भाजपा बोली- राहुल नए साल का जश्न मनाने वियतनाम गए:मनमोहन के अस्थि विसर्जन से भी गायब रहे, कांग्रेस बोली- परिवार की प्राइवेसी का ध्यान रखा
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
भाजपा IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोमवार को X पर लिखा-
जब पूरा देश पूर्व PM के निधन पर शोक मना रहा है, तब राहुल नए साल का जश्न मनाने वियतनाम चले गए। राहुल ने डॉ. सिंह की मौत का राजनीतिकरण किया और राजनीति के लिए उसका फायदा उठाया। गांधी परिवार और कांग्रेस सिखों से नफरत करते हैं। यह कभी न भूलें कि इंदिरा गांधी ने दरबार साहिब को अपवित्र किया था।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने मालवीय के आरोपों पर कहा-
संघी लोग ध्यान भटकाने की राजनीति कब बंद करेंगे? जिस तरह से मोदी ने डॉ. साहब को यमुना तट पर अंतिम संस्कार के लिए जगह देने से इनकार कर दिया और उनके मंत्रियों ने डॉ. साहब के परिवार को किनारे लगाया, वह शर्मनाक है। अगर राहुल निजी यात्रा पर हैं ,तो आपको क्या परेशानी है। नए साल में सब ठीक हो जाएगा।
पवन खेड़ा बोले- परिवार की प्राइवेसी के लिए अस्थि विसर्जन में नहीं गए
रविवार को अमित मालवीय ने आरोप लगाया था कि डॉ. मनमोहन सिंह के अस्थि विसर्जन में कांग्रेस और गांधी परिवार का कोई भी नेता नहीं पहुंचा। इस पर पवन खेड़ा ने कहा- परिवार की प्राइवेसी का ध्यान रखते हुए कांग्रेस पार्टी का कोई भी नेता अस्थि विसर्जन में शामिल नहीं हुआ।
हमने डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार से चर्चा की थी। अंतिम संस्कार के दौरान परिवार को कोई प्राइवेसी नहीं मिली। परिवार के कुछ सदस्य चिता स्थल पर भी नहीं पहुंच सके। अस्थि विसर्जन भावनात्मक रूप से कठिन समय होता है, इसलिए हमने परिवार की प्राइवेसी का ख्याल रखा।
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राहुल बोले- निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार मनमोहन का अपमान, नड्डा बोले- स्मारक की जगह आवंटित
राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर केंद्र सरकार ने उनका अपमान किया। वहीं, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बताया कि डॉ. सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित कर दी गई है। उनके परिवार को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।
कांग्रेस बोली- मनमोहन को गन सैल्यूट के दौरान मोदी बैठे रहे, कांग्रेस के 9 आरोपों का भाजपा ने जवाब दिया
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक विवाद के बाद कांग्रेस ने उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था को लेकर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार में सरकार की तरफ से अव्यवस्था और अनादर देखकर हैरानी हुई। खेड़ा ने 9 पॉइंट में अंतिम संस्कार से जुड़ी आपत्तियां दर्ज कराईं। भाजपा ने इसका जवाब दिया है।
प्रोफेसर मनमोहन ब्यूरोक्रेसी से होते हुए राजनीति में आए और प्रधानमंत्री बने, राजीव ने ‘जोकर’ कहा था
देश के 14वें प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार, 26 दिसंबर को निधन हो गया। एक प्रोफेसर, जो पहले ब्यूरोक्रेसी, फिर राजनीति में आए। मनमोहन सिंह का ब्यूरोक्रेटिक करियर उस वक्त शुरू हुआ जब ललित नारायण मिश्रा ने उन्हें कॉमर्स मिनिस्ट्री में बतौर एडवाइजर नौकरी दी।