नई दिल्ली. कोरोना संकट के बीच बुधवार को एक अच्छी खबर आई। मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार मानसून सामान्य रहेगा। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक एम मोहपात्रा ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में बताया कि इस साल बारिश का दीर्घावधि औसत 100% रहेगा। 96 से 100% बारिश को सामान्य मानसून माना जाता है। मानसून केरल के तट से एक जून को टकराएगा। पिछले साल यह आठ दिन की देरी से 8 जून को केरल के समुद्रतट से टकराया था। भारत में जून से सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून से बारिश होती है।
वहीं, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन के मुताबिक, इस बार 100 फीसदी दीर्घावधि औसत की संभावना है। हालांकि इसमें 5% कमी या बढ़ोतरी हो सकती है। सामान्य मानसून खेती और आर्थिक वृद्धि के लिए फायदेमंद होता है। सांख्यिकीय गणना के आधार पर इस बार मानसून में 9% की कमी हो सकती है, जिसे अच्छी बात कहा जा सकता है।
दो चरणों में जारी होता है अनुमान
हर साल मौसम विभाग दीर्घावधि अनुमान दो चरणों में जारी करता है। पहला अनुमान अप्रैल तो दूसरा अनुमान जून में जारी किया जाता है। इसके लिए स्टेटिसटिकल एनसेंबल फोरकास्टिंग सिस्टम और ओशन एटमॉस्फिरिक मॉडलों की मदद ली जाती है। 1961 से 2010 के दौरान देशभर में हर साल औसतन 88 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई।