चाइनीज ऐप से ऐसे बढ़ता है फ्रॉड होने का खतरा, जानें ये जरूरी बातें

चाइनीज ऐप से निजी जानकारी चोरी होने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. कुछ खुफिया एजेंसियों का कहना है कि ये ऐप्स सेफ नहीं है और ये यूज़र्स का डेटा भारत के बाहर स्टोर कर रहे हैं.

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भारत और चीन की झड़प के बाद कई भारतीय यूज़र चीन के स्मार्टफोन और उसके द्वारा बनाए गए ऐप्स को बॉयकॉट करने की तैयारी में हैं. भारत में चीन द्वारा बनाए गए मोबाइल फोन के साथ ही, मोबाइल एप्लीकेशन और कई ऐसे प्रोडक्ट हैं जो भारत में बहुत ज्यादा प्रचलित हैं. अगर देखा जाए तो चीन के लिए भारत एक काफी फायदेमंद मार्केट है. कई बार जब कोई एप्लीकेशन को मोबाइल फोन में इंस्टाल किया जाता है तो वो एक्सेस के लिए गैर-जरूरी जानकारी भी मांगता है जिसका उस एप्लीकेशन से कोई लेना-देना नहीं होता. कुछ खुफिया एजेंसियों का कहना है कि ये ऐप्स सेफ नहीं है और ये यूज़र्स का डेटा भारत के बाहर स्टोर कर रहे हैं.

सबसे पहले तो ये जानना जरुरी है कि कौन-कौन से ऐप चाइनीज हैं, उसके बाद किन ऐप्स से और किस तरह का यूजर को नुकसान पहुंच सकता है. आइए देखें…
खुफिया एजेंसी ने कहा- इन 52 चाइनीज एप ...

ये हैं चाइनीज ऐप

 SHAREit, SHEIN, TikTok, UC Browser, UC News, Clean Master – Cheetah, Bigo Live, Bigo Video, Virus Cleaner, hello, Baidu Translate, BeautyPlus, CacheClear DU ऐप्स studio, Clash of Kings, ClubFactory, CM ब्राउज़र, DU Battery Saver, DU Browser, DU Cleaner, DU Privacy, DU recorder, ES File Explorer, Kwai, LIKE, Mail Master, Mi Community, Mi स्टोर, Mi Video call-Xiaomi, QQ Player, QQ Security Centre इसके अलावा भी कई चाइनीज ऐप हैं.

नवभारत टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक़, एक स्टडी से पता चला है कि SHAREit, TikTok, UC Browser, Bigo Live, Bigo Video जैसे कई ऐप एक्सेस के लिए आपके कैमरे, गैलरी और माइक्रोफोन का भी एक्सेस मांगते हैं. उसके बाद ये यूजर्स का डेटा चुरा कर चाइना टेलिकॉम कंपनी या फिर अपनी पैरंट कंपनी को भेजते हैं. इतना नहीं रिपोर्ट में इस बात का दावा भी किया गया है कि ये यूजर्स के डेटा को विदेशी एजेंसियों को ट्रांसफर करते हैं.

इन ऐप्स में मांगी जाती है लोकेशन- कई बार यूजर्स को लोकेशन का एक्सेस देना जरुरी होता है लेकिन वह सिर्फ कैब सर्विस, फूड डिलिवरी या फिर ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी को. कुछ चाइनीज ऐप ऐसे हैं जो यूजर की लोकेशन बिना किसी जरूरत के मांगते हैं. उसके बिना ऐप एक्सेस नहीं करने दिया जाता. Arrka Consulting की को-फाउंडर, शिवांगी नाडकर्णी ने बताया कि यूसी ब्राउजर यूजर्स से लोकेशन का ऐक्सेस मांगता है जिससे वह इस बात का पता कर सके कि व्यक्ति कहां से जानकारी सर्च कर रहा है.

इसी बीच एक रिपोर्ट से पता चला है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भारत सरकार को 52 चाइनीज मोबाइल ऐप्स को ब्लॉक करने और लोगों से इन्हें इस्तेमाल ना करने के लिए कहा है.

 

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