Rajasthan: हाई कोर्ट के आदेश बावजूद फीस को लेकर मनमानी पर उतरे निजी स्कूल, दिखा रहे हैं ये होशियारी

हाईकोर्ट (High Court) के स्पष्ट आदेश के बावजूद कई निजी स्कूल अभिभावकों से कोराना काल की अवधि की पूरी फीस का 70 चार्ज वसूलने के लिये अमादा हो रहे हैं. जबकि कोर्ट ने केवल ट्यूशन फीस (Tuition fees) का 70 चार्ज करने के आदेश दिये हैं.

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जयपुर. कोरोना काल (Corona period) में निजी स्कूलों की फीस को लेकर भले ही हाई कोर्ट (High Court) ने अपने आदेशों में 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूली (Tuition fees) के आदेश दिए थे, लेकिन फिर भी निजी स्कूल संचालक अपनी मनमर्जी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. कई नामी गिरामी और मोटी फीस वसूलने वाली स्कूलें इस आदेश को अपने अनुसार लागू करते हुए कुल फीस का 70 फीसदी वसूलने में जुटे हैं. कहीं ट्यूशन फीस ही इतनी बढ़ा दी गई कि वो कुल फीस के बराबर हो गई है. कोर्ट के आदेशों के बाद अब स्कूल मैनेजमेंट अभिभावकों पर फीस वसूली के लिए दबाव बनाने लगे हैं.

हाई कोर्ट ने ट्यूशन फीस की 70 प्रतिशत वसूली के आदेश दिए हैं
राजस्थान हाई कोर्ट ने 7 गत सितंबर को कोरोना काल में निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस की 70 प्रतिशत वसूली के आदेश दिए थे. आदेश में कोर्ट ने कहा ट्यूशन फीस की 70 फीसदी राशि पेरेंट्स से तीन किस्तों में चार्ज की जा सकेगी. बाकी 30 प्रतिशत पर बाद में फैसला होगा. इस आदेश में ये साफ तौर पर कहा गया था कि अभिभावकों को पहली किस्त 30 सितम्बर, दूसरी 30 नवंबर और तीसरी क़िस्त 31 जनवरी तक जमा करानी होगी. फीस नहीं देने पर ऑनलाइन क्लासेज रोकी जा सकती हैं. राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश महर्षि भी कोर्ट के आदेश को स्प्ष्ट कर चुके है कि निजी स्कूल ट्यूशन फीस का 70 प्रतिशत ही वसूल सकेंगे.

निजी स्कूलों ने कुल फीस का 70 प्रतिशत चार्ज करना शुरू कर दिया

हाईकोर्ट के इन आदेशों के इतर जयपुर की कई प्राइवेट स्कूलों ने कुल फीस का 70 प्रतिशत चार्ज करना शुरू कर दिया है. फीस जल्द चुकाने को लेकर अभिभावकों को मैसेज और फोन कॉल्स किए जा रहे हैं. यह भी दबाव बनाया जा रहा है कि अभिभावक जल्द से जल्द फीस का भुगतान करें. इसे लेकर अभिभावकों को स्कूल मैनेजमेंट की ओर से भी यह तर्क दिया गया है कि हाईकोर्ट ने 70 प्रतिशत की वसूली के लिए कहा है तो वे ऐसा कर सकते हैं. जबकि अभिभावक हाईकोर्ट के आदेशानुसार ट्यूशन फीस का 70 प्रतिशत चार्ज देने पर ही अड़े हैं.

अभिभावक आगे की रणनीति तैयार करने में जुटे
दूसरी ओर कुछ स्कूलों में तो अभिभावकों को फीस का वर्गीकरण कर ट्यूशन फीस ही नहीं बताई जा रही है. क्योंकि इन स्कूलों में ट्यूशन फीस को ही कुल फीस के ही बराबर कर दिया गया है. यानि फीस बढ़ाकर पूरे के पूरे स्लैब में बदलाव कर दिया गया. स्कूल संचालक अभिभावकों को इस संबंध में कोई जवाब नहीं दे रहे हैं. अब अभिभावक इसके लिए आगे की रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं.

 

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