रक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला- 101 उपकरणों के आयात पर रोक, देश में ही बनेंगे
राजनाथ सिंह के मुताबिक- 101 सामानों की लिस्ट को कई स्टेकहोल्डर्स मसलन आर्म्ड फोर्सेस, प्राइवेट इंडस्ट्रीज से कई बार विचार-विमर्श के बाद तैयार किया भारत-चीन के बीच शनिवार को मेजर जनरल लेवल की 8 घंटे बातचीत हुई, देप्सांग, पैंगोंग त्सो लेक और गोगरा से अब तक पीछे नहीं हटा चीन
- रक्षा मंत्रालय आत्मनिर्भर भारत पहल को आगे बढ़ाने को तैयार
- 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगाने का किया ऐलान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि विदेशों से आयात होने वाले 101 रक्षा उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इन्हें अब देश में ही तैयार किया जाएगा। इसका मकसद देश के रक्षा बाजार को मजबूत करना है। इन उपकरणों को तैयार करने में रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (डीआरडीओ) की मदद ली जाएगी। इसे तीनों सेनाओं की जरूरत के हिसाब से तैयार किया जाएगा।
राजनाथ के 6 अहम ऐलान
- प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के लिए 5 स्तंभ बताए थे, जिनमें इकोनॉमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड के साथ स्पेशल पैकेज का ऐलान किया था।
- यह फैसला भारत के रक्षा बाजार के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा मौका होगा। इससे हमारी डेवलपमेंट कैपेबिलिटी में भी इजाफा होगा। सामानों को आर्म्ड फोर्स की मांग और डीआरडीओ की डिजाइन के आधार पर बनाया जाएगा।
- इन 101 सामानों की लिस्ट को कई स्टेकहोल्डर्स मसलन आर्म्ड फोर्सेस, प्राइवेट इंडस्ट्रीज से कई बार विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है।
- तीनों सेनाओं ने अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच ऐसी 260 स्कीम्स पर काम किया। इनकी लागत करीब 3.5 लाख करोड़ रुपए थी। अगले 6 या 7 साल में डोमेस्टिक डिफेंस इंडस्ट्री को करीब 4 लाख करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट मिलने की उम्मीद है।
- 4 लाख करोड़ रुपए के इन कॉन्ट्रैक्ट्स में से करीब एक लाख 30 हजार करोड़ रुपए के उपकरण सेना और एयरफोर्स को जबकि करीब एक लाख 40 हजार करोड़ के इक्विपमेंट्स नेवी को मिलेंगे। आयात पर प्रतिबंध को चार साल (2020-2024) में लागू करने की योजना है।
- 101 सामानों की लिस्ट में केवल सामान्य उपकरण ही नहीं हैं, बल्कि इसमें उच्च तकनीक वाले वेपन सिस्टम मसलन आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफल, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एलसीएच रडार समेत अन्य आइटम शामिल हैं।
इन सामानों पर लगेगा प्रतिबंध
List of 101 defence weapons/platforms to be put on import embargo by Defence Ministry December 2020 onwards. https://t.co/adSforDvW5 pic.twitter.com/mYPH3nEnjr
— ANI (@ANI) August 9, 2020
भारत और चीन के बीच शनिवार को मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई थी। यह करीब 8.30 घंटे चली। माना जा रहा है कि बातचीत के दौरान पूर्वी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) और देप्सांग समेत लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के तनाव वाले इलाकों से सेना पीछे हटाने को लेकर चर्चा हुई। चीनी सेना देप्सांग, पैंगोंग त्सो लेक और गोगरा से अब तक पीछे नहीं हटी है। भारत ने उसे फौरन इन इलाकों से पीछे हटने को कहा है।