- राज्य में अब तक 2837 लोगों की टेस्टिंग हुई, जिनमें से कुल 132 संक्रमित पाए गए और इन 132 में से भी 11 की मौत हो चुकी
- पीजीआईएमईआर की रिपोर्ट का हवाला दे अंदेशा जताया-सूबे की लगभग 58 प्रतिशत आबादी हो सकती है संक्रमित
- हाई पावर कमेटी तय करेगी कि अक्टूबर तक किस तरह से राज्य की आर्थिक स्थिति को संतुलित रखा जाए
चंडीगढ़. कोरोना वायरस के कारण पंजाब के भी हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. इसपर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसफर शुरू हो गया है. उन्होंने कहा, ‘हम एक ऐसे मुकाम पर हैं, जहां ऐसे लोग संक्रमित हुए हैं, जिनकी यात्रा का कोई इतिहास नहीं है.’ उन्होंने कहा कि कोरोना के जो नए 27 मामले सामने आए हैं, उनमें से ज्यादा कम्युनिटी ट्रांसफर के हैं.
मीडिया के साथ वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों और चिकित्सा विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि जुलाई-अगस्त तक यह महामारी भारत में चरम पर होगी. अनुमान है कि लगभग 58% भारतीय इससे संक्रमित हो जाएंगे. पंजाब में लगभग 87% लोगों के प्रभावित होने की संभावना है.
We have very senior and top class medical officers who have said they expect it (#COVID19) will peak in mid September, at the point when 58% of population can be infected: Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh https://t.co/dzvS5U2Cc6
— ANI (@ANI) April 10, 2020
पंजाब में कोरोना वायरस के संक्रमण से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। बीती 23 मार्च से राज्य में सामाजिक दूरी के जरिये कोरोना की चेन तोड़ने के लिए कर्फ्यू लगा हुआ है और अगर ऐसे ही चलता रहा तो हालात सामान्य होने में अक्टूबर तक का वक्त लग सकता है। यह बात शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मीडिया से रू-ब-रू होते हुए कही। पीजीआईएमईआर की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने यह भी अंदेशा जताया कि सूबे की लगभग 58 प्रतिशत आबादी कोरोना के संक्रमण की चपेट में आ सकती है। एक हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है, जो तय करेगी कि अक्टूबर तक किस तरह से राज्य की आर्थिक स्थिति को संतुलित रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक 2837 लोगों की टेस्टिंग हुई, जिनमें से कुल 132 संक्रमित पाए गए और इन 132 में से भी 11 की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा है कि तब्लीगी जमात से 651 लोग पंजाब आए थे। उनमें से 636 को ट्रेस कर लिया गया है, जबकि 15 लोगों का अभी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। अब तक 481 की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 27 पॉजिटिव मिले हैं।
मुख्यमंत्री की मानें तो बीते दिनों पंजाब में 140 हजार लोग बाहर से (विदेश से) आए, लेकिन वह इतनी बड़ी चिंता की बात नहीं है। कारण, संक्रमण अब दूसरी स्टेज में पहुंच चुका है, जिसमें व्यक्ति की ट्रैवल हिस्ट्री मायने नहीं रखती। कोई व्यक्ति किसके संपर्क में आने की वजह से संक्रमित हो जाए, उसे खुद पता नहीं होता। पीजीआईएमईआर की रिपोर्ट को आधार बताते हुए उन्होंने कहा कि जुलाई और अगस्त माह में संक्रमण पीक पर पहुंचने की आशंका है। इस हिसाब से राज्य की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अक्तबूर माह तक का समय लग जाएगा।
फिलहाल जारी कर्फ्यू में राहत मिलने या इसके आगे बढ़ने के सवाल पर कैप्टन ने कहा कि यह कैबिनेट की बैठक में और फिर प्रधानमंत्री के साथ विचार करके तय किया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह जरूर साफ किया कि लॉकडाउन में सिर्फ किसानों को ही राहत दी जाएगी। किसानों की सुविधा के लिए सरकार ने फैसला किया है कि 15 अप्रैल से मंडियों में फसल की खरीद शुरू की जाएगी। सामाजिक दूरी बनाए रखने के मकसद से राज्य सरकार ने मडियों की संख्या 1800 से बढ़ाकर 3800 कर दी है। किसानों के साथ पुलिस मौजूद रहकर पूरी निगरानी रखेगी। साथ ही एनसीसी से भी बात की जा रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य को जारी की गई 15 हजार करोड़ रुपए की राशि काफी नहीं है। मौजूदा संकट गंभीर है, लिहाजा केंद्र को राज्य के लिए और फंड जारी करना चाहिए।