Rajasthan Crisis LIVE: कल पूरे राजस्‍थान में कांग्रेस करेगी प्रदर्शन, PCC चीफ ने किया ट्वीट

Rajasthan Government Crisis: राजनीतिक उठा पटक के बीच अब कांग्रेस (Congress) प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही है. बकायद पीसीसी चीफ ने इस बात की जानकारी अपने ऑफिशियल ट्विटर (Twitter) हैंडल से ट्वीट कर दी है.

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जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) में सियासी घमासान तेज हो गया है. हाईकोर्ट (High Court) के फैसले के बाद सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अपने समर्थकों के साथ राजभवन पहुंचे. विधानसभा सत्र पर फैसला आने तक धरना देने की बात विधायक कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि रातभर विधायक राजभवन में धरना दे सकते हैं. वहीं दूसरी ओर पायलट (Sachin Pilot) खेते में विधायकों ने सीएम गहलोत पर बेवजह आरोप लगाने की बात कही है. उनका साथ कहना है कि उन्हें बंधक नहीं बनाया गया है. राजनीतिक उठा पटक के बीच अब कांग्रेस प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही है. बकायद पीसीसी चीफ ने इस बात की जानकारी अपने ऑफिशियल ट्विटर (Twitter) हैंडल से ट्वीट कर दी  है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट में लिखा, “भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड्यंत्र के खिलाफ कल सुबह 11 बजे कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे”।

वहीं, राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम गहलोत ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी विधायकों से कहा, गांधीवादी तरीके से पेश आना है. ये हमारे राजप्रमुख हैं संविधान के हैड हैं. हम कोई टकराव नहीं चाहते. उन्होंने कहा कि ऐसा देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ कि राज्यपाल महोदय ने विधानसभा सेशन आहूत करने के लिए मंजूरी न दी हो. राज्यपाल महोदय कैबिनेट के निर्णयों से बाउंड होते हैं. लगता है कि ऊपर से दबाव के कारण विधानसभा सत्र बुलाने के कैबिनेट के प्रस्ताव को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है.

सीएम गहलोत ने लगाया बड़ा आरोप

सीएम अशोक गहलोत ने कहा, हमने विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है. विधानसभा में हम बहुमत सिद्ध करेंगे. कोरोना पर चर्चा भी करेंगे. हमने गुरुवार रात को ही राज्यपाल से सत्र को लेकर निवेदन किया था. आज हमने फिर कहा है कि राज्यपाल सत्र बुलाने पर फैसला करें. उन्होंने कहा कि राज्यपाल को बोल्ड डिसीजन लेना चाहिए. उम्मीद करते हैं कि जल्दी राज्यपाल अपना फैसला सुनाएंगे. फैसला आने तक हम धरना देंगे. उन्होंने कहा हमेशा विपक्ष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करता है. यहां सत्ता पक्ष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रहा है. ऐसा क्या षड्यंत्र है कि विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. वहीं, राजभवन घेराव बयान पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा, यह बयान राजनीतिक बयान था. भैरोंसिंह शेखावत ने भी राजभवन में धरना दिया था. बीजेपी के नए नेताओं को इसकी जानकारी नहीं होगी.

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा का ट्वीट

बीजेपी ने बताया पॉलिटिकल ड्रामा

इधर, कांग्रेस की पूरी कवायद को बीजेपी ने पॉलिटिकल ड्रामा करार दिया है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री में जिस भाषा का इस्तेमाल किया है वो नैतिकता और पद के आधार पर नहीं बोली जा सकती. उन्होंने जनता को उकसाने का काम किया है. पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ने आपराधिक कृत्य किया है. राजभवन में धरने का नाटक चल रहा है. हाउस का फ्लोर हो तय करेगा कि सरकार के पास बहुमत है या नहीं. वहीं, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजभवन का दृश्य अमरूदों का बाग जैसा हो गया है. संविधान के प्रावधानों के प्रतिकूल है जल्द सत्र बुलाने की मांग. उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते परीक्षाएं तक स्थगित हो गई हैं. आखिर इतनी बौखलाहट क्यों?

सचिन पायलट का आरोपों से इनकार

इधर, सचिन पायलट (Sachin Pilot)  ग्रुप का दावा है कि हमारे ऊपर केन्द्र को पार्टी बनाने का आरोप गलत है. ये आपत्ति महेश जोशी के वकील ने कोर्ट में दर्ज की थी कि ये संविधान में बदलाव का मामला है. यदि इसमें केन्द्र पार्टी नहीं है तो याचिका डिफेक्टिव है, इसलिए हमें केंद्र को पार्टी बनाना पड़ा बार-बार केंद्र और बीजेपी के साथ नाम जोड़कर हमें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. हमारा बीजेपी से कोई संबंध नहीं, हम कांग्रेस में हैं और रहेंगे.

राजभवन के बाहर विधायकों की नारेबाजी

सीएम गहलोत का दावा: हमारे पास स्पष्ठ बहुमत

सीएम गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अभी राज्यपाल से फोन पर बात की है. उन्होंने कहा कि सोमवार से हम विधानसभा सत्र चाहते हैं. हरियाणा में मौजूद विधायकों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि किस तरह का दबाव उन पर पड़ रहा है? किस कारण से रोका गया?  हमारे पास स्पष्ठ बहुमत है… हमारे साथी बीजेपी की देखरेख में बंधक है, जोकि वहां से छूटना चाहते हैं. कईयों की आँखों में आंसू आ रहे हैं, वो वापस आना चाहते है.

सीएम ने कहा कि यह सब कुछ बीजेपी और उनके नेताओ का षड्यंत्र है. वो यहां भी अन्य प्रदेशों की तरह मनमानी चाहते हैं. कोरोना के दौरान शानदार मैनेजमेंट हमने किया, लेकिन इस दौर में निचले स्तर पर राजनीति हो रही. उन्होंने कहा कि राज्यपाल दबाव में न रहे, अंतरात्मा की आवाज पर फैसला लें नहीं तो जनता राजभवन को घेरेगी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी.

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