नई दिल्ली. टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने कहा कि बैंक, लॉजिस्टिक और ई-कॉमर्स कारोबार इकाइयों को अपने ग्राहकों को थोक में कमर्शियल SMS भेजने के लिये टेलीमार्केटिंग नियमों के अनुपालन को लेकर तीन दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करने की आवश्यकता होगी. ऐसा नहीं करने पर उनके ग्राहकों को कमर्शियल SMS भेजने पर पाबंदी लगा दी जाएगी. बता दें कि अगर इन कंपनियों ने ट्राई के नियम नहीं मानें तो तीन दिन बाद बैंक, लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स कंपनियों से मिलने वाली कमर्शियल SMS बंद हो जाएंगे. ऐसे में ग्राहकों को बैंक, शाॅपिंग समेत अन्य कार्यों में दिक्कतें आ सकती हैं.
TRAI ने दिया 3 दिन का समय
TRAI ने कहा कि नया SMS रेगुलेशन स्पैम मैसेज (Spams)और ऑनलाइन फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए लाया गया है. TRAI ने कहा कि जिन कंपनियों ने इस रेगुलेशन को अभी तक फॉलो नहीं किया है, उन्हें 3 दिन का समय दिया गया है, ताकि वे नए नियमों के मुताबिक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर लें. जो कंपनियां 3 दिन के बाद भी ऐसा नहीं करेगी उनका नाम डिफॉल्टर कंपनी के तौर पर कंपनी की वेबसाइट पर पोस्ट कर दिया जाएगा. TRAI ने दो टूक कहा- जो कंपनियां नया फ्रेमवर्क लागू नहीं करेंगी, 3 दिन के बाद उन्हें बल्क SMS भेजने से रोक दिया जाएगा.
SMS सर्विस में डिसरप्शन की वजह से बैंकों, ईकॉमर्स और दूसरी कंपनियों का SMS आने में काफी देर हो रही थी. यह दिक्कत किसी एक नेटवर्क या ऐप की नहीं बल्कि हर जगह थी. CoWIN रजिस्ट्रेशन OTP, डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन के लिए बैंक OTP और यहां तक कि सिस्टम बेस्ड टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन OTP आने में भी काफी देर हो रही थी. SMS से जुड़े नए रेगुलेशन इसलिए लागू किए गए हैं ताकि SMS के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोका जा सके. लेकिन नए SMS रेगुलेशन को लागू करने के साथ ही कई दिक्कतें आने लगीं. इस वजह से TRAI ने 7 दिनों के लिए नए नियम से सस्पेंड कर दिया. ट्राई ने यह फैसला नए नियमों के कारण OTP और SMS आने में दिक्कत होने की शिकायत मिलने के बाद किया था और कंपनियों को नया फ्रेमवर्क अपनाने के लिए और 7 दिन का समय दिया था.
दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI को आदेश दिया था कि वह तुरंत फर्जी SMS पर रोक लगाए जिसकी वजह से आम लोग झांसे में आ जाते हैं. कोर्ट के इस आदेश को पूरा करने के लिए TRAI ने नया DLT सिस्टम शुरू किया. नए DLT सिस्टम में रजिस्टर्ड टेम्पलेट वाले हर SMS के कॉन्टेंट को वेरिफाई करने के बाद ही डिलीवर किया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया को स्क्रबिंग कहते हैं। इस सिस्टम को पहले भी कई बार लागू करने की कोशिश की गई थी. लेकिन फाइनली इसे सोमवार 8 मार्च को लागू किया.