चंडीगढ़। आइएएस अफसर के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण व हत्या के लगभग 30 साल पुराने मामले में पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को मोहाली अदालत से झटका लगा है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र जज रजनीश गर्ग की अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत रद कर दी है। इससे पहले कोर्ट ने 1 सितंबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी।
28 अगस्त शुक्रवार को पंजाब पुलिस ने मोहाली से दिल्ली व हिमाचल तक कई ठिकानों पर दबिश दी थी, लेकिन वह नहीं मिले, लेकिन उसी दिन कोर्ट ने सैनी की गिरफ्तार पर 1 सितंबर तक रोक लगा दी थी। इससे सैनी को काफी राहत मिली थी, लेकिन अब कोर्ट से उनको झटका लगा है।
शुक्रवार को सुबह लगभग 5.30 बजे मोहाली पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीमों ने सैनी के चंडीगढ़ के सेक्टर 20 में स्थित आवास और मोहाली स्थित उनके फार्म हाउस पर छापा मारा था, परंतु सैनी वहां नहीं मिले। पुलिस को वहां से खाली हाथ लौटना पड़ा। पुलिस ने सैनी के हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सुंदनगर उपमंडल के जंखरी स्थित उनके फार्म और दिल्ली स्थित फार्म हाउस पर भी दबिश दी, परंतु सैनी वहां भी नहीं थे। उधर, पुलिस के इन छापों के बाद हरकत में आई सैनी के वकीलों की टीम उनकी अग्रिम जमानत पर स्पष्टीकरण की मांग लेकर अदालत पहुंच गई।
एडवोकेट एपीएस देयोल के माध्यम से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र जज रजनीश गर्ग ने सैनी को मिली अग्रिम जमानत को 1 सितंबर तक स्थगित कर दिया था, जिस पर आज फैसला हुआ। आज सैनी की अग्रिम जमानत याचिका रद कर दी गई।
गौरतलब है कि लगभग तीन दशक पुराने बलवंत सिंह मुल्तानी किडनैपिंग मामले में नामजद पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस के दो पूर्व अधिकारियों द्वारा बयान दर्ज करवाए जाने के बाद उनके खिलाफ दर्ज एफआइआर में हत्या की धारा भी जोड़ दी गई है। इससे पहले मोहाली पुलिस ने 6 मई, 2020 को सैनी और सात अन्यों के खिलाफ मुल्तानी की गुमशुदगी के मामले में एफआइआर दर्ज की थी।
पुलिस इन बिंदुओं पर सैनी को हिरासत में लेकर करना चाहती है पूछताछ
- हिरासत में बलवंत सिंह मुल्तानी के जिस्म पर मौजूद पगड़ी, जूते और कपड़े कहां गए? गुप्तांग से डंडा निकालकर कहां फेंका गया?
- 11 नवंबर, 1991 को बलवंत सिंह मुल्तानी को उसके घर से जब पुलिस ने उठाया तो उस पुलिस टीम में कौन लोग शामिल थे?
- मुल्तानी के पास से हुई जाली बरामदगी के लिए 13 दिसंबर, 1991 को दिखाई गई पिस्तौल कहां से लाई गई थी?
- 14 दिसंबर, 1991 को एसडीएम के पास किसे पेश किया गया क्योंकि मुल्तानी उस समय हिलने की अवस्था में भी नहीं था। क्या मुल्तानी का पुलिस रिमांड उसे एसडीएम के सामने पेश किए बगैर ही ले लिया गया था।?
- मुल्तानी को प्रथम श्रेणी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने पेश क्यों नहीं किया गया?
- मुल्तानी के शव को ठिकाने लगाने के लिए किसे भेजा गया था? संस्कार कहां किया गया?
- कादियां पुलिस थाने में किसे मुल्तानी बना कर भेजा गया था ताकि 18-19 दिसंबर की रात उसे पुलिस हिरासत से फरार दिखाया जा सके?
- सैनी से कादियां थाने में मुल्तानी की फरारी के संबंध में 19 दिसंबर, 1991 को दर्ज एफआइआर की प्रति भी बरामद की जानी है क्योंकि ऐसा कहा गया है कि इस एफआइआर का रिकॉर्ड सैनी ने मंगवा लिया था।