पंजाब में सभी तरह के सार्वजनिक समारोह पर लगी पाबंदी, शादी में भी 50 की जगह अब 30 लोग हो सकेंगे शामिल

कार्यस्थलों जैसे कार्यालयों आदि व बंद स्थानों में मास्क पहनना अनिवार्य, एयर कंडीशनिंग और वेंटिलेशन को लेकर भी सख्त निर्देश पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमें सामाजिक समारोहों और साथ ही शादियों और सामाजिक कार्यों पर प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करेंगी

जालंधर. कोरोना की महामारी से लड़ रहे पंजाब प्रांत की सरकार ने एक बार फिर से सभी सार्वजनिक समारोहों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। सामाजिक समारोहों को पांच और ब्याह-शादी को 50 की बजाय 30 तक सीमित कर दिया है। बाकी जगह पांच या इससे ज्यादा लोगों के इकट्‌ठा होने पर पाबंदी रहेगी। सोमवार दोपहर बाद जारी नई गाइडलाइंस संबंधी अधिसूचना में कहा गया है कि सभी जिलों में पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमें सामाजिक समारोहों और साथ ही शादियों और सामाजिक कार्यों पर प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करेंगी।

कोरोना वायरस के नए मरीजों की संख्या में कोई गिरावट नहीं आती हुई देख पंजाब सरकार ने सोमवार को सामाजिक व सार्वजनिक समारोह को लेकर सख्त निर्देश जारी किए। नई गाडडलाइन के अनुसार शादी समारोह में भो लेने के लिए मेहमानों की संख्या को 50 से घटाकर 30 कर दिया गया है। वहीं, भोग, बर्थडे पार्टी आदि में पांच से ज्यादा मेहमान शामिल नहीं हो सकेंगे। अगर ऐसा होता है तो पुलिस को एफआइआर दर्ज करने का अधिकार दिया गया है।
समारोह अगर मैरिज पैलेस या होटल में हो रहे हैं तो वहां के प्रबंधन को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा और मानदंडों के उल्लंघन के मामले में लाइसेंस के निलंबन का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, विवाह स्थलों, होटलों व अन्य वाणिज्यिक स्थानों के प्रबंधन को यह प्रमाणित करना होगा कि इनडोर रिक्त स्थान के वेंटिलेशन के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
पंजाब सरकार ने सार्वजनिक स्थल के साथ-साथ कार्य स्थानों, कार्यालयों, बंद स्थानों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, सरकारी दफ्तरों में किसी भी प्रकार के प्रजेंटेशन व ऐसी बैठकों में रोक लगा दी गई है जिसमें पांच से ज्यादा लोग शामिल हो।
साथ ही बैठकों में चाय आदि को परोसने पर भी मनाही होगी। वहीं, पंजाब सरकार ने राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश किए है की वे यह सुनिश्चित करें कि उनके जिले में कोई भी प्राइवेट अस्पताल कोविड 19 के मरीजों का इलाज करने से मना नहीं कर रहा हो।
राज्य सरकार ने निगरानी तेज करने के मकसद से आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञों के साथ भी साझेदारी की है, ताकि भविष्य में कार्रवाई के लिए सुपर-स्प्रेडर सभाओं की पहचान करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा सके।

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