कोरोना वायरस का खात्मा करेगी 5G टेक्नोलॉजी! भारत में भी चल रही तैयारी

COVID-19: दो चीनी कंपनियों ने एक ज्वाइंट स्टडी में कहा है कि एक खास तकनीक की मदद से कोरोना वायरस (Corona Virus) और किसी भी प्राकृतिक आपदा से समय रहते निपटा जा सकता है.

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नई दिल्ली. चीन में पहली बार सामने आने वाले कोरोना वायरस (Corona Virus) ने दुनिया के एक बड़े हिस्से को अपनी जद में ले लिया है. कई देशों में इसके कहर ने रोजमर्रा के जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. लेकिन जिस चीन से इस कोरोना वायरस (COVID-19) की शुरुआत हुई है, उसी चीन से अब इसके खात्मे की भी शुरुआत हो सकती है. दरअसल, चीन ने दावा किया है कि 5G तकनीक की मदद से कोरोना वायरस जैसी आपदा को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है.

एक स्टडी में हुआ खुलासा

चीन का कहना है कि 5G थर्मल इमेजिंग तकनीक Contagion (छूत की बीमारी) मॉनिटरिंग भी करता है. इस तकनीक की मदद से काफी सटीकता से किसी भी चलने वाली वस्तु का तापमान मापा जा सकता है. इसके लिए उस वस्तु को बिना छुए ही तापमान के बारे में पता लगाकर अलर्ट भेजा जा सकता है. गुरुवार को चीन ने एक स्टडी के हवाले से यह बात कही है.

महामारी से निपटने के लिए सबसे बेहतर टूल बन सकता है 5G
चीनी कंपनी Huawei और Deloitte की ज्वाइंट स्टडी के मुताबिक, COVID-19 ने पब्लिक हेल्थेकयर सिस्टम (PHS) पर बहुत अधिक दबाव डाला है. साथ ही किसी भी तरह की महामारी (Epidemic) को लेकर होने वाले रिस्पॉन्स सिस्टम पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. चीन जैसे देश में जहां एक बड़ा लैंडस्केप है, ज्यादा मोबाइल पॉपुलेशन, रिसोर्सेज के लिए उनकी मांग और डेटा एक्सचेंज इन्फेक्टेड लोगों की स्क्रीनिंग में एक प्रमुख भूमिका अदा करता है. ऐसे में यह तकनीक फ्रंट लाइन स्टॉफ को ग्राउंड पर सपोर्ट करने और इस आपदा को खत्म करने में मदद कर सकता है.

कैसे 5G कर सकता है मदद
चीन के कई टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने हुवावे के साथ मिलकर COVID-19 का ट्रीटमेंट कर रहे हॉस्पिटल्स में 5G नेटवर्क को अलग तौर पर सेटअप किया. 5G तकनीक की बेहतर स्पीड, निर्भरता और बेहद कम लेटेंसी की वजह से यहां के हेल्थकेयर सिस्टम को काफी फायदा मिला है. इससे मरीजों की मॉनिटरिंग, डेटा कलेक्शन और उनका एनालिसिस करने में मदद मिली है. कंपनी ने कहा है कि इस तरह की आपदा से निपटने के लिए 5G तकनीक बड़ी मदद कर सकता है.

मिलेगा नए बिजनेस का मौका
इस स्टडी में कहा गया है कि पब्लिक हेल्थ के क्षेत्र में 5G एप्लीकेशन की सफलता एक नए तरह के बिजनेस और इससे जुड़े नए सेक्टर को जन्म दे सकती है. साथ ही, प्राकृतिक आपदा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स को भी 5G तकनीक से जोड़कर काफी हद तक अपने रिस्पॉन्स को बेहतर किया जा सकता है. इसे फ्रंटलाइन खपत, इन्वेन्टरी लेवल्स, प्रोडक्शन क्षमता जैसी चीजों को ध्यान में रखते हुए समय रहते सही फैसला लिया जा सकता है.

भारत में भी 5G लाने की तैयारी चल रही है
इस स्टडी के मुताबिक, 5G की मदद से किसी भी मरीज को एक जगह से दूसरे जगह पर ट्रांसफर करते समय लगातार मॉनिटर और उचित उपचार किया जा सकता है. टेलीकॉन्फ्रेंसिंग की जरूरतों को पूरा करने के लिए यह सबसे कुशल तकनीक है. इस तकनीक की मदद से मेडिकल एक्सपर्ट अपने मरीज का कहीं से भी ट्रीटमेंट कर सकते हैं. बता दें कि भारत में भी 5जी तकनीक लाने की तैयारी चल रही है. संभवत: अगले साल इसके ​लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. इसके बाद विभिन्न टेलीकॉम कंपनियां इसे बाजार में ला सकती हैं.

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