राजस्थान में सियासी ड्रामा LIVE:मुख्यमंत्री गहलोत होटल में फिर विधायकों से मिले, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पूनिया ने कहा- कुर्सी की भूख ने आपको लोभी बना दिया

गहलोत सरकार 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र बुलाना चाहती है, इसके लिए नया ड्राफ्ट तैयार कांग्रेस ने राजभवन घेराव के अभियान को ‘प्रजातंत्र के लिए बोलो’ नाम दिया राज्यपाल की ओर से विधानसभा सत्र न बुलाने पर कल कांग्रेस देशभर में राज्यभवनों का घेराव करेगी

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राजस्थान में सियासी उठापटक का आज 17वां दिन है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होटल फेयरमोंट में सुबह योग क्लास के बाद विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं। गहलोत यहां रात 11:30 बजे ही पहुंच गए थे। इस बीच, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने फिर एक बार मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कुर्सी की भूख ने आपको लोभी बना दिया है।

कांग्रेस ने स्पीकअप फॉर डेमोग्रेसी अभियान शुरू किया
राजस्थान के सियासी हालात पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर स्पीकअप फॉर डेमोग्रेसी अभियान शुरू किया है। इसके तहत पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक वीडियो ट्वीट किया है। जिसमें कहा गया है कि भाजपा लोकतंत्र को खत्म कर रही है। राजस्थान में चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है। ऐसा ही उन्होंने मध्यप्रदेश में किया। हम राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग करते हैं।

 

दिनभर गहलोत के राज्यपाल से मिलने की चर्चा रही

कल देर रात तक चर्चा रही कि गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलेंगे, लेकिन यह नहीं हुआ। देर शाम भाजपा के 13 सदस्यों का दल जरूर राजभवन पहुंचा। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जिसमें राजभवन घेराव वाले बयान पर मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।

अपडेट्स…

  • प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने एक बार फिर गहलोत सरकार पर निशाना साथा। उन्होंने लिखा कि जनता सब देख रही है, ईश्वर भी साक्षी है। आपका ईमान कैसे गवाही दे रहा है, कुर्सी की भूख ने आपको लोभी बना दिया है। कोरोना ही नहीं अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं, क्या बाड़े में बैठे रहना ही लोकतंत्र है? शासन है? कांग्रेस बताए कब बाड़े से निकलेगी?
  • राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा- भाजपा हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने के मुख्यमंत्री के अनुरोध की अनदेखी की है। इससे पता चलता है कि केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है।
  • न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गहलोत सरकार 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र बुलाना चाहती है। इसके लिए नया ड्रॉफ्ट भी तैयार किया गया है, जो जल्द ही राज्यपाल को भेजा जाएगा।
  • कांग्रेस ने 27 जुलाई को देशभर में राजभवन का घेराव करेगी। इस अभियान को ‘प्रजातंत्र के लिए बोलो’ नाम दिया गया है।
  • भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि राजभवन में कांग्रेस सरकार ने जो किया वह राजस्थान की राजनीति का निचला स्तर है। यहां कोई शासन नहीं है। जो सत्ता में हैं वे हफ्तों से फाइव स्टार होटल में ठहरे हैं। जनता कई मुद्दों की वजह से परेशान है।
  • पूनिया ने कहा- गहलोत का बयान गलत, सजा हो सकती है
    शनिवार को राज्यपाल से मुलाकात के बाद सतीश पूनिया ने कहा- राज्य के मुखिया ये चेतावनी देते हैं कि 8 करोड़ जनता राज्यपाल को घेर लेगी। यह गलत है। यह बयान उन्हें (मुख्यमंत्री गहलोत को) आईपीसी की धारा 124 के तहत सजा दिला सकता है। भाजपा के दल ने मुख्यमंत्री के बयान के संबंध में राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा है।

    मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए
    नेता विपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य के मुखिया हैं। वे खुद कह रहे हैं कि कानून-व्यवस्था की स्थिति के उल्लंघन के लिए वे जिम्मेदार नहीं होंगे। वे जिम्मेदार नहीं होंगे, तो कौन होगा? उन्हें ऐसी भाषा का उपयोग करने के लिए इस्तीफा देना चाहिए।

    5 सवालों से समझिए… राजस्थान की सियासत की पूरी तस्वीर
    1. हाईकोर्ट के फैसले का पायलट खेमे पर क्या असर होगा?

    जवाब: हाईकोर्ट ने 19 विधायकों को नोटिस मामले में यथास्थिति को कहा है। मायने यह कि अभी उनकी सदस्यता रद्द नहीं होगी। आदेश का सोमवार को सुप्रीम कोर्ट रिव्यू करेगा।
    2. क्या गहलोत सरकार के पास बहुमत है?
    जवाब: गहलोत सरकार ने राजभवन ले जाकर विधायकों की परेड करवाई। इसमें 102 का आंकड़ा दिया है। इनमें कांग्रेस के 88, निर्दलीय 10, बीटीपी के 2, सीपीएम और आरएलडी का एक-एक विधायक है। यदि इतने विधायक फ्लोर टेस्ट में सरकार का साथ देते हैं तो सरकार बहुमत हासिल कर लेगी। यदि दो-पांच विधायक भी इधर-उधर हुए तो सरकार खतरे में है।
    3. क्या राज्यपाल सोमवार को विशेष सत्र बुलाएंगे?
    जवाब: राज्यपाल ने शुक्रवार रात कैबिनेट से कोरोना का हवाला देने और जल्दबाजी में विशेष सत्र बुलाने जैसे 6 सवाल पूछे थे। इससे लगता है कि राज्यपाल सोमवार को या इमरजेंसी में सत्र बुलाने की अनुमति नहीं देंगे। यदि कैबिनेट ने दूसरी बार राजभवन काे प्रस्ताव भेजा तो नियमानुसार राज्यपाल मना भी नहीं कर सकते। लेकिन तुरंत सत्र की गुंजाइश नहीं लग रही है।
    4. आखिर सत्र क्यों बुलाना चाहते हैं गहलोत?
    जवाब: सत्र बुलाना तो बहाना है। मंशा बिल लाकर व्हिप जारी करना है। जो बागी बिल के खिलाफ वोट देंगे उनकी सदस्यता रद्द होगी। इसीलिए राज्यपाल को जो पत्र दिया, उसमें फ्लोर टेस्ट का उल्लेख नहीं। 19 की विधायकी गई तो बहुमत को 92 विधायक चाहिए जो सरकार के पास हैं।
    5. भाजपा की सत्र बुलाने में रुचि क्यों नहीं है?
    जवाब: भाजपा नहीं चाहती कि सरकार सत्र बुलाकर पायलट गुट पर एक्शन ले। वह चाहती है कि 19 विधायकों की सदस्यता बची रहे और जरूरत पड़े तो सरकार को हिला सकें।

    सियासी संग्राम से पहले विधानसभा में स्थिति
    107 कांग्रेस
    …और अब ये हालात

    गहलोत के पक्ष में: 88 कांग्रेस, 10 निर्दलीय, 2 बीटीपी, 1 आरएलडी, 1 माकपा यानी कुल 102
    पायलट गुट: 19 बागी कांग्रेस, 3 निर्दलीय। कुल 22
    भाजपा प्लस: 72 भाजपा, 3 आरएलपी। कुल 75
    माकपा 1 : गिरधारी मईया फिलहाल तटस्थ।

 

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