जन्मदिन पर छलका युवराज सिंह का दर्द, बोले- पिता के ‘हिंदू’ वाले विवादित बयान से आहत हूं

करीब एक हफ्ते पहले किसान आंदोलन के समर्थन में पहुंचे पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) के पिता योगराज सिंह (Yograj Singh) ने कथित तौर पर हिंदुओं को लेकर आपत्‍तिजनक टिप्‍पणी की थी.

नई दिल्ली. टीम इंडिया को दो बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले क्रिकेटर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का आज जन्मदिन (Birthday) हैं. लेकिन ऐसा लग रहा है कि इस बार ये चैंपियन खिलाड़ी अपने जन्मदिन पर खुश नहीं है. उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि वो अपने पिता योगराज सिंह (Yograj Singh) के विवादित बयान से बेहद आहत हैं. साथ ही युवराज ने ये भी कहा है कि उनकी विचारधार उनके पिता से अलग है. युवराज ने अपने जन्मदिन के मौके पर उम्मीद जताई है कि पिछले दो हफ्ते से चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) खत्म हो जाए और सरकार इसका कोई समाधान निकाले.

पिता के बयान से आहत

12 दिसंबर 1981 को जन्मे युवराज सिंह आज 39 साल के हो गए हैं. रात के ठीक 12 बजते ही युवराज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘एक भारतीय होने के नाते मैं अपने पिता योगराज सिंह द्वारा दिए गए बयान से बेहद आहत और दुखी हूं. मैं यहां ये साफ करना चाहता हूं कि ये उनका खुद का बयान है. मेरी विचारधारा उस तरह की नहीं है.’

क्या कहा था योगराज सिंह ने?

बता दें कि करीब एक हफ्ते पहले किसान आंदोलन के समर्थन में पहुंचे पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने कथित तौर पर हिंदुओं को लेकर आपत्‍तिजनक टिप्‍पणी की थी. पंजाबी में दिए गए इस भाषण के दौरान उन्होंने हिंदुओं के लिए ‘गद्दार’ शब्द का इस्तेमाल किया था. उन्होंने कहा था, ‘ये हिंदू गद्दार हैं, सौ साल मुगलों की गुलामी की’. इतना ही नहीं, उन्होंने महिलाओं को लेकर भी विवादास्पद बयान दिया था. योगराज सिंह का ये भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोग उनकी गिरफ्तारी की मांग करने लगे.युवराज की मांग किसान आंदोलन खत्म हो
युवराज सिंह ने अपने बयान कि शुरुआत किंसान आंदोलेन को लेकर की है. उन्होंने लिखा है, ‘लोग जन्मदिन पर अपनी इच्छा पूरी करते हैं. लेकिन मैं इस मैं इस बार जन्मदिन मनाने के बदले ये उम्मीद करता हूं कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत के बाद ये आंदोलन खत्म हो. किसान हमारे देश की जीवन को चलाते हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसी कोई समस्या नहीं है जो शांतिपूर्ण बातचीत से सुलझाई न जा सके.’

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