पंजाब में अगला चुनाव भी लड़ेंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह, कहा- राज्य की मदद करना मेरा कर्तव्य

Punjab Election: 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने कहा था कि ये उनके आखिरी चुनाव होंगे. हालांकि, अब उन्होंने कहा है कि जब तक पंजाब को गड़बड़ी से बाहर नहीं निकाल लेते हैं, वे नहीं रुकेंगे.

चंडीगढ़. पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह साफ कर दिया है कि वे अगला चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उन्होंने सोमवार को खुद ही यह खुलासा किया है. सिंह ने कहा है कि वे पंजाब के हालात सुधारने के लिए अगला चुनाव लड़ेंगे. खास बात है कि साल 2017 में उन्होंने कहा था कि यह मुख्यमंत्री के तौर पर उनका आखिरी कार्यकाल होगा. पंजाब में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. साथ ही उन्होंने कृषि (Agriculture) और औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Sector) में राज्य के स्थिति बेहतर करने की बात कही है.

एक्सप्रेस अड्डा पर आयोजित चर्चा में शामिल हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह से साल 2017 में आखिरी कार्यकाल वाले बयान को लेकर सवाल किया गया था. इसपर उन्होंने कहा ‘मैंने अपने राज्य के साथ रहने के लिए 2 बार संसद से इस्तीफा दिया है और राज्य की मदद करना मेरा कर्तव्य है. राजनीति में यह मेरा 52वां साल है और मुझे लगते है कि पंजाब को औद्योगिक और कृषि गड़बड़ी से बाहर लाना मेरी जिम्मेदारी है. इसलिए मैं अगला चुनाव लड़ने और उसे जीतने के बारे में सोच रहा हूं.’

चुनाव नहीं लड़ने की बात कहने वाले सिंह से उनका फैसला बदलने को लेकर सवाल किया गया. इसपर उन्होंने कहा ‘जब हम सत्ता में आए थे, तो हमें नहीं पता था हम कहा जा रहे हैं. पिछली सरकार की वजह से राज्य की वित्तीय हालत बिगड़ी हुई थी. जब केंद्र को फूड बिल के तौर पर हमें योगदान देना था, तो उन्होंने इसमें 31 हजार करोड़ रुपए जोड़ दिए.’ सिंह ने कहा ‘पुरानी सरकार ने इसका विरोध करने के बजाए इसे कर्ज की तरह स्वीकार किया.’

सिंह ने कहा ‘औद्योगिक क्षेत्र भी गड़बड़ी का शिकार था, लेकिन शुक्र है कि मैं यहां 71 हजार करोड़ का व्यापार लेकर आया.’ इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन की भी तारीफ की है. उन्होंने कहा ‘इस साल कृषि भी काफी अच्छा रहा. लेकिन हर चीज में वक्त लगता है. ऐसे ही मुझे भी यह कहने के लिए पंजाब में सबकुछ ठीक है, कुछ वक्त की जरूरत है.’

2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान सिंह ने कहा था कि ये उनके आखिरी चुना होंगे. हालांकि, अगले ही साल उन्होंने कहा था कि जब तक पंजाब को गड़बड़ी से बाहर नहीं निकाल लेते हैं, वे नहीं रुकेंगे. 2019 में उन्होंने कहा था कि जब तक पंजाब को नंबर एक का स्थान वापस नहीं मिल जाता, तब तक वे राजनीति नहीं छोड़ेंगे और अगर जरूरत पड़ेगी, तो अगला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.

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