इस्लामाबाद. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पहला मंदिर बनाए जाने का विरोध शुरू हो गया है। मजहबी शिक्षा देने वाले संस्थान जामिया अशर्फिया ने मंगलवार को कहा- मंदिर निर्माण इस्लाम के खिलाफ है। इस संस्थान ने मंदिर बनाने के खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया। पिछले हफ्ते ही मंदिर की नींव रखी गई थी। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसके लिए 10 करोड़ रुपए की मंजूरी भी दी थी।
जामिया अशर्फिया की लाहौर यूनिट के प्रमुख मुफ्ती जियाउद्दीन ने कहा- अल्पसंख्यक समुदायों के धार्मिक स्थलों की मरम्मत पर सरकारी धन खर्च करने की अनुमति है, लेकिन गैर-मुस्लिमों के लिए मंदिर या नए धार्मिक स्थल बनाने की मंजूरी नहीं दी गई है। लोगों के टैक्स के पैसे को अल्पसंख्यकों के लिए मंदिर निर्माण में खर्च करना सरकार के फैसले पर सवाल खड़े करता है।
वहीं, अल्पसंख्यक सांसद लाल चंद मल्ही ने कहा- विरोध की परवाह नहीं है, मंदिर निर्माण जारी रहेगा। इस्लामाबाद में हिंदुओं की आबादी करीब 3 हजार है।
हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
इस बीच, इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मंदिर निर्माण के खिलाफ एक याचिका पर कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी (सीडीए) को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता के अनुसार, यह योजना राजधानी के लिए तैयार मास्टर प्लान के तहत नहीं आती है।
27 जून को प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी
27 जून को इमरान ने धार्मिक मामलों के मंत्री पीर नूर उल हक कादरी के साथ बैठक के बाद प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इस दौरान अल्पसंख्यक नेता लाल चंद मल्ही, शुनीला रूथ, जेम्स थॉमस, डॉ. रमेश वांकवानी और जय प्रकाश उकरानी मौजूद थे।
Hari Dutt Joshi/ Chief Editor
Punjab Ka Sach Newspaper ( RNI Reg. No PUNBIL/2015/63534)
Mobile: 6284715173
Mail- punjabkasach@gmail.com, haridutt08@gmail.com
Download App in Google play store..
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.punjabkasach
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.