PGI चंडीगढ़ का दावा-कुष्ठ रोग के इलाज में दी जाने वाली दवा से कोरोना के मरीज में हुआ सुधार

पीजीआई चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) का कहना है कि इन मरीजों पर डॉक्टरों (Doctors) ने लगातार तीन दिन तक माइकोवैक्टेरियम डब्ल्यू (MW) वैक्सीन की 0.3 एम.एल दवा का प्रयोग किया और पाया कि मरीज पर वैक्सीन का इस्तेमाल बिल्कुल सुरक्षित और सकारात्मक है.

चंडीगढ़. कोरोना वायरस (coronavirus) की ऑल्टरनेट दवा को लेकर पीजीआई चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पीजीआई चंडीगढ़ ने दावा किया है कि कोरोना वायरस की ऑल्टरनेट दवा के तौर पर शुरू किए सेफ्टी ट्रायल में सकारात्मक परिणाम मिले हैं. पीजीआई ने कुष्ठ रोग के इलाज में दी जाने वाली दवा माइकोवैक्टेरियम डब्ल्यू (MW) वैक्सीन को 6 मरीजों पर आजमाया है, जिसका सकारात्मक परिणाम नजर आए हैं. अस्पताल का दावा है कि जिन्हें कोरोना ट्रीटमैंट के दौरान ऑक्सीजन की जरूरत थी, उन मरीजों को MW वैक्सीन की 0.3 एम.एल दवा का इंजेक्शन देने से काफी सुधार हुआ है.

6 मरीजों पर आजमाया गया वैक्सीन
अस्पताल का कहना है कि इन मरीजों पर डॉक्टरों ने लगातार तीन दिन तक यह दवा प्रयोग किया और पाया गया कि मरीज पर वैक्सीन का इस्तेमाल बिल्कुल सुरक्षित और सकारात्मक है. बता दें कि इस दवा का इस्तेमाल पहले कुष्ठ, तपेदिक और निमोनिया ग्रस्त पेशेंट्स पर भी किया गया था और उनमें भी दवा के इस्तेमाल को सुरक्षित पाया गया था. अब कोरोना के पेशेंट्स पर भी दवा सुरक्षित पाई गई है.

पिछले सप्ताह ही पीजीआई चंडीगढ़ को भारत सरकार ने कोरोना वायरस वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए चुना था. काउंसिल ऑफ साइंस एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च (CSIR) ने कोरोना वायरस पर कुष्ठ रोग में इस्तेमाल होने वाली वैक्सीन माइकोवैक्टेरियम डब्ल्यू (MW) का क्लीनिक ट्रायल की मंजूरी दी थी.

एम्स दिल्ली और भोपाल में भी ट्रायल चल रहा है
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि पीजीआई चंडीगढ़ ने भारत सरकार के विश्वास बरकरार रखा है. अगर इसको सरकार से मंजूरी मिल जाती है तो आने वाले दिनों में यह वैक्सीन कोरोनो के मरीजों पर और जगहों पर भी आजमाया जाएगा. CSIR गुजरात की फार्मा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के साथ मिलकर MW वैक्सीन का कोरोना वायरस पर क्लीनिकल ट्रायल आगे भी जारे रहेगी. इस क्लीनिकल ट्रायल में PGI चंडीगढ़ के साथ दिल्ली एम्स और भोपाल के एम्स को भी मंजूरी मिली है.

पीजीआई चंडीगढ़ के अलावा कोरोना मरीजों पर इस दवा का ट्रायल ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैडिकल साइंस (एम्स) दिल्ली और भोपाल में भी किया जा रहा है. चंडीगढ़ के पीजीआई में इस समय कोरोना के 12 मरीजों का इलाज चल रहा है.

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