सोनू सूद फिर मदद को आगे आए:जहरीली शराब से पिता और सदमे में मां की मौत हुई, अनाथ हुए 4 बच्चों को गोद लेंगे सोनू सूद

तरनतारन के रहने वाले सुखदेव की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी, इसके दो घंटे बाद सदमे से उनकी पत्नी की मौत हो गई थी सुखदेव के अनाथ हुए चारों बच्चे अब फाजिल्का के ही माता छाया आश्रम में रहेंगे, सोनू सूद उठाएंगे उनका पूरा खर्च

कोरोना महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगों की मदद करके चर्चा में आए अभिनेता सोनू सूद एक बार फिर मदद के लिए आगे आए हैं। सूद ने पंजाब में अनाथ हुए 4 मासूम बच्‍चों को सहारा दिया है। इन बच्चों के पिता की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी। फिर सदमे में मां की भी जान चली गई। अनाथ हुए बच्चों की जिंदगी संवारने के लिए सोनू सूद ने चारों बच्‍चों को गोद लिया है।

दरअसल, पंजाब में जहरीली शराब पीने से अब तक पिछले 10 दिनों के दौरान तीन जिलों तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर में 113 लोगों की जान जा चुकी है। इन्हीं में तरनतारन जिले के गांव मुरादपुर का सुखेदव सिंह भी शामिल था। बीते गुरुवार को रिक्शा चालक सुखदेव सिंह की मौत का पता चला तो सदमे में दो घंटे बाद पत्‍नी ज्योति की भी मौत हो गई थी। मां और पिता की मौत के बाद चारों बच्चे अनाथ हो गए।

चारों बच्चों को फाजिल्का के माता छाया आश्रम में रखा जाएगा।

बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा भी उठाएंगे सोनू

इन बच्चों को अच्छी परवरिश मिले, इसके लिए सूद ने चारों बच्चों को गोद लिया है। इन बच्चों को पंजाब में फाजिल्का के माता छाया आश्रम में रखा जाएगा। इस बारे में सोनू के दोस्त ईएचडी चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन करन गल्होत्रा ने बताया कि अनाथ हुए चार बच्चों (13 साल का करनबीर सिंह, 11 साल का गुरप्रीत सिंह, 9 साल की अर्शप्रीत सिंह और 7 साल के संदीप सिंह) को एनजीओ चलाने वाले गगनदीप सिंह अपने घर ले गए।

खबर पढ़ने के बाद सोनू सूद ने किया फैसला

अनाथ हुए बच्चों के चाचा मनजीत सिंह और चाची कमलजीत कौर ने बताया कि जिला बाल सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार के सहयोग से चारों बच्चों को वापस घर लाया गया। इन बच्चों की खबर प्रकाशित होने के बाद सोनू सूद ने चारों बच्चों को गोद लेने का फैसला किया। फिलहाल, चारों बच्चे अपने रिश्तेदारों के पास रह रहे हैं। इन बच्चों की काउंसिलिंग भी जरूरी है। इसके लिए बच्चों की देखभाल कर रहे रिश्तेदारों को कमेटी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।

उधर, जिला बाल भलाई कमेटी के चेयरमैन डॉ. दिनेश गुप्ता ने कहा कि बच्चों को गोद लेने के लिए सेंटरलाइजेशन अडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी (कारा) के माध्यम से ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है। हालांकि, पंजाब सरकार की तरफ से जहरीली शराब से मरने वालों के परिवार को 5 लाख रुपए और एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की गई है। लेकिन सुखदेव सिंह के परिवार में मासूम बच्चों के अलावा कोई नहीं है।

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