चीनी समानों पर बैन के बावजूद Xiaomi भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला स्मार्टफ़ोन बना, जानें दूसरे नंबर पर कौन?

रत दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफ़ोन मार्केट (Smartphone Market) है. हाल ही में आई स्टडी में ये बात सामने आई है कि इंडियन यूजर्स कौन से ब्रैंड के स्मार्टफोन्स खरीदना पसंद करते हैं. आइए आपको बताते हैं कौन है टॉप पर..

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नई दिल्ली. भारत दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफ़ोन मार्केट (Smartphone Market) है. हाल ही में आई स्टडी में ये बात सामने आई है कि इंडियन यूजर्स कौन से ब्रैंड के स्मार्टफोन्स खरीदना पसंद करते हैं. इस लिस्ट में टॉप पोजीशन्स पर चाइनीज ब्रैंड्स हैं और इनमें सबसे बड़ा मार्केट शेयर शाओमी का है. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल की तीसरी तिमाही में भी शाओमी ने सबसे ज्यादा स्मार्टफोन्स बेचे और करीब 1 करोड़ 30 लाख शाओमी स्मार्टफोन्स अगस्त से अक्टूबर के बीच बेचे गए. स्मार्टफोन मार्केट से जुड़ा डेटा Canalys की ओर से शेयर किया गया है.

रियलमी ने की सबसे ज्यादा ग्रोथ
टॉप-3 स्मार्टफोन ब्रैंड्स में वीवो भी शामिल हो गया है कि और इस साल तीसरी तिमाही में करीब 88 लाख डिवाइसेज की सेल के साथ 17.6 प्रतिशत मार्केट शेयर पर कंपनी ने कब्जा किया. इसके अलावा चौथी पोजीशन पर रियलमी रहा, जिसका मार्केट शेयर पिछले साल के 15.3 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 17.4 प्रतिशत हो गया है. कंपनी की ग्रोथ करीब 23 प्रतिशत रही, जो मार्केट में मौजूद ब्रैंड्स में सबसे ज्यादा है.
दूसरी पोजीशन पर सैमसंग 
शाओमी का मार्केट शेयर जुलाई से अक्टूबर वाली तिमाही में 26.1 प्रतिशत रहा है, जो पिछले साल के मुकाबले 1.1 प्रतिशत ज्यादा है. इसके अलावा दूसरी पोजीशन पर साउथ कोरिया की स्मार्टफोन कंपनी सैमसंग बनी हुई है, जिसने इस दौरान करीब 1 करोड़ डिवाइसेज की सेल की और 20.4 प्रतिशत मार्केट शेयर पर कब्जा किया. हालांकि, पिछले साल के मुकाबले कंपनी का मार्केट शेयर -0.2 प्रतिशत कम हुआ है.

पांचवीं पोजीशन पर ओप्पो रहा और करीब 61 लाख स्मार्टफोन्स कंपनी ने इस दौरान डिलीवर किए. ओप्पो का मार्केट शेयर करीब 12.1 प्रतिशत रहा. इस तरह केवल पांच स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर्स ही करीब 93.6 प्रतिशत इंडियन मार्केट कंट्रोल कर रहे हैं. खास बात यह है कि ऐपल iPhones की मांग भी भारत में बढ़ रही है. इस तिमाही में ऐपल ने करीब 8 लाख iPhones भारत में बेचे. कैलिफोर्निया की कंपनी को प्रमोशनल ऑफर्स और भारत में ऑनलाइन स्टोर खोलने का फायदा मिला है.

देश के स्मार्टफोन मार्केट से अब कोविड-19 महामारी का असर धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। इस बात को यूं समझा जा सकता है कि तीसरे क्वार्टर (जुलाई से सितंबर) के दौरान स्मार्टफोन शिपमेंट में 8 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है। कैनालिस (canalys) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्वार्टर के दौरान रिकॉर्ड 50 मिलियन (5 करोड़) यूनिट का शिपमेंट हुआ। ये किसी भी सिंगल क्वार्टर में स्मार्टफोन शिपमेंट का ऑल-टाइम रिकॉर्ड है।

रिकॉर्ड शिपमेंट को लेकर कैनालिस के एनालिस्ट, एडवेट मेरडिकर ने कहा, “स्मार्टफोन की सेल तेजी से बढ़ी है। देश में लंबा लॉकडाउन हटने के बाद बाजार में तेजी दिख रही है। लगभग सभी प्लेटफॉर्म पर स्मार्टफोन की मांग बढ़ी है। खासकर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे फ्लिपकार्ट और अमेजन ने फेस्टिवल सीजन में रिकॉर्ड स्मार्टफोन सेल किए हैं। यही वजह है कि बाजार फिर से गुलजार हो रहा है।”

पिछले 5 सालों में सबसे ज्यादा शिपमेंट

हर साल स्मार्टफोन मार्केट के लिए साल का तीसरा क्वार्टर काफी अहम होता है, क्योंकि इस दौरान फेस्टिवल सीजन के चलते बिक्री बढ़ जाती है। स्मार्टफोन शिपमेंट मार्केट के पिछले 4 साल के आंकड़ों को देखा जाए तो यह पहला ऐसा मौका है जब शिपमेंट का ऑल टाइम रिकॉर्ड बन गया। 2017 और 2018 के तीसरे क्वार्टर में करीब 40 मिलियन (4 करोड़) यूनिट का शिपमेंट हुआ था। जबकि 2019 के तीसरे क्वार्टर में शिपमेंट का आंकड़ा 46 मिलियन (4.6 करोड़) यूनिट तक पहुंच गया था। हालांकि, इस बार 50 मिलियन (5 करोड़) यूनिट के साथ नया रिकॉर्ड बन गया। इस साल जून में लद्दाख में चीनी सैनिकों से झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद देश में चीनी प्रोडक्ट के बायकॉट की मुहिम शुरू हो गई थी। सोशल मीडिया पर लोगों के गुस्से को देखकर ऐसा लग रहा था कि वाकई अब चीनी कंपनियों को देश छोड़कर जाना होगा, लेकिन तीसर क्वार्टर के स्मार्टफोन शिपमेंट ने इन बातों को सिरे से खारिज कर दिया।

इस दौरान चीनी कंपनी शाओमी ने 13.1 मिलियन (1.31 करोड़) यूनिट का शिपमेंट किया और उसका मार्केट शेयर 26.1 प्रतिशत रहा। बीते साल की तुलना में उसकी सालाना ग्रोथ 9 प्रतिशत रही। हालांकि, दूसरे नंबर पर दक्षिण कोरियन कंपनी सैमसंग रही। इस दौरान सैमसंग ने 10.2 मिलियन (1.02 करोड़) यूनिट का शिपमेंट किया और उसका मार्केट शेयर 20.4 प्रतिशत रहा। इसके बाद अगले तीन पायदान पर चीनी कंपनी वीवो, रियलमी और ओप्पो का दबदबा रहा।

2019 में भारतीय बाजार में शाओमी की सबसे ज्यादा 28 फीसदी हिस्सेदारी रही थी। 2018 में भी कंपनी की इतनी हिस्सेदारी थी। दूसरे स्थान पर 21 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सैमसंग रही। हालांकि, 2018 के मुकाबले कंपनी को 3 फीसदी का नुकसान हुआ है। इसके बाद वीवो, रियलमी, ओप्पो जैसी चीनी कंपनियों का दबदबा रहा। इन कंपनियों के बिक्री में 2018 की तुलना में इजाफा हुआ है।

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