कोरोना पर मोदी ने दिया 72 घंटे का फॉर्मूला:प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा- अगर कोरोना के सबसे ज्यादा मामले वाले 10 राज्य इसे अपना लें तो हालात बदल सकते हैं

प्रधानमंत्री ने कहा- शुरुआती 72 घंटे में ही संक्रमण की पहचान कर लेते हैं, तो संक्रमण धीमा हो सकता है, यह बात लोगों तक पहुंचानी होगी प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों से बात की

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नई दिल्ली। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे ज्यादा प्रभावित आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जिन राज्यों में टेस्टिंग रेट कम है और जहां पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है, वहां टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है। खासतौर पर बिहार, गुजरात, यूपी, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में टेस्टिंग बढ़ाने पर खास बल देने की बात इस समीक्षा में निकली है।

इस बैठक में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, तमिलनाडु के सीएम के पलानीस्वामी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, गुजरात के सीएम विजय रूपानी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार शामिल हुए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस बैठक में भाग लिया। इस साल मार्च में पहली बार लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ कई बैठक की थी।

बैठक में पीएम ने कहा कि अगर हम शुरुआत के 72 घंटों में ही मामलों की पहचान कर लें, तो ये संक्रमण काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले सभी लोगों का 72 घंटे के भीतर परीक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा अब तक का हमारा अनुभव है कि कोरोना के खिलाफ कंटेनमेंट, कांटेक्ट ट्रेसिंग और सर्विलांस, सबसे प्रभावी हथियार है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना की स्थिति पर महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों से बात की। उन्होंने कहा, ‘कोरोना संक्रमण को पहचानने और रोकने में मदद मिल रही है। एक्टिव केस का प्रतिशत कम हुआ है। रिकवरी रेट लगातार सुधर रहा है। इसका मतलब यह है कि हमारी कोशिशें कामयाब हो रही हैं। सबसे अहम यह है कि लोगों के बीच भरोसा और आत्मविश्वास बढ़ा है, डर का माहौल भी कम हुआ है।’

क्या है 72 घंटे का फॉर्मूला?

मोदी ने कहा कि एक्सपर्ट कह रहे हैं कि शुरुआती 72 घंटे में ही संक्रमण की पहचान कर लेते हैं, तो संक्रमण धीमा हो सकता है। 72 घंटे में संक्रमित व्यक्ति के आस-पास वालों की भी टेस्टिंग हो जानी चाहिए। हाथ धोने, मास्क की बात हो, कहीं पर नहीं थूकने की बात हो। इसे लेकर जनता के बीच एक नया मंत्र पहुंचाना पड़ेगा। इन बातों के जरिए हम ज्यादा मामलों वाले इन 10 राज्यों की स्थिति को पलट सकते हैं।

इन 10 राज्यों में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले

राज्य कुल केस मौतें
महाराष्ट्र 5.24 लाख 18050
तमिलनाडु 3.02 लाख 5041
आंध्र प्रदेश 2.35 लाख 2116
कर्नाटक 1.82 लाख 3312
दिल्ली 1.46 लाख 4131
उत्तरप्रदेश 1.26 लाख 2120
पश्चिम बंगाल 98 हजार 2100
बिहार 82 हजार 450
तेलंगाना 82 हजार 645
गुजरात 72 हजार 2672

मोदी के भाषण की 8 अहम बातें

1. ‘टेस्टिंग की संख्या बढ़कर हर दिन 7 लाख तक पहुंच चुकी है। ये लगातार बढ़ भी रही है। इससे संक्रमण को पहचानने और रोकने में जो मदद मिल रही है, आज हम देख रहे हैं। हमारे यहां औसत मृत्यु दर पहले भी दुनिया के मुकाबले काफी कम थी। ये लगातार और कम हो रही है।’

2. ‘आज 80 प्रतिशत एक्टिव मामले इन दस राज्यों में हैं, इसलिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इन सभी राज्यों की भूमिका बहुत बड़ी है। आज देश में एक्टिव मामले 6 लाख से ज्यादा हो चुके हैं। इनमें से ज्यादातर मामले हमारे इन दस राज्यों में ही हैं।’

3. ‘अब तक का हमारा अनुभव है कि कोरोना के खिलाफ कंटेनमेंट, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और सर्विलांस सबसे प्रभावी हथियार है। अब जनता भी यह बात समझ रही है। लोग सहयोग कर रहे हैं। ये जागरूकता की हमारी कोशिशों के एक अच्छे परिणाम की तरह है।’

4. ‘जिन राज्यों में टेस्टिंग रेट कम है और जहां पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है। वहां टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत सामने आई है। खासतौर पर, बिहार, गुजरात, यूपी, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना।’

5. ‘कहीं न कहीं ये एक भाव आज निकलकर आया है कि अगर हम मिलकर अपने इन दस राज्यों में कोरोना को हरा देते हैं, तो देश भी जीत जाएगा।’

6. ‘हमने मृत्यु दर को 1% से भी नीचे लाने का जो लक्ष्य रखा है, इसे भी थोड़ा प्रयास करें तो हासिल कर सकते हैं। आगे हमें क्या करना है, कैसे बढ़ना है। इसे लेकर भी काफी स्पष्टता हमारे बीच और ग्रास रूट लेवल पर भी पहुंची है।’

7. ‘जिन राज्यों में टेस्टिंग कम और पॉजिटिव केस ज्यादा हैं, वहां टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत की बात सामने आई है। बिहार, गुजरात, यूपी, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना में टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है।

8. ‘जिन 10 राज्यों में जहां 80% केस, 82% डेथ रेट है, वे सभी मिलकर भारत को विजयी बना सकते हैं।’

कोरोना पर 5 महीने में राज्यों के साथ मोदी की 7वीं बैठक
कोरोना पर 5 महीने में राज्यों के साथ मोदी की ये 7वीं बैठक थी। देश में कोरोना के 22.67 लाख केस सामने आ चुके हैं और 45 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले महीने शुरू हुए अनलॉक-3 में जिम और हेल्थ सेंटर्स को खोलने की परमिशन दी गई थी।

पिछली 6 मीटिंग कब-कब हुईं, तब क्या स्थिति थी?

मीटिंग की तारीख क्या चर्चा हुई कोरोना के केस कोरोना से मौतें
20 मार्च मोदी ने सोशल डिस्टेंसिंग और 22 मार्च के जनता कर्फ्यू पर फोकस किया। 249 5
2 अप्रैल 9 मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा हुई। मोदी ने कहा- लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे छूट देना ही बेहतर होगा। 2,543 72
11 अप्रैल लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाने पर सहमति बनी। मीटिंग में शामिल 10 मुख्यमंत्रियों ने समर्थन किया। 8,446 288
27 अप्रैल हॉटस्पॉट के बाहर 4 मई को लॉकडाउन खोलने पर सहमति बनी। पांच राज्य 3 मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाने के फेवर में थे। 29,451 939
11 मई मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा- 15 मई तक बताएं कि अपने राज्य में कैसा लॉकडाउन चाहते हैं। 70,768 2,294
16-17 जून प्रधानमंत्री ने कोरोना से बचाव के तरीकों, लॉकडाउन के असर, अनलॉक-1, इकोनॉमी और रिफॉर्म्स की बात की। 3,67,263 12,262

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