अपने ही देश की फजीहत / पाकिस्तान की मंत्री ने कहा- यहां के लोग जाहिल, दुनिया में पाकिस्तान जितने अनपढ़ और किसी देश में नहीं होंगे

पाकिस्तान के बारे यह टिप्पणी वहां के पंजाब प्रांत की स्वास्थ्य मंत्री यास्मीन राशिद ने की राशिद ने एक इंटरव्यू में लाहौर के लोगों को अजीब तरह का जानवर बताया

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इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की स्वास्थ्य मंत्री यास्मीन राशिद के मुताबिक, पाकिस्तानी जाहिल होते हैं और उनसे ज्यादा अनपढ़ दुनिया के किसी और देश में नहीं हैं। राशिद ने अपने अवाम के लिए यह टिप्पणी महामारी पर उनकी लापरवाही से नाराज होकर की। यास्मीन इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की ही विधायक हैं।
आंकड़ों के लिहाज से देखें तो बुधवार सुबह तक पाकिस्तान में कुल 1 लाख 54 हजार 760 संक्रमित थे। 2975 की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मामले पंजाब प्रांत में ही हैं। यहां 58 हजार 239 मामले सामने आ चुके हैं।

सरकार की बात को गंभीरता से नहीं लेते
यास्मीन ने जियो टीवी को दिए इंटरव्यू में मुल्क के लोगों के बर्ताव पर सख्त नाखुशी जाहिर की। इस दौरान वो सही लफ्जों का चुनाव भी नहीं कर सकीं। राशिद के मुताबिक- सरकार ने संक्रमण रोकने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। लेकिन, लोग इनको मानने ही तैयार नहीं हैं। वो जाहिलों की तरह बर्ताव करते हैं। राशिद ने कहा कि पाकिस्तान से ज्यादा अनपढ़ किसी और देश में नहीं हो सकते।

लाहौरियों से ज्यादा नाराजगी
यास्मीन ने एक सवाल के जवाब में कहा, “लाहौर के लोग तो अजीब तरह के जानवर हैं। वो तो कोरोनावायरस के बारे में भी कोई बात नहीं सुनना चाहते। सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं रखते। इसलिए, मैं कह रही हूं कि हमसे ज्यादा अनपढ़ लोग और किसी मुल्क में नहीं होंगे। यहां के लोग सोचते हैं कि वायरस तो चला गया। बदकिस्मती से ईद की शॉपिंग के दौरान ज्यादातर लोग कोरोना की चपेट में आए।”

पंजाब प्रांत की मुश्किल
महामारी को लेकर पाकिस्तान के दो प्रांत मुश्किल में हैं। सिंध का आरोप है कि इमरान खान की केंद्र सरकार उन्हें महामारी से लड़ने के लिए जरूरी साज-ओ-सामान मुहैया नहीं करा रही है। यहां पिछले महीने डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। शुरुआत में पंजाब में मामले सिंध की तुलना में काफी कम थे। ईद के बाद ये तेजी से बढ़े। अब यहां सिंध से ज्यादा मामले हैं। राज्य सरकार लॉकडाउन की मांग कर रही है लेकिन, इमरान इसकी मंजूरी देने तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि इससे भुखमरी का खतरा पैदा हो जाएगा।

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