नई नौकरियों पर केंद्र का बड़ा फैसला, अगले दो साल तक PF अंशदान सरकार करेगी

इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में करीब 24 फीसदी की गिरावट आयी है. इससे इकोनॉमी को राहत देने के लिए सरकार कई राहत पैकेज का ऐलान कर चुकी है.

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नई दिल्ली। सुस्ती से जूझ रही देश की इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए केंद्र सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है. इसी के तहत गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फिर से राहत दी है.इस बार आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के तहत 2,65,080 करोड़ रुपये के 12 उपायों की घोषणा की गई है. आइए जानते हैं, निर्मला सीतारमण के प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें..  

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना कर्मचारियों को बड़ी राहत

–  आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. सरकार इससे जुड़े कर्मचारियों को ईपीएफओ से जोड़ेगी. ऐसे कर्मचारी जो पहले पीएफ के लिए रजिस्टर्ड नहीं थे और उनकी तनख्वाह 15 हजार से कम है तो उनको इस योजना का लाभ मिलेगा. जो लोग अगस्त से सितंबर तक नौकरी में नहीं थे, लेकिन उसके बाद पीएफ से जुड़े हैं उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा. यह योजना 30 जून 2021 तक लागू रहेगी.

क्या मिलेगा लाभ

सरकार दो साल तक 1000 तक की संख्या वाले कर्मचारियों वाले संस्थाओं को नई भर्ती वाले कर्मचारियों के पीएफ का पूरा 24 फीसदी हिस्सा सब्सिडी के रूप में देगी. यह 1 अक्टूबर 2020 से लागू होगा. 1000 से ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान में नए कर्मचारी के 12 फीसदी पीएफ योगदान के लिए सरकार 2 साल तक सब्सिडी देगी. इसमें लगभग 95 फीसदी संस्थान आ जाएंगे और करोड़ों कर्मचारियों को फायदा होगा.

  • – कोविड वैक्सीन के रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए 900 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
  • – वित्त मंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए एक्जिम बैंक को 3000 करोड़ रुपये लाइन ऑफ क्रेडिट के रूप में दिए जाएंगे.
  • – प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत अब तक 116 जिलों में 37 हजार 543 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. इसके विस्तार के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान है,
  • – फर्टिलाइजर के लिए 65000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. इससे 14 करोड़ किसानों को फायदा होगी.
  • –सरकार एनआईआईएफ के डेट प्लेटफॉर्म में 6000 करोड़ रुपये इक्विटी के रूप में निवेश करेगी.
  • – हाउसिंग के क्षेत्र में एक बड़ी राहत देते हुए सर्कल रेट और एग्रीमेंट वैल्यू की इनकम टैक्स छूट को बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है. ये छूट 2 करोड़ तक के मकान के लिए ही होगी. वहीं, पहली बार खरीदारी करने वाले लोगों के लिए ही ये छूट है. इसे 30 जून 2021 तक के लिए रखा गया है.
  • – सरकारी टेंडर में बयाना जमा-राशि (ईएमडी) पर भी बड़ी राहत दी गई है. परफॉर्मेंस सिक्युरिटी को घटाकर 3 फीसदी कर दी गई है. ईएमडी टेंडर के लिए अनिवार्य होता है. ये राहत 31 दिसंबर 2021 तक के लिए है.
  • – प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अतिरिक्त 18 हजार करोड़ रुपये दिए खर्च किए जाएंगे.
  • – निर्मला सीतारमण ने बताया कि 10 सेक्टरों के लिए 1.46 लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव योजना बनाई गई है. इससे रोजगार और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा. पहले यह योजना तीन क्षेत्रों में शुरू की गई थी.
  • – निर्मला सीतारमण ने कहा कि कामत कमेटी की सिफारिश के मुताबिक 26 दबावग्रस्तऔर स्वास्थ्य सेक्टर के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीजीएलएस) के तहत लाभ दिया गया है. मूलधन चुकाने के लिए 5 साल का समय दिया गया है. यह योजना 31 मार्च 2021 तक रहेगी.
  • – इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) स्कीम की डेडलाइन बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दी गई है. कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने MSME आसान शर्त पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए इस स्कीम को लॉन्च किया था.
  • – इमरजेंसी क्रेडिट लाइन स्कीम (ईसीजीएलएस) के तहत 61 लाख कर्जदारों को 2 लाख करोड़ से ज्यादा का लोन आवंटित कर दिया गया है. इसमें से 1.52 लाख करोड़ रुपये वितरित कर दिए गए हैं.
  • – निर्मला सीतारमण ने बताया कि बैंकों ने 157.44 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं. वहीं, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा के तहत 1681 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.  नाबार्ड के जरिए 25 हजार करोड़ रुपये की पूंजी आवंटित की गई है.
  • – 28 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना से जुड़ने की वजह से प्रवासी मजदूरों को हो रहा फायदा. पीएम स्वनिधि योजना के तहत 1373.33 करोड़ रुपये के 13.78 लोन आवंटित किए गए हैं.
  • – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बीते दिनों लिए गए फैसलों की वजह से जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है. सालाना आधार पर इसमें 10 फीसदी की तेजी आई है. वहीं, बैंक क्रेडिट में 23 अक्टूबर तक 5.1 फीसदी तेजी आई है. जबकि विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर है.
  • – आपको बता दें कि बुधवार को ही सरकार ने 10 सेक्टरों में मैन्युफैक्चरर्स के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपये के प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव्स (PLI) की घोषणा की है. इससे पहले सरकार ने मई में आत्मनिर्भर अभियान के तहत करीब 21 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया था.

मंदी की चपेट में इकोनॉमी!
रिजर्व बैंक के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक साल पहले की तुलना में 8.6 फीसदी घट सकता है. इस तरह लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी घटने के साथ देश पहली बार मंदी में घिरा है. कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के असर से पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत का संकुचन हुआ था. आरबीआई ने पहले ही अनुमान लगा रखा है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है.

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