फसल खरीद के नाम पर किसानों को चूना लगा रहा यह गिरोह, UP में गिरफ्तारी तो राजस्‍थान में नहीं मिली गड़बड़ी

आरोप है कि ये कथित व्‍यापारी यूपी, एमपी, राजस्थान (Rajasthan) और हरियाणा (Haryana) समेत कई राज्यों में दिख जाते हैं, लेकिन फ्रॉड (Fraud) होने की जानकारी इनके जाने के मिलती है.

0 990,259
नई दिल्ली. जैसे ही फसल (Crop) कटाई का वक्त आता है तो कुछ लोग व्यापारी बनकर बड़ी-बड़ी कारों से गांवों में घूमने लगते हैं. एमएसपी (MSP) से भी ऊंचे दाम पर फसल का सौदा करते हैं. जब बात बन जाती है तो अगले दिन अपनी गाड़ी और तराजू लेकर पहुंच जाते हैं. पहले दिन कम माल खरीदकर पूरा नगद पेमेंट करते हैं. अगले दिन से बाकी किसानों को आधा नगद और आधा चेक से करते हैं. फसल भी अपनी ही तराजू से तौलते हैं. 100 किलो की जगह 120 किलो तौली जाती है.

22 दिसम्बर को एमपी के गुना में और अभी जनवरी के पहले ही हफ्ते में यूपी के जालौन में किसानों को ऐसे व्यापारी लाखों रुपये का चूना लगाकर फरार हो गए. व्यापारियों के दिए हुए चेक बाउंस हो गए हैं. साथ ही मालूम हुआ कि जो फसल बीघा और एकड़ की कैलकुलेशन के हिसाब से 150 क्विंटल होनी चाहिए थी वो 125 ही हुई.

राजस्थान में गिरफ्तार हुआ गिरोह
राजस्थान के बांरा ज़िला के केलवाड़ा थाना पुलिस ने बिजनौर के रहने वाले तीन लोगों रहीस, जमील और साजिद को हिरासत में लिया है. एक गांव के कुछ किसानों की शिकायत के बाद इन्हें हिरासत में लिया गया है. किसानों का आरोप है कि उनकी फसल कम तौलकर खरीदी गई है. 60 क्विंटल होनी चाहिए थी, जो तौल में सिर्फ 50 ही हुई है.

यह कहना है राजस्थान पुलिस का
केलवाड़ा थाने के एसएचओ लक्ष्मीचंद वर्मा का कहना है, ‘किसानों से ठगी की बात सामने आई थी, लेकिन मामले में ऐसी गड़बड़ी नहीं पाई गई. अनाज खरीदी की तौल में गड़बड़ी करने की शिकायत मिली थी, जिस पर यहां अनाज खरीदी कर रहे कुछ बाहरी व्यापारियों से पूछताछ की गई है. मामले में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई. जिन व्यापारियों ने शिकायत करने वालों से माल खरीदा था वो किसानों का भुगतान करके चले गए हैं. माल बिकने के 3 दिन बाद किसानों ने जानकरी दी थी.’

जानकारों की मानें तो किसानों के साथ ठगी करने वाले तीनों फरार आरोपी अख्तर, वासित और इलियास भी बिजनौर में उसी गांव के हैं, जिन्हें केलवाड़ा पुलिस ने पकड़ा है. रहीस, जमील और साजिद गांव में अनाज से लदी उस गाड़ी को लेने आए थे. इसे आरोपी अख्तर, वासित और इलियास भेद खुलते ही छोड़ गए थे. इसी दौरान गांव वालों ने इन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था. जबकि सूत्रों की मानें ते अख्तर अपने साथियों के साथ बूंदी ज़िले में दो गाड़ी माल बेचने की गरज से छिपा हुआ है.

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.