चेन्नैई. तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सीएए मुसलमानों के लिए खतरा नहीं है। अगर उन्हें इससे कोई भी परेशानी हुई तो उनके समर्थन में आवाज उठाने वाले वे सबसे पहले व्यक्ति होंगे। केंद्र सरकार भी लोगों को आश्वासन दे चुकी है कि इस कानून से देश के नागरिकों को परेशानी नहीं होगी।
नागरिकता कानून लागू होने के बाद देशभर में प्रदर्शन किए गए थे। रजनीकांत ने हैरानी भरे लहजे में कहा कि विभाजन के बाद मुसलमान भारत में रहने आए, उन्हें देश से बाहर कैसे भेजा जाएगा? कुछ राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के लिए सीएए के खिलाफ लोगों को उकसा रहे हैं।
एनपीआर का समर्थन किया
रजनीकांत ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों के बारे में पता लगाने के लिए एनपीआर बेहद जरूरी है। कांग्रेस की सरकार ने भी पहले इसे लागू किया था।
पेरियार पर दिए बयान पर माफी मांगने से इनकार किया था
इससे पहले रजनीकांत ने 21 जनवरी को पेरियार पर दिए आपत्तिजनक बयान पर माफी मांगने से इनकार कर दिया था। उन्होंने ने कहा था- पेरियार भगवान के कट्टर आलोचक थे। उन्होंने 1971 की एक रैली में भगवान राम-सीता की आपत्तिजनक तस्वीर दिखाई थी। लेकिन, किसी ने उनकी आलोचना नहीं की। इसके बाद द्रविड़ संगठन ने रजनीकांत से बिना शर्त माफी की मांग की थी। पत्रिकाओं और अखबारों की कटिंग दिखाते हुए अभिनेता ने कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं बोला है। वे अपने बात साबित कर सकते हैं।