नई दिल्ली. पंजाब बीजेपी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा (BJP chief Ashwani Sharma) ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) के इस्तीफे को शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) का ‘राजनीतिक निर्णय’ करार दिया. उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल राष्ट्रीय जनतांत्रिक दल का हिस्सा है. हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को किसानों से जुड़े तीन विधेयकों के विरोध में इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने ट्वीट किया था, ‘मैंने किसान विरोधी अध्यादेश और कानून के विरोध में केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. मुझे गर्व है कि मैं किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन की तरह खड़ी हूं.’
पंजाब बीजेपी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘केंद्र सरकार के नेतृत्व में लाया गया बिल किसान समुदाय के हित में है.’ अकाली दल एनडीए का हिस्सा है लेकिन यह एक अलग राजनीतिक संगठन है. उन्होंने कुछ राजनीतिक करणों के कारण यह निर्णय लिया है. हमारा गठबंधन (SAD-BJP) है लेकिन दोनों अलग-अलग राजनीतिक संगठन हैं. यह राजनीतिक निर्णय उन्होंने लिया है. गठबंधन पर अश्विनी शर्मा ने कहा कि अकाली दल का कहना था कि वे राजग का हिस्सा हैं.
राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है हरसिमरत कौर का इस्तीफा
एसएडी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने गुरुवार को दिल्ली में कहा था कि उनके पार्टी की भविष्य की कार्रवाई और क्या उन्हें बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन में रहना है या नहीं, इसका फैसला पार्टी की बैठक में किया जाएगा. अश्विनी शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीनों बिल निश्चित तौर पर किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये आश्वासन दिया था कि फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद जारी रहेगी.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शर्मा ने कहा कि पंजाब में सत्तारूढ़ पार्टी किसानों को इस बिल के नाम पर गुमराह करने की कोशिश कर रही है. शराब माफिया, छात्रवृद्धि घोटाला और भ्रष्टाचार जैसे ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाने और चुनावी वादों को निभाने में असफल करने के कारण ऐसा किया जा रहा है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार सुबह हरसिमरत कौर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को उनके मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
कृषि बिल को लेकर सहयोगियों ने बढ़ाई BJP की मुश्किलें, जानें 8 बड़े अपडेट्स
इन बिल (विधेयकों) पर किसानों की सबसे बड़ी चिंता न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) को लेकर है.
किसानों से जुड़े तीन विधायकों (New Agriculture Bills) के लोकसभा में पारित होने के बाद संसद से लेकर सड़क तक हंगामा मचा है. सरकार फिलहाल इस मामले में झुकने को तैयार नहीं है. इन विधेयकों को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भी फूट पड़ती हुई दिख रही है. एनडीए की पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) की नेता और केंद्रीय मंत्री रहीं हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. अकाली दल ने अभी तक एनडीए छोड़ने का कोई फैसला नहीं लिया है. लेकिन, हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) पर भी साथ छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है. क्योंकि हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी की गठबंधन की सरकार है.
आइए जानते हैं कि आखिर वो कौन से पहलू हैं जिन्हें लेकर किसानों और व्यापारियों दोनों की चिंता बढ़ गई है. इन कानूनों को लेकर किस बात का डर है, जिसे सरकार अर्थव्यवस्था नायकों के दिमाग से निकाल नहीं पा रही है. या फिर किसानों-व्यापारियों का अपने भविष्य को लेकर आकलन ठीक है?
Farmers Protest : पंजाब के पूर्व सीएम के घर के सामने किसान ने खाया जहर
केंद्र की मोदी सरकार (Modi Sarkaar) द्वारा किसानों के लिए लाए जा रहे तीन विधेयकों (Agricultural Bills) का विरोध करते हुए शुक्रवार को पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के घर के बाहर किसान ने जहर खा लिया. बादल गांव के एक किसान ने मौके पर मौजूद अपने साथियों को बताया कि उसने जहर खा लिया है. तुरंत आनन फानन में एंबुलेंस बुलाई गई और उसे अस्पताल ले जाया गया. मिली जानकारी के अनुसार 60 वर्षीय किसान ने शुक्रवार सुबह अन्य किसानों को बताया कि उन्होंने जहर खा लिया है. जिस पर तुरंत एंबुलेंस बुलाई गई और प्रदर्शन स्थल के पास तैनात पुलिस अधिकारियों को भी सूचना दी गई. पुलिस उसे पास के अस्पताल में ले गई जहां उसकी हालत गंभीर है.
बता दें लोकसभा ने गुरुवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक पारित कर दिया था. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक पहले ही पारित हो चुका है. बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि बिलों के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान आंदोलित हैं. वहीं पंजाब में पूर्व सीएम बादल के घर के बाहर किसान 6 दिन से धरने पर बैठे हैं.
पंजाब से कांग्रेस सांसदों ने जलाईं कृषि विधेयक की प्रतियां, पार्टी ने किया संसद में विरोध
इस विधेयक के विरोध में कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि सरकार द्वारा लाए गए कृषि संबंधी विधेयक हरित क्रांति के मकसद को बेमानी बना देंगे और ये ‘कृषि के भविष्य का मत्यु नाद’ साबित होंगे. इसने आरोप लगाया कि मोदी सरकार कोरोना वायरस महामारी की तरह किसानों के जीवन और उनकी आजीविका पर हमला कर रही है.
कांग्रेस के सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए. पंजाब से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के लोकसभा सदस्यों ने बृहस्पतिवार को संसद परिसर में कृषि से संबंधित विधेयकों की प्रतियां जलाईं और इनको वापस लेने की मांग की.
किसानों के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार शिअद, राजग में बने रहने पर बाद में फैसला: सुखबीर
इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कृषि से जुड़े विधेयकों का विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल से हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के बाद कहा कि उनकी पार्टी राजग में रहने या नहीं रहने को लेकर बाद में पार्टी की एक बैठक में निर्णय लेगी. संसद के बाहर बादल ने कहा कि शिअद किसानों और उनके कल्याण के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है. उन्होंने कहा कि भविष्य के कदम और भाजपा नीत राजग गठबंधन में रहने या नहीं रहने को लेकर बाद में पार्टी की बैठक में निर्णय लिया जाएगा. (भाषा इनपुट के साथ)