अवैध शराब का कारोबार करने वाले आरोपी का नाम राजेश भंडारी है. इस आरोपी की अगर बात करें तो पंजाब में जालंधर समेत कई स्थानों में पहले से ही इस तरह के मामले दर्ज हैं. लेकिन अपने रसूख की वजह से ये हमेशा बचता रहा. अब इस मामले में ईडी की टीम ने कई पुराने मामले को भी खंगालते हुए कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को खंगाला है. जिसको आधार बनाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत इस मामले को दर्ज करने वाली है.
पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ सूत्र ने भी इस मामले में पुख्ता तौर पर इस खबर की पुष्टी कर दी है. क्योंकि ईडी की टीम लगातार इस मामले में कई जिलों से आरोपी राजेश भंडारी के बारे में जानकारियों को जुटा रही है और उसके बारे में तमाम पुराने से लेकर अभी मौजूदा वक्त तक के एफआईआर को खंगाला जा रहा है.
हालांकि उस मामले में एक ट्रांसपोर्टर से पांच लाख रुपया घूस के तौर लेने का आरोप था. जो चालक गुरमेल सिंह गेला के पास से बरामद और जब्त किया गया था . उसके बाद कई जांच एजेंसियों के राडार पर रमेश भंडारी आ चुके थे. इसी का तकाजा है कि लॉकडाउन के दौरान अवैध शराब को लॉकडाउन के वक्त उसको ज्यादा से ज्यादा दाम पर बेचकर करोड़ों रूपये कमाए गए. हालांकि इस मामले में रमेश भंडारी का पूरी टीम काम कर रही थी. इसके साथ ही जांच एजेंसी को ये भी जानकारी मिली है कि राजेश भंडारी लॉकडाउन के वक्त काफी बड़ी मात्रा में नकली शराब बनाकर विदेशी ब्रांड के नाम पर उन शराब की बोतलों को ठिकाने लगाता रहा. यानी वो पंजाब और हरियाणा में बेचकर करोडों रुपये कमाया था. इस मामले से जुड़े कई सबूत अब ईडी के हाथ लग चुके हैं. इसी मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा जा सकता है की जल्द ही ये मामला दर्ज होने वाला है. उसके बाद इस आरोपी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई हो सकती है .
पंजाब में सतर्कता विभाग ( Vigilance department) के विशेष सूत्रों के मुताबिक इस मामले में ईडी के राजेश भंडारी से संबंधित कई अवैध प्रोपर्टी समेत अन्य संपत्तियों के बारे में जानकारी साझा की गई है. जिसको आधार बनाते हुए ईडी की टीम ने कई लोकेशन पर अपनी टीम भेजकर उसके कई प्रॉपर्टी के बारे में जानकारियों को इकठ्ठा किया और उस दौरान ये भी जानकारी मिली की राजेश भंडारी का पंजाब के लुधियाना, चंडीगढ़, खन्ना, जालंधर समेत करीब 15 से 20 ऐसी प्रॉपर्टी की जानकारी मिली है.
जिसके बारे में इनकम टैक्स विभाग (Income tax) को भी सही जानकारी राजेश भंडारी द्वारा नहीं दी गई है. यानी उन सभी 15 से 20 प्रोपर्टी में अवैध रूपये को निवेश किया गया है, इसी के आधार पर उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी और उन तमाम अवैध संपत्तियों को अटैचमेंट भी किया जा सकता है.
इस मामले में हमारे सूत्र बताते हैं की करीब दो दिनों के अंदर ही ये मामला ईडी दर्ज कर सकती है. इस मामले में ईडी मुख्यालय को भी जानकारी पंजाब से भेजी जा चुकी है. अब इस मामले को औपचारिक तौर पर दर्ज करने का काम ही बाकी है.