेत संघ का कोई बड़ा पदाधिकारी इंस्टाग्राम पर मौजूद नहीं है।
कौन संभालता है RSS और उसके नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट
संघ के पदाधिकारियों से बात करने पर इसका कोई साफ जवाब नहीं मिला। एक पदाधिकारी नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि संघ के कुछ नए कार्यकर्ता जो तकनीकी जानकार हैं, वे संगठन के सोशल मीडिया अकाउंट देखते हैं, लेकिन संघ के पास भाजपा जैसी कोई व्यवस्थित आईटी सेल नहीं है। टॉप लीडरशिप बड़े मौके पर ही ट्वीट करती है। उनके अप्रूवल के बाद ही पोस्ट की जाती है।
यही वजह है कि संघ के अकाउंटस की फ्रिक्वेंसी काफी कम है। इंस्टाग्राम के आधिकारिक पेज पर गुरु गोलवलकर का एक कोट पांच जून को शेयर किया गया था। इसके पहले 26 मई को बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर पोस्ट की गई थी।
सोशल मीडिया पर भी अनुशासन, संयम का निर्देश
2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद भाजपा ने अपने सभी नेताओं को सोशल मीडिया पर सक्रिय होने को कहा था, लेकिन RSS पर इस कवायद का ज्यादा असर नहीं पड़ा था। भाजपा के थिंक टैंक संघ परिवार के ज्यादातर नेता 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर आए।
RSS के एक पदाधिकारी नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं, ‘पहले कार्यकाल के बाद भाजपा डिमोनेटाइजेशन, मॉब लिंचिंग और जीएसटी को खराब तरह से लागू करने के आरोप झेल रही थी। तब संघ ने अपने कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर आकर भाजपा के बचाव के निर्देश दिए थे, लेकिन बड़े संघ नेताओं को इस मामले में संयम और अनुशासन रखने को कहा गया था।
दिल्ली में संघ के पदाधिकारी राजीव तुली कहते हैं, ‘संघ एक गैर-राजनीतिक संस्था है। हमारा मानना है कि सोशल मीडिया पर संवाद एकतरफा होता है। हमारे पास जनता से संपर्क का सीधा माध्यम शाखा है। तकरीबन 60,000 शाखाओं के जरिए हम जनता के मन की बात सीधे सुन भी लेते हैं और उन तक अपनी बात पहुंचा भी देते हैं।’