नई दिल्ली. पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने जम्मू (Jammu) में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि पंजाब के गुरदासपुर जिले के रहने वाले इस जवान के पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया है.
जवान के नाम का अभी खुलासा नहीं किया गया है. वह जम्मू के सांबा सेक्टर में बीएसएफ की एक इकाई के साथ तैनात था. उन्होंने बताया कि जवान के पास से एक पिस्तौल, 9 एमएम कैलिबर बंदूक के 80 कारतूस, 12 बोर राइफल के दो कारतूस, दो मैगजीन और तीन मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं.
सरकारें बदलीं लेकिन नहीं बदला ‘उड़ता पंजाब’ का टैग, चली सिर्फ दावे और वादे की सियासत
पंजाब में एक के बाद एक सरकारें बदलती रहीं, नशे का खात्मा करने के खूब वादे और फिर दावे किए जाते रहे, लेकिन सब कुछ ढ़ाके तीन पात ही साबित हुआ। ‘उड़ता पंजाब’ का टैग नहीं बदला। नेताओंं ने खूब कसमें खाईं, नशे का खत्मा करने की समय सीमा भी बताई, लेकिन सत्ताधारी पार्टियों के नेताओं पर भी नशे के कारोबार के आरोप लगे। यह कलंक राज्य से मिट नहीं रहा। पंजाब के साथ लगते पांच राज्यों में नशे को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार राजस्थान के बाद पंजाब ऐसा राज्य है, जो सबसे नशे से ज्यादा प्रभावित है।
ड्रग्स के मामले में पड़ोसी राज्यों में राजस्थान के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित है पंजाब
नशे को लेकर पंजाब की स्थिति यह है कि कोरोना काल में कर्फ्यू के दौरान भी ड्रग्स का कारोबार चलता रहा। पुलिस व एसटीएफ ने 1650 नशा तस्करों को धरा और नशे के कारोबार के 1497 मामले दर्ज किए गए। पंजाब में कांग्रेस सरकार आने के बाद नशे के कारोबार पर नकेल कसने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किए गया। इसके बाद पिछले साढ़े तीन साल में राज्य में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए गए करीब 37,592 मामलों में 46,826 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
क्या-क्या बरामद
साढ़े तीन साल में तस्करों से 1432 किलो हेरोइन, 22 किलो स्मैक, 1571 किलो अफीम, 129071 किलो चूरा पोस्त, 375 किलो चरस, 6155 किलो गांजा, 852 किलो भांग, 870 ग्राम कोकीन, 428 किलो नशीला पाउडर, 194983 इंजेक्शन और 27 लाख 94 हजार से अधिक नशीली गोलियां बरामद की गई हैं। इस दौरान एसटीएफ ने नशा तस्करों से 4,67,61,328 रुपये और 3550 ब्रिटिश पाउंड भी बरामद किए।
पांच लाख से ज्यादा ने ड्रग्स छोडऩे के लिए कराया पंजीकरण
एक तथ्य यह भी है कि पिछले तकरीबन साढ़े तीन सालों में ड्रग के कारण 383 मौतें हो चुकी हैं। वहीं, पंजाब सरकार के नशा छुड़ाओ केंद्रों पर नशा छोडऩे लिए जून तक 5,44,125 लोगों ने ड्रग्स को छोडऩे के लिए खुद को रजिस्टर्ड करवाया। सरकार के तमाम प्रयास के बावजूद राज्य में 81.81 फीसद आबादी ड्रग्स के दायरे में है। इसके विपरीत पड़ोसी राज्य हरियाणा की स्थिति बेहतर तो है, लेकिन उसके भी 22 में से 10 जिले ड्रग्स के चपेट में आ चुके हैं।
हरियाणा की 45 फीसद आबादी ड्रग्स की चपेट में
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा की 45 फीसद आबादी ड्रग्स की चपेट में है। यही स्थिति जम्मू-कश्मीर की है। वहां की भी 22 में से 10 जिले ड्रग्स से प्रभावित है। 45 यानी फीसद आबादी ड्रग्स का प्रयोग कर रही है। इन राज्यों के मुकाबले हिमाचल प्रदेश की स्थिति कुछ बेहतर है। हिमाचल के 12 में से चार ड्रग्स की चपेट में है, जबकि चंडीगढ़ को भी ड्रग्स प्रभावित बताया गया है।
राज्य- जिले- प्रभावित जिले- फीसद
राजस्थान- 33- 33- 100
पंजाब- 22- 18- 81.81
चंडीगढ़- 1- 01- 100
हरियाणा- 22- 10- 33
जम्मू कश्मीर- 22- 10- 45
हिमाचल प्रदेश- 12- 04- 33