सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस: फॉरेन एक्सचेंज 560 अरब डॉलर पर पहुंचा, जीएसटी कलेक्शन अक्टूबर में 1.05 लाख करोड़ रुपए हुआ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन जैसे कई आंकड़े बेहतर आये हैं और रिजर्व बैंक ने यह संकेत दिया है कि तीसरी तिमाही में ही इकोनॉमी पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ हासिल कर सकती है.

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कोरोना संकट में पटरी से उतर गई अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के लिए मोदी सरकार ने एक और राहत पैकेज देने का ऐलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन जैसे कई आंकड़े बेहतर आये हैं और रिजर्व बैंक ने यह संकेत दिया है कि तीसरी तिमाही में ही इकोनॉमी पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ हासिल कर सकती है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो चुकी है। वित्तमंत्री ने कहा कि मजबूत रिकवरी की सीन दिख रही है क्योंकि कोरोना के मामले कम हो रहे हैं और मौत की दरें भी कम हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी की खपत में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की बढ़त हुई है। जबकि सालाना आधार पर रेलवे के किराए में रोजाना 20 प्रतिशत की ग्रोथ दिख रही है। बैंक क्रेडिट 23 अक्टूबर तक सालाना आधार पर 5.10 प्रतिशत सुधरी है। शेयर बाजार इस समय रिकॉर्ड उंचाई पर है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस का LIVE अपटेड

  • वित्तमंत्री ने नए राहत और इंसेटिव की घोषणा की है ताकि देश में कोविड-19 की रिकवरी से निपटने में मदद मिल सके। मई 2020 से जो भी राहत केंद्र सरकार ने दी है, उस राहत के प्रदर्शन का रिव्यू भी किया जा रहा है।
  • वित्तमंत्री ने कहा कि फॉरेन एक्सचेंज 560 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन अक्टूबर में 1.05 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है। एफडीआई का निवेश अप्रैल से अगस्त के दौरान 35.37 अरब डॉलर रहा है जो सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की बढ़त दिखा रहा है।
  • मुख्य अर्थशास्त्रियों ने यह सुझाव दिया है कि री-बाउंड न केवल मांग से आएगा, बल्कि मजबूत आर्थिक बढ़त से भी आएगी। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में पीएमआई बढ़कर 58.9 पर पहुंच गई है। जो सितंबर में 54.6 पर थी।
  • जीएसटी का ज्यादा कलेक्शन, एनर्जी में बढ़ रही खपत और मजबूत मार्केट के प्रदर्शन सुधार के कुछ संकेतों में से हैं। पिछले 10-15 दिनों से इकोनॉमी रिकवरी दिख रही है। सीपीआई ने मजबूत रिकवरी दिखाई है।
  • आत्मनिर्भर भारत अभियान-1 के तहत कुछ पॉइंट पर प्रोग्रेस दिख रही है। इसमें वन नेशन वन राशन कार्ड प्रमुख है। इसे एक सितंबर से लागू किया गया था। अब तक 68.6 करोड़ लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है।
  • इंट्रा स्टेट पोर्टिबिलिटी के तहत 1.5 करोड़ मासिक लेन देन इसके तहत हुए हैं। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स योजना में 26.62 लाख लोन एप्लिकेशन मिले हैं। जिसमें से 13.78 लाख लोन एप्लिकेशन के तहत 1,373.22 करोड़ रुपए की मंजूरी 30 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में दी गई है।
  • अब तक किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 183 लाख एप्लिकेशन मिली हैं। बैंकों ने इसके तहत 150 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया है। इससे 2.5 करोड़ किसानों को क्रेडिट में तेजी आएगी। बैंक ने दो चरणों में 1,43,262 करोड़ रुपए को मंजूरी दी है।
  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 21 राज्यों ने कुल 1,681.32 करोड़ रुपए को मंजूरी दी है। इसके साथ ही किसानों को नाबार्ड के जरिए 25 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त वितरण किया गया है। यह इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंडिंग है।

मुश्किल वाले सेक्टर्स पर होगा फोकस
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार मुश्किल वाले सेक्टर्स पर फोकस करेगी। इसके जरिए वह अर्थव्यवस्था को उबारने की कोशिश करेगी। कैबिनेट ने बुधवार को ही बैठक में 10 सेक्टर्स में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स (PLI) लागू करने की मंजूरी दे दी है। PLI के तहत अगले 5 सालों में 1.46 लाख करोड़ रुपए दिए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, 57 हजार करोड़ रुपए की अधिकतम इंसेंटिव हासिल करने वाले सेक्टर्स में ऑटो कंपोनेंट्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर्स हो सकते हैं।

इसके अलावा, जिन सेक्टर्स को इसका फायदा होगा, उनमें एडवांस सेल केमिस्ट्री, बैटरी, फार्मा, फूड प्रोडक्ट्स और व्हाइट गुड्स शामिल हैं। इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार एक्स्ट्रा प्रोडक्शन पर कंपनियों को इंसेंटिव्स और उन्हें एक्सपोर्ट करने की भी मंजूरी देगी। पिछले महीने नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने ऐलान किया था कि सरकार प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स लेकर आएगी ताकि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स को सपोर्ट किया जा सके।

उन्होंने कहा था कि PLI स्कीम का मकसद देश में पैसा लगाने वाले निवेशकों को इनसेंटिव्स देना है, ताकि घरेलू कंपनियों को भी दुनिया के बराबर लाया जा सके।

कर्मचारी के पीएफ का 10% हिस्सा सरकार देगी
जो नए कर्मचारी होंगे, उनके पीएफ का 10% हिस्सा सरकार देगी और कर्मचारी के लिए जो एम्प्लॉयर का योगदान होता है, उसमें भी सरकार 10% हिस्सा देगी। इसको सरकार प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत नए रूप में पेश कर सकती है।

उन्होंने कहा कि रेलवे में माल ढुलाई में 20 फीसदी बढ़ी है, बैंक कर्ज वितरण में 5 फीसदी की बढ़त हुई. शेयर बाजार रिकॉर्ड हाई है. एफपीआई का नेट निवेश भी सकारात्मक रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार भी 560 अरब डॉलर के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत उठाये गये कदमों से ​मजदूरों को काफी फायदा हुआ है. इसी तरह किसानों को राहत देने के प्रयासों का भी अच्छा नतीजा आया है.

क्यों आ रहा नया पैकेज

सूत्रों के मुताबिक इस पैकेज को तैयार करने के लिए इंडस्ट्री चैंबर्स और कॉरपोरेट जगत की राय ली गई है. सूत्रों ने इस पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी लेकिन कहा कि इसका मकसद परेशान सेक्टर को राहत देना होगा. साथ ही इसमें रोजगार सृजन पर जोर होगा. गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से देश की इकॉनमी बुरी तरह प्रभावित हुई है.

इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में करीब 24 फीसदी की गिरावट आयी है. इससे इकोनॉमी को राहत देने के लिए सरकार कई राहत पैकेज का ऐलान कर चुकी है. लेकिन इन सब राहत पैकेज से अर्थव्यवस्था में बहुत सुधार होने के संकेत नहीं मिल रहे हैं. हालांकि अर्थव्यवस्था में हाल में कई संकेतक बड़े सकारात्मक रहे, लेकिन उन्हें त्योहारी सीजन के दौरान होने वाली तात्कालिक बढ़त माना जा रहा है. अभी ट्रैवल, ​सर्विस सेक्टर जैसे कई सेक्टर की हालत बहुत खराब है.

2 लाख करोड़ के पैकेज का हुआ ऐलान 

बुधवार को ही सरकार ने 10 सेक्टरों में मैन्युफैक्चरर्स के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपये के प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव्स (PLI) की घोषणा की है. कोरोना संकट से अभी देश को मुक्ति मिलती नहीं दिख रही. राजधानी दिल्ली में कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आये हैं. कई अन्य शहरों में भी कोरोना के मामले बढ़ते देखे गये हैं.

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