एक कमेटी बनी दूसरी की मददगार
मंदिर के आसपास का हिस्सा पारथकड़ जामा मस्जिद का है. रास्ते की परेशानी दूर करने के लिए मंदिर कमेटी ने मस्जिद कमेटी से मुलाकात की थी. इसके जवाब में मस्जिद कमेटी ने अपनी जमीन का कुछ हिस्सा बिना किसी राशि के मंदिर को देने के लिए राजी हो गया.
द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक, मस्जिद कमेटी के सचिव शिहाब का ने कहा, ‘जब वे हमारे पास आए, तो हम वाकई उनकी मदद करना चाहते थे. कॉलोनी में रहने वाले लोगों को रोड कनेक्शन की जरूरत थी, लेकिन जमीन मस्जिद के हिस्से में थी तो यहां कुछ ऐसे नियम हैं, जहां जमीन किसी और को नहीं दी जा सकती. ऐसे में हमें जांच करनी पड़ी.’ उन्होंने बताया, ‘जब हमने पता किया कि जमीन दी जा सकती है. इस तरह से हमने जमीन का हिस्सा दान करने का फैसला किया.’
इसके अलावा पंचायत अध्यक्ष अहमद सागिर ने पाया कि वे रास्ते के दान दी गई जमीन पर सीढ़ियां तैयार करा सकते हैं, तो उन्होंने मस्जिद कमेटी से फंड जारी करने का वादा किया. इस तरह से कमेटी ने जमीन देने के बाद उसपर सीढ़ियां भी तैयार कराईं.
मस्जिद कमेटी के इस फैसले पर मंदिर के पुजारी बाबू चेल्लोथ उनियथन ने कहा ‘मंदिर 45 साल से ज्यादा पुराना है. कॉलोनी और मंदिर तक पहुंचने के लिए पहाड़ पर चढ़ना काफी मुश्किल होता था. जब हमने महल्लू कमेटी से बात की, तो उन्होंने हमारा काफी साथ दिया.’ इसके अलावा उन्होंने बताया ‘नजदीक ही रहने वाले दो और परिवारों ने भी मुख्य रास्ते से मंदिर को जोड़ने के लिए 4 फीट जमीन इसमें दान की है. मस्जिद की तरफ से मिला दान काफी बड़ा है, रास्ता 100 मीटर से ज्यादा बड़ा है. हम सभी के आभारी हैं.’