बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसानों ने मोर्चा खोल रखा है. पंजाब में किसान कई हफ्तों से सड़कों और रेल पटरियों पर थे. इसके चलते केंद्र सरकार ने पंजाब में रेल सेवाएं रोक दी थीं. रेल सेवा ठप होने की वजह से पंजाब में आपूर्ति सेवा प्रभावित हुई तो राज्य की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई. राज्य में बिजली संकट पैदा हो गया.
बाद में राज्य सरकार और केंद्र के बीच बातचीत के बाद किसानों ने 15 दिनों के लिए पटरियां खाली कर दीं. हालांकि किसानों ने केंद्र से बातचीत असफल रहने पर फिर से रेल सेवाएं ठप करने की धमकी दी है. राज्य की अमरिंदर सरकार के आश्वासन के बाद रेलवे ने आंशिक रूप से ट्रेन सेवाएं चालू कर दी हैं.
बता दें कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा था, लेकिन समय नहीं मिलने पर अमरिंदर और उनके सहयोगियों ने राजघाट पर एक दिन का धरना दिया. साथ ही राज्य में कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन भी किया.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पंजाब कांग्रेस के साथ ट्रैक्टर मार्च की अगुआई की, तो पंजाब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इंडिया गेट पर विरोध स्वरूप ट्रैक्टर भी जला दिया.
दूसरी ओर नवजोत सिंह सिद्धू भी कांग्रेस पार्टी के साथ कृषि कानून के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे. पंजाब में अमरिंदर सरकार के गठन के बाद मंत्रालय के बंटवारे को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने नाराजगी जताई थी, जिसके बाद अमरिंदर सिंह से उनके मतभेद बढ़ते गए… और फिर सिद्धू ने अमरिंदर कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. बाद में सिद्धू को लेकर कई अफवाहें उड़ती रहीं.