एमपी प्रताप सिंह बाजवा की दहाड- जाखड़ कौन होता है मुझे पार्टी से निकालने वाला

गत दिवस हुई कैबिनेट मिटिंग में कैप्टन अमरिंदर सिंह के समक्ष सभी मंत्रियों ने दोनों सदस्यों पर सख्त अनुशासनात्मक कारर्वाई करने व पार्टी से निकालने की मांग की थी। इस मांग के बाद बाजवा ने फिर से कैप्टन व उनके मंत्रियों पर हमला बोलते अपनी पहले से शराब माफिया के खिलाफ सीबीआई जांच करवाने वाली मांग को दोहराया। बाजवा ने जाखड़ को चैलेंज किया कि वह उनके साथ पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के घर चलें, फिर देखते हैं कि वहां से पहले किसे बाहर किया जाता है।

चडीगढ़. पंजाब कांग्रेस के अंदर कलह बढ़ती जा रही है। कैप्टन की पूरी कैबिनेट ने राज्य सभा सदस्यों प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो को पार्टी से निकालने की आवाज उठाई है। दोनों नेताओं पर पार्टी और सरकार विरोधी गतिविधियों के इल्ज़ाम लगाऐ जा रहे हैं। इन दोनों नेताओं ने जहरीली शराब कांड पर अपनी ही पार्टी व कांग्रेस पर हमला बोला था। इसके बाद गत दिवस हुई कैबिनेट मिटिंग में कैप्टन अमरिंदर सिंह के समक्ष सभी मंत्रियों ने दोनों सदस्यों पर सख्त अनुशासनात्मक कारर्वाई करने व पार्टी से निकालने की मांग की थी। इस मांग के बाद बाजवा ने फिर से कैप्टन व उनके मंत्रियों पर हमला बोलते अपनी पहले से शराब माफिया के खिलाफ सीबीआई जांच करवाने वाली मांग को दोहराया।

अब प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि सुनील जाखड़ या कोई ओर कौन होता है, उनको पार्टी में से बाहर निकालने वाला। उन्होंने फिर कैप्टन सरकार पर हमला करते कहा कि शराब बेचने वालों व इससे मरने के मामलो की सीबीआई जांच करवानी चाहिए। बाजवा आज बटाला में शराब पीने के साथ मरने वाले लोगों के परिवारों के साथ दुख सांझा करने पहुँचे थे। बाजवा ने पंजाब सरकार से अपील की कि इन पीडित परिवारों को 10-10 लाख रुपए मुआवज़ा दिया जाये।

बाजवा ने केंद्र सरकार की तरफ से दी सुरक्षा के बारे कहा कि उनको जो सुरक्षा मिली है, वह कोई नई नहीं। वह पहले भी उनके पास थी। बाजवा ने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने भी उनके हक में सुरक्षा देने के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी थी। गौरतलब है कि बाजवा को केंद्र सरकार की तरफ से सुरक्षा देने के बाद में राज्य में चर्चा छिड़ी थी कि बीजेपी सरकार उन पर मेहरबान क्यों है।

पंजाब में कांग्रेस की अंदरुनी सियासत गरमा गई है। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बाजवा ने कहा कि कहा कि कांग्रेस की राजनीति में जाखड़ शकुनी का रोल निभा रहे हैं। साथ ही राज्य में जहरीली शराब से हुई मौतों के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार ठहराया।बाजवा ने जाखड़ को चैलेंज किया कि वह उनके साथ पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के घर चलें, फिर देखते हैं कि वहां से पहले किसे बाहर किया जाता है।

बाजवा ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष का काम पार्टी के लीड़रों को आपस में जोड़ना होता है, न कि उन्हें आपस में बांटकर रखना। उन्होंने कहा कि राज्य में जहरीली शराब से मौत हुई हैं। इसके लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं। शराब माफिया के खिलाफ उन्होंने व शमशेर सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं ने कई बार लिखित शिकायतें भी दी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलकर सामने नहीं आया।

बाजवा ने कहा कि कैबिनेट की रातोंरात बैठक हम दोनों नेताओं के खिलाफ अनुशासनत्मक कार्रवाई का संशोधन पारित कर दिया। बाजवा ने कहा कि पंजाब कैबिनेट के दो मंत्रियों ने उनको फोन पर सारी बात बताई। हालांकि यह मंत्री कौन हैं यह बताने से बाजवा ने इन्कार कर दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने सीबीआइ जांच की मांग इसलिए की, क्योंकि आबकारी तथा पुलिस विभाग खुद सीएम के पास है, इसलिए उसकी मर्जी के बगैर कोई काम नहीं हो सकता।

बाजवा ने कहा कि अब जालंधर डिवीजन के कमिश्नर को इस केस की जांच के निर्देंश दिए गए हैं। जांच में वैसा ही निकलकर आएगा जैसे बटाला ब्लास्ट तथा अमृतसर जौड़ा फाटक में हादसे में। इन मामलों में केवल निचले स्तर के कर्मचारियों पर ही कार्रवाई हुई। इस मामले में भी ऐसा ही होगा। जाखड़ पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि सीबीआइ जांच की मांग सबसे ज्यादा कांग्रेस की राजनीति के मामा शकुनी सुनील जाखड़ को नागावार गुजरी हैैै। उन्होंने जाखड़ को सीधे-सीधे चैलेज करते हुए कहा कि वह सोनिया गांधी के आवास पर उनके व दूलों के साथ चलें। फिर साफ हो जाएगा कि सोनिया गांधी किसे पहले अपने आवास से बाहर करती हैंं।

 

बाजवा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के कारण पंजाब में चलने वाली तीन डिस्टेलरी फैक्ट्रियों में पिछले तीन साल में 2700 करोड़ रुपयेे का नुक्सान हुआ। इन डिस्टेलरी से दो नंबर की शराब बाहरी तस्करों को बेची जाती रही। इस बाबत वे कई बार सीएम को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन उन्होंने इस मसले पर कुछ नहींं किया। जिस वजह से आज पंजाब में जहरीली शराब पीने से कई मौतें हुई।

 

बाजवा ने कहा कि शराब तस्करी मामले में उन्होंने पूर्व मंत्री व शिअद नेता बिक्रम मजीठिया के खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में केस किया था। इस संबंध में कैप्टन से उन्होंने मजीठिया के खिलाफ जांच कराने की मांग भी की थी, मगर इस मामले को लेकर भी सीएम ने आज तक कुछ नहीं किया।

 

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पांच माह तक सीएम अपने आवास पर बैठे रहे। अब जाकर उनकी पीड़ित लोगों से संवेदना के लिए नींद खुल गइ है। तरनतारन में पीड़ित परिवारों से मुलाकात के लिए सीएम पहुंचे। अगर तब ही घर से निकले होते व शराब तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई होती तो लोगों को जहरीली शराब के कारण अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती।

बाजवा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुटखा साहिब की कसम खाकर कहा था कि वह चार हफ्ते में नशा खत्म कर देंगे, लेकिन अब उनकी कसम और वादे का क्या हुआ। चार हफ्ते में नशा खत्म करने की बात को अब पूरे चार साल बीत गए हैंं। सीएम पंजाब की जनता के आंखों में सरेआम धूल झोंक रहे हैं।

 

 

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