चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने राज्य में मंदिरों और गुरुद्वारों में लंगर और प्रसाद बांटे जाने की अनुमति दे दी है। राज्य के गृह विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया। पंजाब में इसको लेकर विरोध हो रहा था और लोग सरकार से अनुमति देने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक दिन पहले कहा था कि वह इस बारे में केंद्र सरकार से बात करेंगे। दरअसल, धार्मिक स्थलों पर प्रसाद और लंगर बांटने पर केंद्र सरकार ने पाबंदी लगाई हुई है। इसको लेकर कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के कई नेताओं ने इसे उठाया था और पंजाब में यह राजनैतिक मुद्दा बन गया।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अतिरक्त मुख्य सचिव (गृह) सतीश चंद्रा से कहा था कि वह केंद्रीय निर्देशों के अनुसार लंगर और प्रसाद बांटने की अनुमति देने का विकल्प देखें। इसके बाद मंगलवार को पंजाब के गृह विभाग ने धार्मिक स्थलों पर लंगर और प्रसाद बांटने की अनुमति दे दी। इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे कि धार्मिक स्थलों पर प्रसाद बांटने की इजाजत दी जाए।
उन्होंने इस मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल की लीडरशिप पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर प्रसाद न बांटने संबंधी फैसला केंद्र सरकार ने लिया है न कि पंजाब सरकार ने। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि केंद्र सरकार में शिरोमणि अकाली दल साझीदार है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल से पूछा कि जब केंद्र सरकार ने आठ जून से धार्मिक स्थलों को खोलने संबंधी एसओपी जारी किया था तो उनके साथ क्या सलाह ली गई? अगर सलाह ली गई तो उन्होंने वहां क्यों नहीं इसका विरोध किया? अब राज्य सरकार पर प्रसाद बांटने की इजाजत न देने का आराेप नहीं लगाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने गुरुद्वारा में लंगर बांटने संबंधी केंद्र की गाइडलाइंस के अनुसार नोटिफिकेशन जारी करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को निर्देश दिए हैं।