पंजाब: लॉकडाउन फेज-3 का चौथा दिन / कर्फ्यू के बीच सूबे की सरकार को अप्रैल में 88 फीसदी राजस्व घाटा, पूरा करने के लिए खोले गए शराब के ठेके

राज्य में जरूरी चीजों की दुकान खोलने के लिए दो घंटे सुबह तो दो घंटे दोपहर बाद बढ़ाने का फैसला, 7 से 3 खुलेंगी दुकानें बुधवार देर शाम के बाद गुरुवार देर रात तक 142 नांदेड़ के श्रद्धालुओं समेत 157 नए मामले सामने आए, कुल संख्या 1654 हुई

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जालंधर. देशभर में कोरोना के खतरे के बीच तीसरे फेज का लॉकडाउन गुरुवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया है। पंजाब में भी कर्फ्यू जारी है। केंद्र की मंजूरी के बाद गुरुवार सुबह 7 बजे से राज्य में शराब के ठेके भी खुले गए हैं। साथ ही दूध, दवाई और राशन की दुकानें भी अब सुबह 9 बजे की बजाय 2 घंटे पहले यानि 7 बजे और दोपहर बाद 1 बजे की अपेक्षा 3 बजे तक खुली रहेंगी। पिछले तीन दिन से अमृतसर, जालंधर और लुधियाना से विशेष ट्रेनें चलाकर प्रवासी लोगों को भी उनके गृहराज्य भेजा जा रहा है। प्रशासन के पूरे ऐहतियात के बावजूद ये लोग हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की अनदेखी करते और बिना कन्फर्मेशन के रेलवे स्टेशन पर पहुंचने की गलती करते देखे जा सकते हैं।

दूसरी ओर तमाम प्रयासों के चलते कोरोना का संक्रमण भी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। बुधवार देर शाम के बाद गुरुवार देर रात तक 157 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। इनमें 142 नांदेड़ से लाए गए श्रद्धालु हैं। इन सबको मिलाकर राज्य के सभी 22 जिलों में अब तक 1654 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और इनमें से 27 की मौत भी हो चुकी है।

राज्य के छह जिलों में ठेकेदारों ने बिक्री से इन्कार किया, 3 में कोई फैसला नहीं

पंजाब सरकार ने 42 दिन बाद शराब ठेके खोलने की इजाजत है, लेकिन इस फैसले पर ठेकेदार बंट गए हैं। छह जिलों अमृतसर, मुक्तसर, पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर व तरनतारन में ठेकेदारों ने ठेके खोलने से साफ इन्कार कर दिया है। उनकी मांग है कि पहले सरकार डेढ़ माह का टैक्स माफ करे। वहीं, मोगा, बरनाला, व कपूरथला में ठेकेदारों ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। अन्य जिलों में ठेके सुबह 7 बजे से खुल गए।

बुधवार देर शाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पंजाब के हालात के बारे में बात करते मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह।

 

सोनिया गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कैप्टन बोले-अप्रैल में पंजाब को 88 फीसदी राजस्व का नुकसान
पंजाब को अप्रैल महीने में 88 फीसदी राजस्व घाटा हुआ है। यह जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार देर शाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान शेयर की। उन्होंने बताया कि कर्फ्यू के चलते राज्य सरकार को विभिन्न टैक्स से कोई आय नहीं हुई और मौजूदा समय में कुल औद्योगिक इकाइयों का लगभग 1.5 हिस्सा ही कार्यशील है। केंद्र सरकार से सहायता न मिलने के कारण पंजाब मुश्किल वित्तीय हालातों का सामना कर रहा है। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कैप्टन ने पंजाब द्वारा कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी भी दी।

हमलों के खिलाफ राज्य के 26 हजार डिपो होल्डर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
राज्य के 35 लाख नीले कार्डधारकों में केंद्रीय राहत वितरण के दौरान अपने ऊपर लगातार बढ़ रहे हमलों के खिलाफ पंजाब के डिपो होल्डर गुरुवार से अनिश्चिकालीन समय के लिए हड़ताल पर चले गए। उन्होंने सरकार से सभी डिपो होल्डरों के लिए 50 लाख रुपए का बीमा और आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों की मांग की है। पंजाब स्टेट डिपो होल्डर्स संघ के अध्यक्ष गुरजिंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि लोगों में राहत सामग्री वितरित करते समय डिपो होल्डरों पर बेरहमी से हमले किए जा रहे हैं। कपूरथला में एक डिपो होल्डर की मौत हो गई। अगर पंजाब सरकार ने समय पर सुरक्षा प्रबंधों की तरफ ध्यान दिया होता तो एक डिपो होल्डर की जान बच सकती थी। इसके अलावा  अमृतसर में भी एक बुरी तरह जख्मी हो गया। एक तरफ सरकार लोगों को सामाजिक दूरी का पालन करने की सलाह दे रही है तो दूसरी तरफ 26 हजार डिपो होल्डरों को बिना कोई सुरक्षा प्रदान किए राशन वितरण पर लगा दिया। अपने सिर पर लगातार मंडराते खतरे के माहौल में वह कैसे काम कर सकते हैं?

आजमगढ़ भेजने के लिए प्रवासी मजदूरों को लेकर जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन पहुंची बसें। गुरुवार दोपहर 12 बजे यहां से एक ट्रेन रवाना हुई, वहीं शाम और रात को दो अन्य ट्रेनें भी जानी हैं।

जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन से आजमगढ़, दरभंगा और बहराइच के लिए विशेष ट्रेनें होंगी रवाना
जालंधर में कर्फ्यू में फंसे बाहरी राज्यों के यात्रियों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए गुरुवार को भी तीन ट्रेनें चलाई जा रही हैं। पहली ट्रेन दोपहर 12 बजे आजमगढ़ के लिए रवाना हुई। वहीं इसके बाद शाम 5 बजे दरभंगा के लिए दूसरी तो रात 11 बजे बहराइच के लिए तीसरी ट्रेन भी जाएंगी। इन लोगों को चुनिंदा स्थानों पर इकट्‌ठा करके मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट और ट्रेन की टिकट दी जा रही है। बसों में बिठकर प्रशासन सिटी रेलवे स्टेशन पर ला रहा है। वहां भी एक बार फिर से स्क्रीनिंग के बाद ट्रेन में बैठने के लिए अंदर भेजा जा रहा है। इस दौरान यात्रियों के लिए बिस्कुट सहित अन्य खाद्य सामग्री भी बांटी जा रही है।

अमृतसर में मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
अमृतसर में फंसे बाहरी राज्यों के 650 मजदूरों ने गृहराज्य जाने से पहले बुधवार को अपनी मेडिकल स्क्रीनिंग करवाई। सेवा धर्म जन कल्याण मंडल के प्रधान राम भुवन गोस्वामी ने बताया कि डीसी ने जिले में 24 स्क्रीनिग सेंटर बनाए जाने संबंधी पत्र जारी किया है। दूसरी ओर मजदूरों को सिविल अस्पताल, सारागढ़ी स्कूल या सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल छेहरटा के अलावा किसी अन्य सेंटर की जानकारी नहीं है। ज्यादातर लोग स्क्रीनिग के लिए सिविल अस्पताल पहुंच रहे हैं। सिविल अस्पताल में 150, छेहरटा के सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल में 500 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी। कई लोगों ने तो मास्क भी नहीं पहन रखा था। पुलिस ने उन्हें एक-दूसरे के बीच दूरी बनाए रखने की हिदायतें दी, मगर पहले स्क्रीनिंग करवाने के चक्कर में वहां लोगों के बीच खूब धक्का-मुक्की हुई।

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