केरल: मंदिर पहुंचने का जरिया बनी मस्जिद, मुस्लिम समुदाय ने रास्ते के लिए दान की जमीन

45 साल पुराने मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को पहले छोटे पहाड़ को पार करके जाना पड़ता था. ऐसे में रास्ते के अलावा पंचायत अध्यक्ष अहमद सागिर ने रास्ते पर सीढ़ियां बनवाने के लिए पैसा दान किया है.

तिरुवनंतपुरम. केरल (Kerala) के मलप्पुरम के मुथुवल्लुर पंचायत में सांप्रदायिक एकता (Communal unity) की एक नई मिसाल देखने को मिली. यहां खराब रास्ते के कारण मंदिर तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना कर रहे दलितों को मस्जिद कमेटी ने जमीन का हिस्सा दान (Donation) किया है. कोझिकोडन मुचितदम भगवती मंदिर (Kozhikodan Muchithadam Bhagavathi Temple) तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को एक छोटे से पहाड़ से गुजर कर जाना पड़ता था. इसके अलावा ऊंचाई होने के कारण मस्जिद कमेटी (Mosque Committee) ने यहां सीढ़ियों का भी निर्माण कराया है.
Mosque in Kerala's Malappuram donates land for temple pathway | The News  Minute

एक कमेटी बनी दूसरी की मददगार
मंदिर के आसपास का हिस्सा पारथकड़ जामा मस्जिद का है. रास्ते की परेशानी दूर करने के लिए मंदिर कमेटी ने मस्जिद कमेटी से मुलाकात की थी. इसके जवाब में मस्जिद कमेटी ने अपनी जमीन का कुछ हिस्सा बिना किसी राशि के मंदिर को देने के लिए राजी हो गया.

द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक, मस्जिद कमेटी के सचिव शिहाब का ने कहा, ‘जब वे हमारे पास आए, तो हम वाकई उनकी मदद करना चाहते थे. कॉलोनी में रहने वाले लोगों को रोड कनेक्शन की जरूरत थी, लेकिन जमीन मस्जिद के हिस्से में थी तो यहां कुछ ऐसे नियम हैं, जहां जमीन किसी और को नहीं दी जा सकती. ऐसे में हमें जांच करनी पड़ी.’ उन्होंने बताया, ‘जब हमने पता किया कि जमीन दी जा सकती है. इस तरह से हमने जमीन का हिस्सा दान करने का फैसला किया.’
इसके अलावा पंचायत अध्यक्ष अहमद सागिर ने पाया कि वे रास्ते के दान दी गई जमीन पर सीढ़ियां तैयार करा सकते हैं, तो उन्होंने मस्जिद कमेटी से फंड जारी करने का वादा किया. इस तरह से कमेटी ने जमीन देने के बाद उसपर सीढ़ियां भी तैयार कराईं.

दलित समुदाय की प्रतिक्रिया

मस्जिद कमेटी के इस फैसले पर मंदिर के पुजारी बाबू चेल्लोथ उनियथन ने कहा ‘मंदिर 45 साल से ज्यादा पुराना है. कॉलोनी और मंदिर तक पहुंचने के लिए पहाड़ पर चढ़ना काफी मुश्किल होता था. जब हमने महल्लू कमेटी से बात की, तो उन्होंने हमारा काफी साथ दिया.’ इसके अलावा उन्होंने बताया ‘नजदीक ही रहने वाले दो और परिवारों ने भी मुख्य रास्ते से मंदिर को जोड़ने के लिए 4 फीट जमीन इसमें दान की है. मस्जिद की तरफ से मिला दान काफी बड़ा है, रास्ता 100 मीटर से ज्यादा बड़ा है. हम सभी के आभारी हैं.’

 

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