जयपुर. कोरोना (COVID-19) महामारी से लोगों को बचाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर सेवाएं दे रहे शिक्षकों को सरकार सम्मानित (houner) करेगी. कोरोना ड्यूटी को शिक्षक सम्मान का आधार माना जायेगा. शिक्षक सम्मान के लिए होने वाले चयन के समय सरकार ये योग्यता भी देखेगी की शिक्षक ने कोरोना महामारी के दौरान किस तरह से समाज के बीच अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है.
प्रदेश के हजारों शिक्षक बने हुए हैं ‘कोरोना वारियर्स’
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि सिर्फ स्कूलों में भले ही शिक्षण कार्य बंद है, लेकिन हमारे शिक्षक इस मुश्किल हालात में समाज के बीच अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं. शिक्षक सर्वे कर रहे हैं. क्वॉरटाइन सेंटर्स की निगरानी कर रहे हैं. आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्थाओं का जिम्मा सम्भाल रहे हैं. खाना बना रहे हैं. राशन की आपूर्ति के काम में जुटे हैं. इसके साथ ही गांवों में बाहर से आये प्रवासियों के मूवमेंट पर बारीकी से निगाह रखे हुए हैं ताकि कोरोना कहीं फैले नहीं.
कोरोना संकट में प्रदेश के 1 लाख 76 हजार शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं